छत्तीसगढ़ सरकार कोंटा डीएव्ही स्कूल कर्मचारियों के वेतन भुगतान करें:-सुन्नम पेंटा

 

छत्तीसगढ़ सरकार कोंटा डीएव्ही स्कूल कर्मचारियों के वेतन भुगतान करें:-सुन्नम पेंटा


छत्तीसगढ़ ( सुकमा/कोंटा ) गौरव सिंह राठौड़ । सुकमा जिले के कोंटा में संचालित डीएव्ह मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल कर्मचारियों के विगत वर्ष-2020अप्रैल से वेतन भुगतान नही करने के संबंध में विगत वर्ष 2020 दिनांक 12अक्टूबर सुकमा कलेक्टर को भाजपा जिला मंत्री सुन्नम पेंटा ने लिखित शिकायत कर उक्त कर्मचारियों के वेतन अतिशीघ्र भुगतान करवाने हेतु लिखित शिकायत किये थे।परंतु आज पर्यंत तक उक्त शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं किया गया है।




इस समय देश कोविड-19 महामारी जैसे बीमारी से ग्रसित है।उसके बावजूद कोंटा डीएव्ही स्कूल शिक्षा सत्र 2019-20 में कक्षा दसवीं,बाहरवीं में शत प्रतिशत 100% अंक अर्जित कर पूरे प्रदेश स्तर में परचम लहरा कर सुकमा जिले का नाम रोशन कर कोंटा जैसे अतिसंवेदनशील क्षेत्र का मान बढ़ाया है।परंतु जिला प्रशासन इन शिक्षकों को वेतन भुगतान न करके मानसिक रूप से प्रताड़ित कर भेदभाव करने की बात कहीहै।एक ओर देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट तौर पर निर्देशित किये थे कि लॉकडाउन के दौरान किसी भी शासकीय,अर्धशासकीय कर्मचारियों का वेतन में किसी प्रकार का कटौती नही किया जायेगा।गौरतलब है कि यंहा पर गौर करने वाली बात है कि इस स्कूल में छत्तीसगढ़ अन्य जिला के अलावा पड़ौसी राज्य आन्ध्र प्रदेश तेलंगाना के शिक्षक कोंटा के किराये के मकान में रहकर गुणवत्तायुक्त शिक्षा दी जी रही है। इन्हें प्रोत्साहित करना छोड विगत आठ माह से वेतन भुगतान नहीं करके छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार मानसिक रूप से परेशान कर रही है।इस संबंध 12अक्टूबर को भाजपा जिला मंत्री सुन्नम पेंटा ने सुकमा जिला शिक्षा अधिकारी से टेलीफोन पर चर्चा करने के दौरान पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इस स्कूल से हमारा कोई संबंध नहीं होने बात कही है।जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इनका मुख्यालय रायपुर होने की बात कही है। विदित हो कि सुकमा जिले के अंतर्गत डीएव्ही मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल कोंटा, मुरतोंडा,रोकेल में सुचारू रूप से संचालित हो रही है और डीएव्ही स्कूल मुरतोंडा,रोकेल शिक्षकों को समय-समय पर वेतन दिया जा रहा है।




आखिर बात क्या है? समझ से परे है


उल्लेखनीय है कि कोंटा अतिसंवेदनशील क्षेत्र जरूर है लेकिन होनहारों की कमी नही है। इसका जीता जागता उदाहरण है आज भारत सरकार नई दिल्ली में एर्राबोर निवासी सोयम शुंकू नामक व्यक्ति रक्षा मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर पद जैसे सर्वोच्च पद पर विराजित है।आखिर सरकार उक्त शिक्षकों के वेतन भुगतान करने में सरकार का क्या मजबूरी हैं।छत्तीसगढ़ सरकार ऐसा करके शिक्षा स्तर को बढ़ाने के बजाय घटाने का काम कर रही है।

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