मरीजों से मधुर एवं आत्मीय व्यवहार कर समय पर उनका ईलाज सुनिश्चित करें-संसदीय सचिव जैन
महारानी अस्पताल की जीवनदीप समिति की बैठक में दिए निर्देश
छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) बस्तर दर्पण । संसदीय सचिव रेखचन्द जैन महारानी अस्पताल जगदलपुर के डाॅक्टरों एवं अन्य चिकित्सीय अमले को महारानी अस्पताल मेें भर्ती होने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों से मधुर एवं आत्मीय व्यवहार कर उनका समय पर ईलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। जैन ने कहा कि महारानी अस्पताल पूरे प्रदेश के अग्रणी जिला अस्पतालों में से एक है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों का पूरी संवेदनशीलता के साथ ईलाज कर इस अस्पताल की गरिमा को बरकरार रखना है। साथ ही ग्रामीणों क्षेत्रों के अस्पतालों में सुरक्षा एवं निगरानी की व्यवस्था करने को कहा।
जैन आज महारानी अस्पताल जगदलपुर के शहीद गुण्डाधुर सभागार में आयोजित अस्पताल के जीवनदीप समिति की बैठक में अस्पताल के अधिकारी-कर्मचारियों को उक्ताशय के निर्देश दिए हैं। बैठक में महापौर श्रीमती सफीरा साहू, नगर निगम के सभापति श्रीमती कविता साहू, कलेक्टर रजत बंसल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी इन्द्रजीत चन्द्रवाल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आरके चतुर्वेदी, सिविल सर्जन डाॅ. प्रसाद सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारीगण उपस्थित थे।
संसदीय सचिव जैन ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ग्रामीणों क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों में मरीजों का समय पर ईलाज सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बिना किसी वाजिब कारण के मरीजों को जगदलपुर रेफर न किया जाय तथा चिकित्सीय अमले का पूरे समय स्वास्थ्य केन्द्रों में उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा। महापौर श्रीमती सफीरा साहू ने बस्तर जिले में स्वास्थ्य विभाग के पूरे अमले के द्वारा कोरोना काल के दौरान इस वायरस के रोकथाम हेतु किए गए उपायों तथा कार्य के प्रति उनकी समर्पण की सराहना की। कलेक्टर रजत बंसल ने अस्पताल अधीक्षक डाॅ. प्रसाद को महारानी अस्पताल के स्वीकृत 100 सीटर बैड को बढ़ाकर 250 बैड करने हेतु शासन को पत्र लिखने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल के चिकित्सकों को मरीजों के लिए केवल जेनरिक दवाईयां ही लिखने को कहा। इसके अलावा महारानी अस्पताल में पेंशनरों एवं वृद्धजनों के लिए दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निदेश भी दिए।
इस दौरान सिविल सर्जन डाॅ. प्रसाद ने बैठक की रूपरेखा एवं अस्पताल की कार्य पद्धति के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मेडिकल काॅलेज के स्थापना के बाद वर्तमान में महारानी अस्पताल में 4 वार्ड संचालित हैं। बैठक में अस्पताल का वार्षिक लेखा-जोखा प्रस्तुत करने के अलावा अस्पताल में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण में हुए कार्यों की जानकारी दी गई। इस दौरान अस्पताल में मरीजों को प्रदाय की जाने वाली विभिन्न सेवाओं के लिए शुल्क का भी निर्धारण किया गया। सिविल सर्जन ने बताया कि अस्पताल में ईलाज हेतु केवल सक्षम लोगों से नाम मात्र शुल्क लिया जाता है।
इस दौरान संसदीय सचिव, महापौर, निगम सभापति, कलेक्टर एवं अधिकारियों ने महारानी अस्पताल के टेली मेडिसीन कक्ष एवं अस्पताल परिसर में कामर्शियल दुकानों के लिए प्रस्तावित स्थान का भी अवलोकन किया। सिविल सर्जन प्रसाद को इसका सुव्यवस्थित रूप से निर्माण करने के लिए योजना बनाने के निर्देश दिया गया। संसदीय सचिव जैन ने महारानी अस्पताल में नव निर्मित शव परीक्षण गृह के कार्यों के संबंध में जानकारी ली तथा इसमें शीघ्र शव परीक्षण के कार्य को शुरू कराने के निर्देश दिए।
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