किसानों के हित में ठोस काम करने वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा अभी से झूठा प्रचार करने लगी है : सुरेश चौहान

 

किसानों के हित में ठोस काम करने वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा अभी से झूठा प्रचार करने लगी है : सुरेश चौहान


छत्तीसगढ़ ( सुकमा ) अमन सिंह भदौरिया । सुकमा जिले के दोरनापाल में धान खरीदी को लेकर दोरनापाल ब्लॉक कांग्रेस कमेटी द्वारा ब्लॉक अध्यक्ष सुरेश सिंह चौहान की अध्यक्षता में नगर पंचायत अध्यक्षा बबिता माड़वी ,उपाध्यक्ष यूथपति यादव ,पार्षद शिवभारती, कवासी हुर्रा, लयो दुर्गा की मौजूदगी में प्रेस वार्ता ली गई जिसमें कहा गया कि धान पर प्रमुख बिन्दु 06 जनवरी 2021 मोदी सरकार के तीन काले कानून के खिलाफ देशभर में किसान आंदोलन कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों का धान समर्थन मूल्य खरीद रही है, 20 लाख से अधिक किसानों से अभी तक 5 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी होने जा रही है। ऐसे में किसान विरोधी भाजपा और भाजपा के नेता नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन किसान विरोधी काला कानून से जनता का ध्यान हटाने के लिए छत्तीसगढ़ में किरानों के धान खरीदी के नाम से राजनीति कर रहे हैं किसानों के शुभचिंतक होने का ढोंग कर रहे है। 




मोदी भाजपा के किसान विराधी चरित्र से छत्तीसगढ़, ही नहीं पूरे देश भर के किसान जान्न हो चुके है। पर भाजपा के नेता लगातार झूठ का सहारा ले है। किसानों के हित में ठोस काम करने वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा अभी से झूठा प्रचार करने लगी है। 2018 विधानसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा नेताओं की सारी याददाश्त चली गयी है क्या ? काग्रेस सरकार ने किसानों और पान का सम्मान किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों का धान समर्थन मूल्य में खरीदा है। पहले साल 80 लाख टन से अधिक और दूसरे साल 83 लाख टन धान की खरीदी की है। भाजपा की 15 साल की सरकार में तो 15 लाख से भी कम किसानों से औसत 50 लाख टन धान ही प्रतिवर्ष रखरीदा गया। मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल की सरकार ने पहले साल 2018-19 में 16 लाखा 1 हजार किसानों से 80 लाख टन से अधिक धान खरीदा और दूसरे साल 2019-20 में 10 लाख 52 हजार किसानों से 83 लाख टन से अधिक धान खरीदा गया। इस साल 2 लाख 50 हजार से अधिक किसानों का पंजीयन हो चुका है। कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया है जिसकी सोच ही कभी भाजपा के पास नहीं थी। पान का समर्थन मूल्य देने वाली कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ भाजपा नेता सीधे - सीधे जनता की आँखों में धूल झोकने की कोशिश है।

 



धान खरीदी पर भाजपा किस मुंह से बोल रही है ? भाजपा को किसानों और ग्रामीण मतदाताओं से अब कोई समर्थन इसलिये नहीं मिलेगा क्योंकि छत्तीसगढ़ के लोग भाजपा के किसान विरोधी, गरीब विरोधी, मजदूर विरोधी चरित्र को बखूबी समझ चुके है। भाजपा ने कहा था कि स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशे लागू करेंगे, किसानों को फसल की लागत पर डेढ गुना जोड़कर दाम देंगे नहीं दिया। भाजपा ने कहा था 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करेंगे, अभी तक किसानों की आय बढ़ाने के लिये कुछ भी नहीं किया। 2100 रू. समर्थन मूल्य व 300 रु. 300 रू. बोनस का झूठा पाया भी भाजपा ने किया था। भाजपा ने तो किसानों के साथ धोखाधड़ी ही की है। भाजपा किसान स्तिषी बनने का स्वांग रचती रही है और किसानों के लिये घड़ियाली आंसू बहाती है। भाजपा के किसान विरोधी चरित्र को छत्तीसगढ़ को किसान बखूबी जानते समझते है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के किसान हितेषी कार्यों से छत्तीसगढ़ के किसान खुशहाल हुए हैं किसानों के कर्ज माफी का लाभ 20 लास किसान परिवार को मिला। धान का समर्थन मूल्य एवं राजीव गांधी न्याय योजना के जरिये धान, मक्का और गन्ना उत्पादक किसानों को प्रति एकड़ 10 हजार रू. की प्रोत्साहन राशि मिलने से छत्तीसगढ़ खुशहाल हुआ है। 


भाजपा निरन्तर किसान विरोधी कृत्यों में लगी हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के छवि खराब करने भाजपा षड्यंत्र प्रपंच झूठे एवं मनगढंत आरोप लगाकर किसानों को बरगलाने का प्रयास कर रही है। भाजपा द्वारा किसानों को बरगलाने चलाएं भात पर बात और वर्तमान में खेत सत्याग्रह को किसानों ने ठेंगा दिखा दिया। भाजपा के राजनीतिक नौटंकी को किसानों का समर्थन नहीं मिला। छत्तीसगढ़ के किसान भली - भांति समझ गए है यह वही भाजपा है जो 15 साल तक राज्य में सत्ता में रही लेकिन पान को रखने के लिए चबूतरा और गोदाम का निर्माण तक नहीं करा पाई वादा के अनुसार किसानों को 2100 रु धान की कीमत और 300 रु क्विंटल बोनस पांच साल तक नहीं दिया। राज्य निर्माण के बाद रमन भाजपा का 15 साल का शासन काल घान के कटोरा, अन्नदाता और अन्न के लिए आपदा से कम नहीं था। उस दौरान किसानों के ऊपर बेइंतिहा अत्याचार हुए खेत के लिए पानी मंगने वालों पर लाठी बरसाई गई, किसानों का शोषण किया गया। किसानों के लिए बनाये गए जलाशय की पानी को उद्योगपतियों को बेचा गया। किसानों से सीधा धान खरीदने के बजाए सीमावर्ती राज्यों से तस्करी कर लाये गये धान की रमन सरकार के संरक्षण में सरकारी खरीद होती थी। रमन भाजपा ने किसानों के बेहतर कल के लिये एवं अन्न को सुरक्षित रखने के लिए कोई उपाय नहीं किया है। रमन भाजपा यदि किसानों से किए वादे को पूरा करते तो छत्तीसगढ़ के 20 लाख किसान कर्ज से दबे हुए नहीं होते। हजार किसानों की आत्महत्या की घटनाएं नहीं होती। रमन भाजपा ने किसानों के साथ वादाखिलाफी दगाबाजी की जिसके चलते किसान अपने खेत खिलहान पशुधन और स्त्रीधन को बेचने मजबूर थे। रमन भाजपा की कमीशन खीरी और भ्रष्टाचार चलते ही छत्तीसगढ़ के खजाने पर 41 हजार करोड़ कर्जभार बढ़ा। जो विरासत में वर्तमान सरकार को मिला जिसका ब्याज भी वर्तमान सरकार चुका रही है। धान और चावल घोटाला भाजपा सरकार की ही देन है। 

किसान के अन्न का अपमान तो भाजपा करती थी जब 2100 रू. बोलकर नहीं दिया किसान और धान का अपमान भाजपा की फितरत है। रमन सिंह सरकार ने 15 साल धान को संरक्षित करने और धान खरीदी को सुव्यवस्थित करने की कोई व्यवस्था ही नहीं बनाई। धान की बर्बादी पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले भाजपा जवाब दें कि छत्तीसगढ़ में 15 साल सरकार चलाने के दौरान भाजपा सरकार ने धान को सुरक्षित भंडारण के लिये कितने गोडाउन का निर्माण करवाया था। साल में कमीशनखोरी के लिये बिना आवश्यकता के सिर्फ कमीशनखोरी की नियत से बड़ी - बड़ी अट्टालिकायें बनाने वाली तत्कालीन रमन सरकार ने धान के सुरक्षित भंडारण के लिये कोई योजना नहीं बनाया था और न ही निर्माण करवाया। भाजपा की स्मन सिंह सरकार ने 15 साल धान को संरक्षित करने और धान खरीदी को सुव्यवस्थित करने की कोई व्यवस्था ही नहीं बनाई। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर अनुमानित धान उपार्जन हेतु लगभग 3.50 लाख गठन नये बारदानों की आवश्यकता के विरुद्ध जूट कमिश्नर , कोलकाता के माध्यम से भारत सरकार द्वारा केवल 1.45 लाख गठन नये बारदाने ही क्यो उपलब्ध कराये जा रहे है ? शेष बारदानों की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। भाजपा ने 2013 के घोषणा पत्र में कहा था कि 2100 रू. समर्थन मूल्य देंगे, नहीं दिया। भाजपा ने कहा था कि 5 साल तक 300 रू. बोनस देंगे, नहीं दिया। भाजपा ने कहा था एक - एक दाना धान खरीदेंगे , नहीं खरीदा। भाजपा ने कहा था 5 हार्सपावर पंपों को मुफ्त बिजली देंगे , नहीं दी। पिछले पंद्रह दिनों से जो घटनाक्रम बयानबाजी विशेषकर भाजपा नेताओं की चल रही है उससे एक बात स्पष्ट हो गयी कि भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ के नेता राज्य की धान खरीदी को बाधित करने का पड्यंत्र रच रहे और भाजपा की केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ भाजपा के नेताओ के मंशा के अनुरूप धान खरीदी पर तमाम तरीके की अड़गेबाजी लगा रही है।

राज्य सरकार के द्वारा एफसीआई से चावल जमा करने के अनुरोध पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना में किसानों को बोनस तो नही दे रहे ? यह सवाल केंद्रीय खाद्य मंत्री क्यों पूछ रहे ? जबकि राज्य सरकार ने साफ कर दिया था कि यह किसानों की सहायता राशि है न कि धान का बोनस। धान खरीदी प्रतिक्विंटल में होती है। न्याय योजना की सहायता प्रति एकड़ में दी जा रही। भाजपा की प्रदेश प्रभारी पुरंदेश्वरी गलत बयान दे रही कि केंद्र ने धान खरीदी के लिए 9000 करोड का अग्रिम भुगतान किया है। केंद्र ने कोई अग्रिम भुगतान नहीं किया राज्य सरकार धान खरीदी मार्कफेड के माध्यम से करती हैं मार्क फेड विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेती है जिसका व्याज सहित वापसी मार्क फेड कारता है। इस वर्ष भी 16,000 करोड़ ऋण लेने की योजना है। 9500 करोड़ का लोन मार्कफेड ने एनसीडीबी ( नेशनल कोऑपरेटिव डेवलेप मेन्ट कॉर्पोरेशन ) से लिया जिसका व्याज राज्य सरकार मार्कफेड करेगा। इसमें केंद्र का एक रु का न अनुदान है और न सहायता। छत्तीसगढ़ से 60 लाख मेट्रिक टन चावल लेने का कमिटमेंट कर 24 लाख मैट्रिक अनुमति प्रदान करना है मोदी भाजपा के किसान विरोधी कृत्य है। चावल लेने की राजीव गांची किसान न्याय योजना के माध्यम से धान मक्का गन्ना उत्पादक किसानों को 10,000 प्रति एकड़ सहायता राशि दी जा रही है तो भाजपा को तकलीफ क्यों ? भाजपा के सह प्रभारी नितिन गलत बयानबाजी कर रहे है। बीते वर्ष 28 लाख मीट्रिक टन उसना चावल एफसीआई में जमा करानी थी जिसमें से 26 लाख मीट्रिक टन उसना चावल जमा हो चुका है शेष 2 लाख मीट्रिक टन चावल भी जमा कराये जाने बाकी है। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से चावल जमा कराने की तारीख में बढ़ाने की मांग की है। राजीव गांची किसान न्याय योजना किसानों की सहायता के लिए शुरू की गई है इसमें धान का बोनस नहीं मिलता लेकिन भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भाजपा के 9 सांसदों ने केंद्र सरकार को गुमराह कर छत्तीसगढ़ के किसानों को मिल रहे प्रति एकड 210,000 की सहायता राशि को बोनस बता कर सेंट्रल पूल में लेने वाले पुल में लेने वाले पूर्व में दी गई 60 लाख मीट्रिक टन चावल के कोटा को कम करा कर 24 लाख मीट्रिक टन किया गया भाजपा का छत्तीसगढ़ के किसान विरोधी कृत्य है। 

छत्तीसगढ़ के धान खरीदी में निरंतर केंद्र सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है छत्तीसगढ़ के किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम होते देख भाजपा नेताओं को पीडा हो रही है। कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ के किसानों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा राजीव गांधी किसान योजना के माध्यम से प्रति एकड़ 1ि 0,000 देने का स्वागत करती है और केंद्र सरकार से मांग करती है छत्तीसगढ़ के किसानों के विरोध में खड़े भाजपा सांसदों के गुमराह करने वाले शिकायत को शिथिल कर छत्तीसगढ़ को पूर्व में दी गई 60 लाख मीट्रिक टन चावल देने की कोटा को यथावत करें एवं एफसीआई में चावल लेने की अनुमति प्रदान करें ।राज्य सरकार धान खरीदी में एजेंसी मात्र है छत्तीसगढ़ में किसानों के पास समर्थन मूल्य में धान खरीदी के भुगतान की पर्ची है लेकिन भाजपा नेताओं व सांसदों ने केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ में किसानों को धान की बोनस देने की झूठी शिकायत की गई और किसानों के धान खरीदी में व्यवधान उत्तपन्न करने का षड्यंत्र किया गया। भाजपा छत्तीसगढ़ के धान म, मक्का, गन्ना उत्पादक किसानों के आर्थिक सम्पनता में बाधक है। भाजपा बतायें छत्तीसगढ़ के किसानों को 10 हजार रु प्रति एकड़ की आर्थिक सहायता के पक्ष में है कि विरोध में है ? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार में कृषि को लाभ का क्षेत्र बनाया तो बीते 2 साल में छत्तीसगढ़ में धान पैदा करने वाले किसानों की संख्या में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है और धान पैदावार का रकबा बढ़ा है छत्तीसगढ़ में चालू खरीफ वर्ष में 21 लाख 50 हजार किसान धान बेचने पंजीकृत हुए हैं , 90 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की जाएगी पूर्व की रमन सरकार ने 15 साल में 50 लाख मेट्रिक टन से अधिक की धान की खरीदी नहीं की। किसानों से किए वादे को रमन सिंह ने पूरा नहीं किया किसानों को धान की कीमत 2100 प्रति क्विंटल और 300 बोनस देने का वादा किया गया था। 

भाजपा प्रभारी पुरंदेश्वरी को छत्तीसगढ़ के किसानों की भला चाहती हैं आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की विचार रखती है तो भाजपा के 9 सांसदों दो राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के 14 विधायकों को लेकर दिल्ली जाएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से छत्तीसगढ़ के किसानों से प्रति एकड़ 25 क्विंटल धान खरीदी के अनुपात में चावल लेने की अनुमति लेकर आए। मोदी सरकार ने भी किसानों को स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने का वादा किया था सस्ते दरों पर डीजल एवं रासायनिक खादों की उपलब्धता की वचन दिया था किसानों की आय दोगुनी का सपना दिखाया है जो अब तक पूरा नहीं हुआ है।

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