तनवी, ज्योति और अब्दुल संग सैकड़ों ने जीती कुपोषण से जंग

 

तनवी, ज्योति और अब्दुल संग सैकड़ों ने जीती कुपोषण से जंग


सुपोषित आहर से बदल रही सुकमा की तस्वीर


“संवरता सुकमा” लक्ष्य की ओर अग्रसर


छत्तीसगढ़ ( सुकमा ) बस्तर दर्पण ।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल  द्वारा 2 अक्टूबर 2019 से शुरू किए गए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के क्रियान्वयन से बच्चों और महिलाओं के कदम कुपोषण को मात देने में आगे बढ़ रहे हैं। अक्टूबर 2019 से प्रारम्भ इस योजना से जिले के 3 हजार से अधिक बच्चों को कुपोषण के दुष्चक्र से बाहर निकाला गया है। जिला प्रशासन के संवरता सुकमा कार्ययोजना के सफल क्रियान्वयन से जिले के कुपोषण दर में लगातार कमी आ रही है। 




इस अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और मितानिनों के माध्यम से कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण आहार प्रदान किय जाता है जो बच्चों के वजन बढ़ाने के साथ ही अन्य पोषक तत्व प्राप्त करने में सहायक है। गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कर चिकित्सकों की सतत् निगरानी में आवश्यक उपचार, पौष्टिक आहार के साथ ही दवाईयां दी जाती है ताकि बच्चों के सेहत में जल्दी सुधार हो। 


बच्चों के खिलखिलाते चेहरे अभियान के सफलता का प्रमाण

आंगनबाड़ी में सुपोषण आहार ग्रहण करने आए छोटे बच्चों के मुस्कुराते चेहरे इस बात का प्रमाण है कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का असर साफ तौर पर है। सुकमा विकासखंड अन्तर्गत आंगनबाड़ी केंद्र गीदम में जब बच्चों को गरमा गरम भोजन परोसा गया तो उनके चेहरे खुशी से खिल उठे। आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता श्रीमती सरिता पोड़ियामी ने बताया कि उनके केंद्र में 22 बच्चों को सुपोषण आहार दिया जा रहा है। जिसमें अधिकतर बच्चे विगत तीन माह से सामान्य श्रेणी में आ चुके हैं। रोजाना बच्चे सुबह से ही केंद्र में आकर खेलते हैं और अपना भोजन ग्रहण कर फिर से धमाचैकड़ी में लग जाते है। सुबह के समय भी वह बच्चों को रेडी टू ईट से बने लड्डू और बर्फी का नाश्ता देती है। उन्होंने बताया कि बच्चों को शाम को परोसी जाने वाली दाल, मूंगफली, सोया बड़ी आदि सामग्रियों से बनी खिचड़ी बहुत पसंद है। बच्चे बड़े चाव से खिचड़ी खाते है।


तनवी, अब्दुल, ज्योति सहित औरों ने भी दी कुपोषण को मात


संवरता सुकमा अभियान के तहत शारीरिक रूप से कमजोर और कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए किए जा रहे प्रयास का नतीजा साफ दिख रहा है। 4 वर्षीया बालिका तनवी का वजन सितंबर माह में 6.6 किलोग्राम था जो आज जनवरी माह में बढ़कर 8.89 किलोग्राम हो चुका है। इसी प्रकार अब्दुल का वजन भी 9.92 किलोग्राम से बढ़कर 10.5 किलो हो चुका है। बालिका ज्योति ने भी सुपोषित आहार का लाभ लेकर अपना वजन महज तीन माह में ही 7.91 किलो से 9.8 किलो कर कुपोषण को मात दी है। इसी प्रकार जिले के करीब 3 हजार से अधिक बच्चों को मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की मदद से सुपोषित बच्चों की श्रेणी में लाया गया है।

गौरतलब है कि इस योजना के तहत प्रदेश में 06 वर्ष से कम आयु के बच्चों में व्याप्त कुपोषण को जड़ से समाप्त करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में निर्धारित सेवा के अतिरिक्त पोषण आहार बच्चों को प्रदाय किया जा रहा है। साथ ही पोषण केंद्र में बच्चों को नियमित तौर पर अंडा, दूध, रागी हलवा इत्यादि पौष्टिक भोजन परोसा जा रहा है। जिले में कुपोषण की दर में 13 प्रतिशत की कमी आई है।

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