‘दू पईडील सुपोषण बर‘ कार्यक्रम को मिल रहा सभी वर्ग का सहयोग

 ‘दू पईडील सुपोषण बर‘ कार्यक्रम को मिल रहा सभी वर्ग का सहयोग


कुपोषण के दानव को हराने के लिए सभी ने कसी कमर


छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) बस्तर दर्पण ।  बस्तर जिले में कुपोषण के दानव को हराने के लिए सभी एकजुट हो रहे हैं। कलेक्टर रजत बंसल के मार्गदर्शन में सुपोषण को लेकर शुरु किए गए अभियान के तहत जन-जन को जागरूक करने के लिए ‘दू पईडील सुपोषण बर‘ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। एक सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत 10 से 17 जनवरी तक विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं। सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम को सभी वर्गों का व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है।

 



विभिन्न स्तरों पर संचालित इस कार्यक्रम में ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवकों को जोड़ते हुए जिले में कुपोषण के स्तर में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है। कोलेंग से लेकर ककनार तक इस कार्यक्रम के जरिए आने वाली तस्वीरें कुपोषण रुपी दानव को हराने का सपना संजोने वालों के मन में उत्साह भर रही हैं। इस कार्यक्रम के तहत स्वैच्छिक अनुदान को भी बढ़ावा देते हुए जिले के कुपोषित बच्चों को चिन्हिांकित कर पोषण पुनर्वास केंद्रों के माध्यम से भी लाभान्वित किया जाएगा।




इस कार्यक्रम के तहत् बस्तर जिले के रमणीय स्थानों में सायकिल रैलियां भी आयोजित की जाएंगी। 17 जनवरी को सुबह 6 बजे से सायकल रैली प्रारंभ होगी जो चित्रकोट से मेंद्री घुमर-तामड़ा घुमर होते हुए मिचनार तक 45 किमी. तक की दूरी तय करेगी। बच्चों और बिगिनर सायकलिस्ट के लिए चित्रकोट से मेंद्री घुमर-तामड़ा घुमर 20 किमी. की दूरी रखी गई है। प्रोफेशनल सायकलिस्टो के लिए चित्रकोट, मेंद्री घुमर-तामड़ा घुमर मिचनार होते हुए ऑफरोडिंग सायकलिंग का भी आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान में आदिवासी संस्कृति, स्थानीय व्यंजन का प्रदर्शन किया जाएगा। जिसका आने वाले आंगतुक और सायकलिस्ट लुफ्त उठा सकेंगे। साथ ही एंडवेंचर स्पोर्टस के तहत् राॅक क्लाईबिंग, वाॅटर वेप्लिंग, घने जंगलों के बीच ऑफरोडिंग, ट्रैकिंग, कैम्पींग के साथ बोनफायर का भी आयोजन किया जा रहा है। 




कुपोषण से ग्रस्त शिशुओं का शारीरिक एवं मानसिक विकास सामान्य शिशुओं की तुलना में कम होने और गंभीर कुपोषण शिशुओं की मृत्यु तक की संभावनाओं को देखते हुए कुपोषण के इस दानव को हराने के लिए जन-जन में जागरुकता लाकर इसे जनांदोलन के रुप में बदलने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। 


इसके तहत आयोजित ’’दू पईडील सुपोषण बर’’ कार्यक्रम में प्रदेश एवं देश-विदेश से कई सायकल सवार सम्मिलित होगें। इस अभियान का उद्देश्य जिले को कुपोषण से शत-प्रतिशत मुक्त कराना है। कुपोषण से मुक्ति में जन भागीदारी तय करने हेतु  जिले के समस्त जनों से स्वैच्छिक दान करने का आग्रह किया गया है। इस कार्यक्रम को युवोदय के स्वयं सेवक, मितानिन, आंगनबाडी कार्यकर्ता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।


अभियान के अंतिम दिन 17 जनवरी 2021 को कुपोषित बच्चों के अभिभावक समेत ग्रामवासियों द्वारा भी अपने-अपने ग्राम में सायकल चालन का कार्य किया जाएगा तथा ग्रामीण स्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन तय किया गया है। इस कार्यक्रम का मूल भाव अभिभावकों के मध्य कुपोषण से हानि एवं सुपोषण से होने वाले लाभ का संदेश पहुंचाना है तथा उनमें जागरूकता उत्पन्न करना है। 


इसमें कुपोषित बच्चों के अभिभावकों द्वारा शपथ ग्रहण किया जायेगा कि वे अपने बच्चों को सुपोषित करने हेतु आवश्यक सभी सभी कदम उठायेंगे तथा निश्चित अवधि में अपने बच्चों को सुपोषित करेंगे। इसमें प्रमुख रूप से बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराना उनके खान-पान में परिवर्तन लाया जाना आदि सम्मिलित है। 


सुपोषण के इस अभियान को गति देने के लिए जनप्रतिनिधि, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और मितानीनें अभिभावकों से समक्ष भेंट कर उन्हें उनके बच्चों से कुपोषण से मुक्ति के संदर्भ में उचित परामर्श प्रदान कर रही जनसहभागिता बढ़ा रही हैं।

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