माओवादी द्वारा जारी पर्चा में पत्रकारों को जन अदालत में सजा देने व पत्रकारों ने बाइक रैली एवं आंदोलन को लेकर अब माओवादी वार्ता के जरिए समस्या का हल निकालेंगे
किसी को जन अदालत में सजा देने समस्या का समाधान नहीं हो सकता
इस बात की क्या गारंटी है कि दुबारा पर्चे जारी कर पत्रकार को जाॅन से मारने का फरमान जारी नहीं होगा
छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । एक ओर नक्सली पत्रकारों को जन अदालत में सजा देने का फरमान जारी करते हैं तो वहीं दूसरी ओर हम खबर बेजेंगे आईए बैठकर बातचीत करेंगे।
नक्सलियों द्वारा पत्रकारों की हत्या की यादों की चंद लाइनें, बीजापुर जिले के बासागुड़ा के पास माओवादियों ने हमला किया, हमलावरों ने साई रेड्डी की गर्दन पर धारदार हथियारों से वार कर मौत के घाट उतार दिया था।
" फरवरी में भी पत्रकार नेमिचंद जैन की हत्या "
सुकमा में पत्रकार नेमिचंद जैन की हत्या कर दी थी घटना स्थल पर नक्सलियों का पर्चा मिला था और आरोप लगाया गया था कि नेमिचंद जैन पुलिस के लिये मुखबीर करते हैं।
" नक्सली नेता रमन्ना उर्फ रावुला श्री निवास ने एक बयान जारी कर कहा था कमेटी के गलत आंकलन और संकीर्णतावादी निर्णय के चलते यह दु:खद घटना घटी थी हमें इस पर बेहद अफसोस हैं "
रमन्ना ने मीडिया को आश्वस्त किया था कि आने वाले दिनों में ऐसी दु:खद घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने पाएँ, इसे लेकर हम पूरी एहतियात बरतेंगे।
30 अक्टूबर 2018 दिन मंगलवार को राज्य में चुनाव कवरेज के लिए दन्तेवाड़ा गई डीडी न्यूज़ दिल्ली की एक टीम पर नक्सली हमला हुआ। इस हमले में दूरदर्शन के कैमरमेन अच्युतानंद साहू उनके सहयोगी एवं जवान शहीद हुये थे। माओवादी जवान, ग्रामीण व मीडियाकर्मियों व अन्य लोगों को निशान पर रखते हैं, नक्सलियों से कोई अछूते नहीं हैं।
" एक तरफ नक्सली कहते हैं कि पत्रकार हमारे दुश्मन नही, वहीं दूसरी तरफ माओवादी पर्चा जारी कर पत्रकारों के नामों की सूची के साथ जन अदालत में मौत की सजा का ऐलान करते हैं।"
सुकमा जिले से पत्रकार लीलाधर राठी और बीजापुर जिले के गणेश मिश्रा का नाम नक्सलियों ने पर्चा जारी किया
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( माओवादी ) दक्षिण सब जोनल ब्यूरो द्वारा जारी पत्र
बस्तर सम्भाग के सभी पत्रकार मित्रों को लालसलाम
आप लोग जो स्टेटमेंट दिये गये ओ स्टेटमेंट हम ने देख चुके हैं। विषय भी समझ लिये आप लोग हमारे पार्टी के ऊपर आक्रोश होकर विरोध में जो प्रोग्राम शुरू किए गए रैलियां व बैठक वगैरा ये सभी प्रोग्रामों को फिलहाल बंद कर लीजिए। जो भी समस्या आप व हमारे बीच में उत्पन्न हुए उस समस्या को हम मिलकर आपस में चर्चा करके सुलझा सकते है। इसलिए हमारा अपील ये है कि आज का परिस्थितियों में आप लोग बाईक रैली के जारिए हमें मिलना असम्भव है। इसलिए आप और हमारे बीच में रहने वाला सुविधा के जारिए हम खबर भेजेंगे आईए बैठकर बातचीत करेंगे। यह पत्र दिनांक 17/02/2021 को जारी किया गया। क्रांतिकारी अभिवादन के साथ, दक्षिण सब जोनल ब्यूरो भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( माओवादी )
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( माओवादी ) दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी द्वारा दिनांक 18/02/2021 को प्रेस वक्तव्य जारी किया गया जिसमें " वस्तुगत वास्तविकता की सही जानकारी लेकर वार्ता के जरिए समस्या का हल निकालेंगे, तब तक पत्रकार साथी आंदोलन को स्थगित करें "
हमें देर से मीडिया खबरों, वाट्स एप वीडियोज के जरिए पता चला कि हमारे दक्षिण सब जोनल ब्यूरो द्वारा जारी पर्चो व प्रेस वक्तव्य पर पत्रकार साथियों को एतराज है और वे नाराज होकर आंदोलन कर रहे हैं जिसके अंतर्गत 20, 21, 22 फरवरी को रैली के रूप में हमसे मिलकर वार्ता करने का प्रोग्राम प्रस्तावित है। हम पत्रकार मित्रों से यह अपील करते हैं कि हमारे ब्यूरो द्वारा जारी पर्चे व प्रेस बयान में जिन पत्रकारों पर जो आरोपी लगाए गए हैं। उनसे संबंधित वस्तुगत वास्तविकता का दोनों पक्षों से सही जानकारी लेकर वार्ता के जरिए समस्या का हल निकालने का अवश्य प्रयास करेंगे जिसमें हमारे आपसी व हमारे और आप लोगों के बीच समन्वय स्थापित करने में मौजूद तकनीकी अड़चनों के चलते थोड़ा वक्त लग सकता है पत्रकार साथियों द्वारा तय उपरोक्त तारीखों में यह शायद संभव नहीं हो सकता है। इसलिए पत्रकार मित्र इसे लेकर चिंतित व आंदोलित न होवें हमारी ओर से जारी पर्चे व प्रेस बयान में जिन पत्रकारों पर आरोप लगाए गए हैं। उन्हें कोई शारीरिक चोट नहीं पहुंचाई जाएगी।
इस संदर्भ में हम एक बार और ऐलान करते हैं कि जनता की आवाज बनकर जन समस्याओं, जन आंदोलनों, जन संघर्षो, सरकारों की जन विरोधी व जन दमनकारी नीतियों की रिपोर्टिंग करने के लिए पत्रकार बंधु दंडकारण्य के संघर्ष इलाकों में कभी भी पूरी स्वेच्छा के साथ व बेरोकटोक घूम सकते हैं। पत्रकारिता की आजादी की हम वकालत करते हैं। प्रेस वक्तव्य प्रवक्ता ( विकल्प ) दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( माओवादी ) जारी कर आंदोलन स्थगित करने की अपील की गई।
आखिर कब तक निर्दोष ग्रामीणों, मीडियाकर्मियों व जवानों की निर्मम हत्या करते रहोगे ?
क्या कभी किसी नक्सली य माओवादी सोचे हैं कि जिनके परिवार के सदस्य की बेरहमी से हत्या कर लाश को सड़कों पर फेंक देते हैं उन परिवार की आर्थिक स्थिति कैसी होती होगी ?
नक्सली सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर सरकार के विकास कार्यों में अपनी सहभागिता परिचय दे, आत्मसमर्पण कर नई जिन्दगी की सुरुवात करें।
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