70 नर्तक दलों ने पारम्परिक वेशभूषा और वाद्य यंत्रों के साथ दी प्रस्तुतियां

 

70 नर्तक दलों ने पारम्परिक वेशभूषा और वाद्य यंत्रों के साथ दी प्रस्तुतियां


विलुप्त होते कोकरेंग नृत्य को दर्शकों ने सराहा, प्रस्तुतियां देख मंत्रमुग्ध हुए दर्शक


छत्तीसगढ़ ( नारायणपुर ) बस्तर दर्पण ।  माता मावली मेला के शुरूआती दिन बुधवार को स्थानीय 70 आदिवासी लोकनर्तक दलों ने अपनी लोककला और संस्कृति की छठा बिखेरी। 



नर्तक दलों ने विभिन्न पारम्परिक वेशभूषा में अपनी स्थानीय भाषा, शैली, बोली और परम्परागत वाद्य यंत्रों की मनमोहक थाप से लोगों को मनमोहित किया। दर्शकों ने तालियां बाजाकर नर्तक दलों का उत्साह बढ़ाया। 



सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मांदरी, नृत्य, कुरमांदरी, कोलंग, मांदरी नाच, गेड़ी नृत्य, नाच, तुड़बुड़ी नाच, ककसाड़ नृत्य सहित अन्य नृत्यों का शानदार प्रदर्शन हुआ। विलुप्त होते कोगरेंग नृत्य की प्रस्तुति को देख दर्शकों ने खूब सराहा और तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया। 



सांस्कृतिक कार्यकम में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, दिनेश कुमार नाग, डिप्टी कलेक्टर फागेश सिन्हा, जिला शिक्षा अधिकारी जी.आर. मंडावी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय और ग्रामीणजन उपस्थित थे। 



अतिथियों ने देर रात तक नर्तक दलों की प्रस्तुतियां देखी और उन्हें पुरस्कृत किया। कार्यक्रम मेला बाजार स्थल पर आयोजित हुआ। कार्यक्रम निर्धारित समय पर शुरू हुआ, जो देर रात तक चला। शुक्रवार 12 मार्च को ओजस्वी आरू साहू प्रस्तुति देंगी।

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