नक्सली दंपत्ति ने सामूहिक विवाह कार्यक्रम में रचाया विवाह

 

नक्सली दंपत्ति ने सामूहिक विवाह कार्यक्रम में रचाया विवाह


क्षेत्र के जनप्रतिनिधी एवं पुलिस के आला अधिकारी हुए शामिल


नवविवाहित जोड़ों को दिया आशीर्वाद


लखमी की इस पहल से दिग्भ्रमिक युवक-युवतियों को मुख्यधारा में वापस आने की मिलेगी प्रेरणा 

छत्तीसगढ़ ( नारायणपुर ) बस्तर दर्पण ।  कभी नक्सल विचारधारा से जुड़कर जंगलों में घुम-घुम कर क्षेत्र में अशांति और भय का वातावरण तैयार करने वाली लखमी उसेण्डी ने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रभावित होकर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने और अपना घर बसाने का फैसला लिया। लखमी ने नारायणपुर जिला मुख्यालय के शांतिनगर में राजमिस्त्री का काम करने वाले युवक सुकालूराम गोटा से विवाह कर लिया। इन्होंने विवाह ओरछा विकासखंड के ग्राम बासिंग में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम में विवाह किया।

 



जहां एक ही मंडप के नीचे बीते 27 फरवरी को 181 जोड़े परिणम सूत्र में बंधे, जिनमें से एक जोड़ा लखमी और सुकालूराम का भी था। इन नव विवाहित जोड़ो को आशीर्वाद एवं शुभकामनाएं देने सांसद बस्तर संसदीय क्षेत्र दीपक बैज, हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक चंदन कश्यप, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती श्यामबती नेताम, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुनीता मांझी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी, नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रमोद नेलवाल सहित कमिश्नर बस्तर संभाग जी.आर. चुरेन्द्र, पुलिस महानिरीक्षक पी.सुंदरराज, कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू, पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज चंद्राकर के अलावा पुलिस के अन्य अधिकारी विवाह स्थल पर पहुंचे।




लखमी से बात करने पर बताया कि वह 2009 से 2012 तक संघम सदस्य थी। उसने पुलिस के आला अधिकारियों के समक्ष आत्म समर्पण किया था। जहां उसे शासन की योजनाओं के तहत् मिलने वाले सभी प्रकार के लाभ दिलाने का भरोसा दिलाया गया था। पुलिस प्रशासन ने अपनी कथनी को करनी में तब्दील करते हुए पहले लखमी को गोपनीय सैनिक के रूप में भर्ती किया। कुछ वर्षों के बाद उसे जिला पुलिस बल में आरक्षक के पद पर नियुक्ति कर दी।शासन की इस नीति से प्रभावित होकर नक्सल विचाराधारा से दिग्भ्रमिक युवक-युवतियों को मुख्यधारा में वापस आने की प्रेरणा मिलेगी।

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