नारी शक्ति शिल्पी महिला स्व सहायता समूह शिल्प ग्राम परचनपाल इंटरनेशनल- बस्तर जगार

 

नारी शक्ति शिल्पी महिला स्व सहायता समूह शिल्प ग्राम परचनपाल इंटरनेशनल- बस्तर जगार 


शिल्प एवं सांस्कृतिक महोत्सव 2021

       15 मार्च से 30 मार्च 2021


स्थान :- दन्तेश्वरी माता मंदिर के सामने रुद्रप्रताप देव टाऊन हौल मैदान जगदलपुर ( बस्तर ) 


छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी नारी शक्ति शिल्पी महिला स्व सहायता समूह शिल्प ग्राम परचनपाल बस्तर इंटरनेशनल टिकरा लोंहगा माँ दन्तेश्वरी शिल्पी महिला स्व सहायता समूह ग्राम भाठपाल बस्तर पखुडी सेवा समिति जगदलपुर तुलसी शिल्प स्व सहायता समूह जिला बीजापुर आर्टिजन वेल फेयर एसोसिएशन ऑफ इंडिया लखनऊ माता सुभद्रा इंटरनेशनल फाॅउन्डेशन फाॅर क्राफ्ट कलचर रूरल डेवलोपमेन्ट एसोसिएशन श्री राम नगर ( टाटेकसा ) द्वारा 15 मार्च 2021 से 30 मार्च 2021 तक अखिल भारती शिल्प एवं सांस्कृतिक महाउत्सव का आयोजन साथ ही प्रति दीन संध्या रंगारंग संस्कृति कार्यक्रम देश के कोने-कोने से आये शिल्पकारों द्वारा प्रस्तुत किया जावेगी।




करोना 2019 महामारी कि वजह से शिल्पकारों कि आर्थिक हानि हुई जिनकी भरपाई बस्तर जगार कि माध्यम से की जावेगी। ताकि शिल्पकार खुशहाल हो सके इस प्रदार्शनी में बस्तर से की विश्व प्रसिद्ध बेलमेटल, लोह शिल्प, काष्ठ शिल्प, मट्टी शिल्प, शीशल-शिल्प कौडी शिल्प,आदिवासी पेंटिंग, के साथ ही साथ मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, नई दिल्ली, नागपुर, उड़ीसा, कश्मीर, श्रीनगर, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, मडीपुर,मेघालय, झारखंड, उत्तराखंड, अंडमान निकोबार द्वीप समूह हिमाचल प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, गोवा, से लगभग 120 शिल्पकार, चन्देली साड़ी महेशवरी साड़ी, बारासिवनी के साड़ी कांजी वरम, बाग चवड़ी, बन्दी पाटी साड़ी, ध्रुवा पाटा,आदिवासी साड़ी, दरकोजी वर्क, चिकन वर्क, जयपुरी लाख बैगन, होमडेकोर, साउथ पर्ल, कारपेट, कश्मीरी साल, सहारनपुर की फर्नीचर, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा, कोन्टा, बिलासपुर के बास शिल्प, शिल्प कोसा साड़ी, फुलकारी, मरवाही मेले की विशेष आर्कषण होगा। 




नारी शक्ति शिल्पी महिला स्व सहायता समूह बस्तर संभाग के द्वारा बस्तर संभाग के सातो जिला से संपर्क स्थापित कर शिल्प एवं संस्कृति महो उत्सव को सफल बनाने  हेतु दिन रात प्रयासरत हैं। देश के कोने-कोने से आये महिला उद्यमी एवं शिल्पकारोंका सम्मान एवं उनके द्वारा उत्पादित हस्तशिल्प अधिकाअधिक  क्रय करें तथा उन्हें आर्थिक रूप से समृध्दि की ओर बढ़ने हेतु प्रेरित करें। 



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