शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार स्वास्थ्य जांच के नाम पर 5 हजार रूपये चिखलीकर डायग्नोस्टिक सेंटर में मरीजों से लिया जा रहा

 

शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार स्वास्थ्य जांच के नाम पर 5 हजार रूपये चिखलीकर डायग्नोस्टिक सेंटर में मरीजों से लिया जा रहा


स्वास्थ्य जांच के लिए निर्धारित दर से अधिक राशि लिए जाने की शिकायत इससे पूर्व में भी किया गया था जिस पर आज तक कार्यवाही नहीं हुआ 


छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह ।  जिले में निजी डायग्नोस्टिक सेंटरो द्वारा कोविड और नोन कोविड का सिटी स्कैन के लिए शासन के निर्धारित दर 1870 से अधिक 5000/- रूपये तक की राशि मरीजों ले रहे हैं। शिकायत जिला प्रशासन से किये जाने के बाद भी निजी रिसर्च सेंटर के जांच सिर्फ़ खानापूर्ति तक ही सीमित हो जाता हैं। 



डॉ. चिखलीकर स्केन एण्ड रिसर्च सेंटर में मरीजों कोरोना जांच के नाम  निरीक्षण के दौरान शासन के निर्धारित  राशि से अधिक लिया जाता हैं। शासन द्वारा एचआरटीसी जांच के लिए शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही जांच की जाएगी। 



जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में सभी डायग्नोस्टिक्स सेण्टरों को सी.जी.एच.एस. दर पर कोविड-19 मरीज का एचआरसीटी- स्केन करने के संबंध में निर्देश जारी किया गया था। इसके बावजूद भी 5000/- रूपये मरीजों से लिया गया हैं। जिसकी रशीद आज भी मरीज के पास मौजूद हैं। शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं किया गया हैं। 



इससे साफ पता चलता है कि ऊंची पहुंच और रूपये की ताकत के आगे सारा सिस्टम फेल हैं। 


एचआरसीटी जाँच की आवश्यकता होने पर कोविड-19 मरीजों के उपचार हेतु निजी चिकित्सालय एवं डायग्नोस्टिक सेंटर हेतु दर निर्धारित किया गया है जिसमें बिना कांट्रास्ट के फेफड़े का सिटी चेस्ट (एचआरसीटी) के लिए 1870 रुपए के जगह पर 5000/- रूपये लिया गया। 



 कांट्रास्ट के साथ फेफड़े का सिटी चेस्ट (एचआरसीटी) के लिए 2345 रुपए स्केन किये जाने के लिये 5000/- रूपये लिया गया हैं। हेतु निर्देशित किया गया है। साथ ही मरीजों का स्वास्थ्य जांच शाम सात बजे से रात 11 बजे तक किया जाना है और उसके पश्चात उसे तत्काल सेनेटाइज किया जाना जाना है। सामान्य मरीजों की स्वास्थ्य जांच के पूर्व उपकरणों को अनिवार्य तौर पर सेनेटाइज करना है। इस आदेश एवं कोविङ-19 प्रोटोकाल का उल्लंघन किये जाने पर एपिडमिक डिसीज एक्ट 1897 छ.ग. एपिडमिक डिसीज कोविड-19 रेग्युलेशन एक्ट 2020 के अंतर्गत दण्डनीय कार्यवाही की जाएगी।

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