मोदी सरकार के ७ साल, युवा हुए बदहाल- कोको पाढ़ी
सात साल के सात सवाल
छत्तीसगढ़ ( रायपुर ) ओम प्रकाश सिंह । केंद्र की मोदी सरकार के सात वर्ष पूर्ण होने छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस द्वारा इन सात सालों को युवाओं की बदहाली के सात साल करार दिया और देश को गर्त में पहुँचा देने वाला बताया है।
छत्तीसगढ़ युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पूर्णचंद(कोको) पाढ़ी ने आज बयान जारी करते हुए कहा कि युवाओं को बड़े बड़े सपने दिखाकर २०१४ में सत्तानशी होने वाली मोदी सरकार ने सबसे अधिक छल इस देश के युवाओं से ही किया, गांव गांव जाकर मोदी सरकार की उपलब्धियों का प्रचार करने की बात करने वाली भाजपा क्या यह बता सकती है कि
१. १९अप्रेल को १८ प्लस वैक्सीनेशन की घोषणा के बाद भी सरकार ने कोई तैयारियां क्यों नहीं की, बजट में वैक्सिन के लिए ३५,००० करोड़ रुपयों के प्रावधान के बावजूद हुई इस अव्यवस्था की जिम्मेदारी किसकी है ?
छत्तीसगढ़ में १८ प्लस युवाओं के लिए २ करोड़ ६० लाख वैक्सिनों की आवश्यकता है लेकिन केंद्र सरकार वैक्सीन उपलब्ध करवाने के बजाय वैक्सीन कम्पनियों पर दबाव बना कर राज्य की खरीदी क्यों प्रभावित कर रही है ?
२. आज भारत मे बेरोजगारी दर ४५ वर्षो में सर्वोच्च क्यों है ?
प्रतिवर्ष २ करोड़ योग्यतानुसार रोजगार देने के वायदे के उलट देश में लगभग १२ करोड़ से अधिक नौकरीपेशा लोगों की नौकरी क्यों छीन ली गई ?
३. भाजपा का घोषणापत्र उच्च शिक्षा को बढ़ावा देते हुए सबके लिए शिक्षा की बात कहता है लेकिन आई आई टी(IIT), आई आई एम (IIM) जैसे संस्थानों की फीस तिगुने से अधिक बढ़ाकर सभी के लिए समान अवसर कैसे उत्पन्न होगा, निम्न और मध्यमवर्गीय परिवार यह आर्थिक भार कैसे वहन करेगा ?
४. यूपीए कार्यालय में जो जीडीपी ७ फीसदी के करीब हुआ करती थी वह मोदी सरकार में फार्मूला बदलने के बाद भी आज बदहाल स्थिति में क्यों है ?
५. बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार का नारा लेकर सत्ता पर काबिज होने वाली मोदी सरकार का आज महंगाई पर काबू क्यों नहीं है,
खाने के तेल से लेकर गाड़ियों का पेट्रोल सब कुछ महंगा होता जा रहा है इसका जिम्मेदार कौन है ?
६. कोरोना के कारण MSME सेक्टर पर जमकर मार पड़ी जिसके लिए मोदी सरकार ने २०,००० करोड़ का राहत पैकेज जारी किया, मोदी सरकार का यह जुमला पैकेज आखिर कहा गया ?
७. अपने ७ सालों में मोदी सरकार ने एक भी PSU खड़े नहीं किये उल्टे इन्हें बेचने में लगी हुई है, आखिर यह मेक इन इंडिया की पॉलिसी सेलिंग इंडिया में कैसे और किनके दबाव में बदल गई ?
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