अनुकंपा नियुक्ति आदेश में परिवीक्षा अवधि एवं स्टाइपेंड का उल्लेख गलत है - फेडरेशन
छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी ने अनुकंपा नियुक्ति आदेश में 3 वर्ष के परिवीक्षा अवधि में रखे जाने एवं परिवीक्षाधीन अवधि के प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में, नियुक्त पद के वेतनमान के न्यूनतम का,70 %,80% एवं 90% राशि स्टाइपेंड के रूप में देने के उल्लेख को गलत बताया है। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ शासन ने कोरोना काल में राज्य के बिगड़ते वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत,छत्तीसगढ़ मूलभूत नियम के नियम 22 सी (1) में संशोधन करते हुए सीधी भर्ती के पदों पर "चयनित शासकीय सेवकों" के लिए यह प्रावधान लागू किया था।
अनुकंपा नियुक्ति में कोई सीधी भर्ती द्वारा चयनित नहीं होता है।अनुकंपा से नियुक्त शासकीय सेवक पर सीधी भर्ती से चयनित शासकीय सेवक का प्रावधान लागू नहीं करना चाहिये। उनका कहना है कि सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के आदेश दिनाँक 14/6/2013 एवं 23/2/2019 के कंडिका-9 (1) एवं (2) में अनुकंपा नियुक्ति हेतु सीधी भर्ती की नियमित पद्धिति से छूट रहने एवं सीधी भर्ती पर लागू प्रतिबंध में छूट रहने का उल्लेख है। इस आधार पर सीधी भर्ती के स्थिति में 3 वर्ष परिवीक्षा अवधि में रखे जाने एवं वर्षवार देय स्टाइपेंड का प्रतिबंध से अनुकंपा नियुक्ति में लागू नहीं होना चाहिए।
फेडरेशन के प्रवक्ता विधुशेखर झा,बस्तर संभाग महामंत्री रविन्द्र विश्वास, जिला अध्यक्ष आर. डी. तिवारी एवं सचिव सी. एम. पाण्डेय, वरिष्ठ पदाधिकारीगण अरुण देवांगन, निरंजन दास, जगदीश मौर्य, आनंद अय्यर, के धनलक्ष्मी राव, फरहाना रिजवी का कहना है कि अनुकंपा नियुक्ति में छूट देकर मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन ने कोरोना महामारी में दिवंगत शासकीय सेवकों के परिवार को सहारा दिया है।लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा अनुकंपा नियुक्ति को परिवीक्षा अवधि में किया जा रहा है। उनका कहना है कि अनुकंपा नियुक्ति को परिवीक्षा अवधि एवं स्टाइपेंड अंतर्गत किया जाना अनुचित है।
उन्होंने बताया कि वित्त विभाग के अधिसूचना 28 जुलाई 2020 में यह लिखा है कि "सीधी भर्ती के पदों पर चयनित शासकीय सेवकों को तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि में स्टाइपेंड देय होगा"। गौरतलब है कि अनुकंपा नियुक्ति में कोई चयनित नहीं होता है। अनुकंपा नियुक्ति सीधी भर्ती के नियुनतम नियमित पद पर किया जाता है लेकिन यह नियुक्ति सीधी भर्ती के प्रक्रिया अंतर्गत नहीं होता है।
उन्होंने जानकारी दिया कि वित्त विभाग के अधिसूचना 28/7/2020 एवं वित्त निर्देश 21/2020 दिनाँक 29/7/2020 के पहले एवं बाद में अनुकंपा नियुक्ति के अनेक आदेश जारी हुए हैं,जिनमें परिवीक्षा अवधि में नियुक्ति का उल्लेख नहीं है। विगत वर्षों में जारी हुए सभी अनुकंपा नियुक्ति आदेशों में परिवीक्षा अवधि का उल्लेख नहीं है। जबकि मूलभूत नियम 22 C (1) के तहत सीधी भर्ती को परिवीक्षा अवधि में 2 वर्ष के लिये किया जाता था। उस समय भी अनुकंपा नियुक्ति को परिवीक्षा अवधि में नियुक्त नहीं किया गया था। उन्होंने जानकारी दिया कि वर्तमान में राज्य के वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत,मूलभूत नियम 22 C (1) में उल्लेखित 2 वर्ष के परिवीक्षा अवधि को संशोधित कर 3 वर्ष किया गया है। साथ ही वित्तीय संतुलन को बनाने के उद्देश्य से क्रमागत वर्ष अनुसार देय स्टाइपेंड का उल्लेख,वित्त विभाग के अधिसूचना 28/7/2020 एवं वित्त निर्देश 21/2020 दिनांक 29/7/2020 में किया गया है। जोकि प्रचलित भर्ती नियम के प्रक्रिया अंतर्गत सीधी भर्ती के प्रकरणों के लिए लागू है। विगत वर्षों में सीधी भर्ती को परिवीक्षा अवधि में किया जाता रहा है लेकिन अनुकंपा नियुक्ति को इससे पृथक रखा गया था। वर्तमान में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण को सीधी भर्ती के शर्तों से पृथक रखा जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि शासन द्वारा कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारियों की जानकारी सीधी भर्ती,पदोन्नति,प्रतिनियुक्ति एवं अनुकंपा नियुक्ति में पृथक मँगवाया जाता है। जिससे परिलक्षित होता है कि चारों भर्ती/ नियुक्ति का प्रकार भिन्न है। फेडरेशन ने मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन,अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग,वित्त विभाग को ई-मेल द्वारा विस्तृत पक्ष रखकर नियमों के प्रकाश में दिशा निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।
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