केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के स्थापना दिवस के 82 वर्ष पूर्ण

केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के स्थापना दिवस के 82 वर्ष पूर्ण

देश की सेवा में सदैव समर्पित विश्व का सबसे बड़ा और पुराना बल

छत्तीसगढ़ ( सुकमा-दोरनापाल ) ओम प्रकाश सिंह । आप सभी को हमें  बताते हुए हमें गर्व और हर्ष की अनुभूति हो रही है कि विश्व का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल जिसे आपमें से कुछ लोग सी.आर.पी.एफ़. के नाम से जानते हैं आज "27 जुलाई 2021" को देश की सेवा में अपने 82वर्ष पूर्ण कर रहा है। तीन लाख से भी अधिक जांबाजो का यह समूह देश की आतंरिक सुरक्षा का सबसे बड़ा प्रहरी है। 



इस लिए आज आप सब को यह बताना जरूरी है कि हम कौन हैं और आपकी सेवा में कहाँ-कहाँ और क्या क्या कर रहे हैं .... तो सुने .... "27 जुलाई सन् 1939" में स्थापित इस बल ने आजादी के बाद रियासतों के हिन्दुस्तान में विलय में प्रमुख भूमिका निभाई, चम्बल के डाकुओं का सफाया करने वाले, चीन युद्ध के दौरान हॉट स्प्रिंग में 21 अक्टूबर 1959 को सर्वप्रथम शहादत देने वाले हम ही थे। हम वही हैं जो बस मुट्ठी भर (120) हो कर भी 9 अप्रैल 1965 (शौर्य दिवस) की लड़ाई के दौरान कच्छ के रेगिस्तान में पाकिस्तानी ब्रिगेड के 3500 की हथियारबंद टोली को घुटनों पर ले आये थे, हम वो हैं जिन्होंने उत्तर-पूर्व से उग्रवाद और पंजाब के आतंकवाद को अपनी बंदूकों  के जोर पर ख़त्म किया है, हम वो हैं जिन्होंने आतंकवादियों के हमलों से देश की संसद और अयोध्या के राम मंदिर की रक्षा की है, सांप्रदायिक दंगों के दौरान नीली वर्दी पहने द्रुत गति से आने वाले भी हम हैं और मध्यभारत के जंगलों में नासूर बन रहे नक्सलवाद के खिलाफ हरी धारीदार वर्दी पहने बारूद बिछाई गयी धरती को अपने खून से सींच कर  तिरंगा थामें हुए संविधान और क़ानून की रक्षा करने वाले भी हम ही हैं। लोकतंत्र के उत्सव चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान का बीड़ा उठाने वाले हम वो हैं जिनके बूटों की धमक सुनकर उपद्रवियों के दिल में दहशत फ़ैल जाती है। कश्मीर की घाटी में एक हाथ में लाठी, दूसरे में ढाल थामे पड़ोसी मुल्क के टुकड़ों की लालच और मानवाधिकारों की आड़ में गद्दारों के हाथों बरसते पत्थरों को चुपचाप सहने वाले भी हम हैं और श्रीनगर एयरपोर्ट की निगेहबानी करने वाले भी हम हैं, हम वो हैं जो अयोध्या, मथुरा, काशी, माँ वैष्णो देवी और अमरनाथ की यात्रा के दौरान आपके मुहाफ़िज़ हैं और प्राकृतिक आपदा के समय एन. डी. आर. एफ. के रूप में, काली वर्दी पहने एन.एस.जी. में और सफारी सूट पहने एस.पी.जी. में हम ही हैं। बलिदान और वीरता की सूची में सर्वप्रथम हम ही हैं। श्रीलंका कोसोवो और हैती जैसे ना जाने कितने ही देशों में शांति मिशन भेजकर विश्व में शांति पुरोधा बनने वाले भी हम ही हैं। हम हर जगह आपकी और देश की सेवा और रक्षा में तत्पर हैं बस यही अभिलाषा है कि हमें पहचानों हम केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल हैं जो बस नाम के लिए रिजर्व (CRPF) हैं और देश के लिए सदैव तैनात हैं । जय हिन्द,

"सी आर पी एफ सदा अजेय ,भारत माता की जय।"

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