सुकमा जिला पंचायत में सामानों के नाम पर लाखों का घोटाला-AISF/AIYF
प्रकाशित खबर के माध्यम से लेख है कि सी.ई.के. इंटरप्राइजेस सम्राट नगर सुकमा के द्वारा जिला पंचायत कार्यालय सुकमा में प्रदाय की गई विभिन्न सामग्रियों में गड़बड़ी होना बताया गया है। उक्त फर्म जिला पंचायत कार्यालय सुकमा में सहायक ग्रेड -3 (संविदा ) के पद पर पदस्थ डेविड एक्का की माता जो कि वर्तमान में एक निजी स्कूल में शिक्षिका के पद पर कार्यरत है। उनके नाम से रजिस्टर्ड होना बताया गया है। उक्त फर्म का मार्केट में किसी भी प्रकार का व्यापारिक संस्था का संचालन नहीं किया गया है। घर से नहीं घर से ही समस्त सामाग्रियों की सप्लाई की गई है, जो की आपत्तिजनक है। जिला पंचायत कार्यालय सुकमा को संबंधित फर्म के द्वारा सप्लाई की गई समाग्रियो में निर्धारित दर स्थानीय बाजार दर से अत्यधिक है। जिला पंचायत कार्यालय द्वारा अपनाई गई कोटेशन प्रक्रिया में संबंधित फर्म के अलावा जिन प्रमुख का कोटेशन आमंत्रित किया गया है। उन फर्मोक्षका परीक्षण करने उपरांत पाया गया है, कि पर फर्म पंजीकृत नहीं है। जीएसटी लेप्स हो गया है। फर्म का नाम सही है मोबाइल नंबर सही है, किंतु जिला पंचायत कार्यालय में जो सामग्रियां सप्लाई की गई वह फर्मो के द्वारा सप्लाई नहीं की जाती है। जैसे कि जगदलपुर की फर्म महालक्ष्मी इंटरप्राइजेस का मूलतः फ्लेक्स और प्रिंटिंग प्रेस का काम करती है। नियमत: डेविड एक्का के शासकीय पद पर कार्य करते हुए ऐसा नहीं किया जा सकता। जिला पंचायत कार्यालय सुकमा के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा संबंधित प्रमुख को व्यक्तिगत रुप से लाभ पहुंचाने हेतु सप्लाई की गई सामाग्रियों में अपनाई गई कोटेशन प्रक्रिया में नियम को दरकिनार करते हुए डेविड एक्का को बढ़ावा दिया गया है। जिला पंचायत कार्यालय में जिन फर्मो का सप्लाई सी.ई.के. इंटरप्राइजेस के द्वारा किया गया है। उसमें यह पता चला है कि डेविड एक्का के द्वारा जिला पंचायत कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों से सांठगांठ कर ऐसे फर्मो को कोटेशन हेतु आमंत्रित किया गया है। जिनका मूल रूप से कार्यालय में प्रदाय की गई सामग्रियों का सप्लाई का कार्य नहीं है। सी.ई.के. इंटरप्राइजेस फर्म वैसे तो डेविड एक्का की माता के नाम से पंजीकृत है। किंतु फर्म का संचालन संपूर्ण रुप से डेविड एक्का के द्वारा ही किया जाता है। और संबंधित कर्मचारी वर्तमान में जिला पंचायत कार्यालय में लेखा शाखा में कार्यरत है। एवं कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों से साठ गांठ कर सप्लाई की आड़ में शासकीय राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। उक्त तथ्यों को देखते हुए त्वरित कार्यवाही करने के लिए ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन/ ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन मांग करती है।
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