कलेक्टर की बातों ने किया असर और सुधरी कुपोषित बच्चों की सेहत

 

कलेक्टर की बातों ने किया असर और सुधरी कुपोषित बच्चों की सेहत

छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) बस्तर दर्पण ।  कलेक्टर रजत बंसल द्वारा माता-पिताओं को बच्चों के सेहत को लेकर दी गई समझाईश का असर दरभा विकासखण्ड के दुरस्थ गांव मादरकोंटा में दिख रहा है। यहां पिछले 9 महीनों के भीतर 42 बच्चे कुपोषण से बाहर आ चुके हैं। 



इनमें 22 गंभीर कुपोषित बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी सेहत में सुधार आया है। इन्हीं बच्चों में रिकुं, सावित्री और सविता भी शामिल हैं। पांच वर्षीय रिंकु का वजन 11 किलो 400 ग्राम से बढ़कर अब 12 किलो 800 ग्राम हो चुका है। इससे वह गंभीर कुपोेषित से सीधे सुपोषित की श्रेणी में आ चुका है। इसी तरह चार वर्षीय सावित्री का वजन 8 किलो 370 ग्राम से बढ़कर सीधे 14 किलो हो चुका है और दो वर्षीय सविता का वजन 6 किलो 600 ग्राम से बढ़कर 9 किलो 200 ग्राम हो चुका है। बच्चों के तेज विकास से अब माता-पिता भी खुश हैं।




उल्लेखनीय है कि दरभा विकास खण्ड के ग्राम पंचायत के मादरकोंटा गांव में अक्टूबर में कलेक्टर रजत बंसल पहुंचे थे। उन्होंने यहां रात्रि विश्राम भी किया था। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से हाल-चाल और उनकी आवश्यकताओं के संबंध में भी काफी बातचीत की थी। इसी दौरान उन्होंने शासकीय विभागों के मैदानी अमलों के साथ भी बातचीत की थी। उन्होंने बच्चों के अच्छे विकास के लिए बचपन से ही उन्हें अच्छे भोजन के साथ ही रहन-सहन के स्थानों की साफ-सफाई के महत्व को समझाया था।
कलेक्टर द्वारा दी गई इस समझाइश का अच्छा असर इस गांव में देखने को मिला। कुपोषित बच्चों को आम तौर पर पोषण पुनर्वास केन्द्र ले जाने से कतराने वाले ग्रामीण भी अब आसानी से उपचार के लिए वहां जाने को राजी होने लगे। कलेक्टर बंसल के प्रवास के बाद इस क्षेत्र के ग्रामीणों में आ रहे सकारात्मक बदलाव अब साफ दिख रहे हैं।

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