केंद्रीय मंत्री मुण्डा ने की वन धन विकास केंद्र धुरागांव के कार्यो की सराहना
वनोपजों का उचित मूल्य दिलाने तथा स्थानीय लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने का कारगर माध्यम बताया
छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर) बस्तर दर्पण । केंद्रीय जनजाति मामले के मंत्री अर्जुन मुण्डा बस्तर प्रवास के दौरान लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड के ग्राम धुरागांव में पहुंचकर वनधन विकास केंद्र के कार्यो का अवलोकन किया।
उन्होंने इस वनधन विकास केंद्र में स्थानीय वनोपजो के बेहतर प्रोसेसिंग के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि इसके माध्यम सेे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध होने के साथ-साथ वनोपज संग्रहण कर्ताओं को उनके उत्पाद का वाजिब दाम मिल सकेगा। मुण्डा वनधन विकास केंद्र के तैलीय बीज प्रसंस्करण कक्ष, वन प्रसंस्करण कक्ष, ईमली एवं महुआ प्रसंस्करण कक्ष आदि का अवलोकन कर वनोत्पाद के प्रोसेसिंग के अलावा इसके पैकेजिंग आदि का अवलोकन कर इसके संबंध में जानकारी ली।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री मुण्डा ने स्टाल में लगे उत्पादों का भी अवलोकन किया। मुण्डा प्रोसेसिंग कार्य में लगे स्व-सहायकता समूह की महिलाओं से बात-चीत कर उनकी समस्याओं और मांगों के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने इस कार्य में लगे स्व-सहायता समूह की महिलाओं को हर संभव मदद उपलब्ध कराने का आश्वासन भी किया। मुण्डा ने महिलाओं और उपस्थित लोगों को अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की समुचित व्यवस्था करने तथा पैसो की बचत करने को कहा।
इस दौरान सांसद दीपक बैज, ट्राईफेड के प्रबंध निदेशक प्रवीण कृष्ण, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज के प्रबंध निदेशक संजय शुक्ला अन्य अधिकारियों ने भी वनधन विकास के कार्यो एवं वनोपज के महत्व के संबंध में जानकारियां दी। इस अवसर पर अपर प्रधान मुख्य वन सरंक्षक डी. आनंद बाबू, संभागायुक्त जी.आर. चुरेन्द्र, मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद, कलेक्टर रजत बंसल, वनमण्डलाधिकारी सुश्री स्टायलो मंडावी एवं अपर कलेक्टर अरविंद एक्का सहित अन्य अधिकारीगण एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
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