नेशनल लोक अदालत में गठित 08 खण्डपीठों द्वारा 594 लंबित प्रकरण का निराकरण
06 प्री-लिटिगेशन प्रकरण इस प्रकार कुल 600 प्रकरणों का किया गया निराकरण
उपस्थित लोगों का किया गया स्वास्थ्य जाँच शिविर
छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) बस्तर दर्पण । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई-दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण,बिलासपुर द्वारा दिए गए निर्देश एवं माननीय जिला न्यायाधीश-अध्यक्ष श्रीमती सुमन एक्का के मार्गदर्शन में 11 सितम्बर, 2021 दिन शनिवार को बस्तर जिले में "नेशनल लोक अदालत" का आयोजन भौतिक उपस्थिति एवं वर्चुअल उपस्थिति के माध्यम से किया गया। उक्त आयोजित नेशनल लोक अदालत का शुभारम्भ श्रीमती सुगन एक्का, जिला न्यायाधीश-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जगदलपुर द्वारा "न्याय सबके लिए" के उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं एवं बैंक अधिकारियों की उपस्थिति में दीप प्रज्जवलित कर किया गया तथा नेशनल लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाए जाने हेतु मार्गदर्शित भी किया गया।
उक्त आयोजित नेशनल लोक अदालत में श्रीमती निधि शर्मा तिवारी, तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदलपुर की खण्डपीठ द्वारा 01 दावा संबंधी लंबित प्रकरण में वर्चुअल सुनवाई करते हुए उनके प्रकरण को निराकृत भी किया गया। इसी प्रकार भारत सरकार गृह मंत्रालय से प्राप्त पत्र के अनुसार छ0ग0 शासन गृह
विभाग के निर्देशानुसार कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं जिला अभियोजन अधिकारी के गठित समिति द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान जगदलपुर के थानो में दर्ज आपराधिक प्रकरणो को वापस लिए जाने की अनुशंसा किये जाने के परिणाम स्वरूप छ0ग0 उच्च न्यायालय बिलासपुर के निर्देशानुसार जिला एवं सत्र न्यायालय जगदलपुर द्वारा आपदा प्रबंधन एवं कोविड-19 महामारी के दौरान थाना में दर्ज ऐसे मामलो को निपटारे एवं वापसी हेतु बलराम कुमार देवांगन, मुख्य न्यायिक मजिस्टेट को विशेष न्यायाधीश के तौर पर नामित किया गया था जिनके द्वारा आज नेशनल लोक अदालत में
त्वरित कार्यवाही करते हुए 73 ऐसे मामलो को शासन के अनुशंसा पर वापसी की कार्यवाही भी की गई। इसके साथ ही आबकारी विभाग, यातायात थाना एवं जगदलपुर के आरक्षी केन्द्रो से पेश 42
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव गीता बृज ने यह भी बताया कि आयोजित नेशनल लोक अदालत के अवसर पर न्यायालय परिसर में उपस्थित होने वाले न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं एवं पक्षकारगणों के स्वास्थ्य जांच किए जाने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के सहयोग से स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन भी किया गया था। आयोजित स्वास्थ्य जांच शिविर में न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं एवं पक्षकारगणों द्वारा अपना स्वास्थ्य जांच कराया गया।
"सबको शीघ्र और सस्ता न्याय, जिसमें न किसी की जीत और न किसी की हार"
आज आयोजित नेशनल लोक अदालत में कई लोगों को आपसी सुलह समझाईस से राजीनामा किए जाने के कारण उन्हें न्यायालयीन प्रकरणों में राहत मिला, जिसमें परिवार न्यायालय जगदलपुर के न्यायालय में श्रीमती सुनीता पंसारी एवं अन्य विरूद्ध कमल नारायण के प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक का विवाह 7/2/11 को होने के पश्चात्उनके दाम्पत्य जीवन से एक पुत्र एवं दो पुत्री का जन्म हुआ है। विवाह पश्चात् अनावेदक द्वारा आवेदिका को कुछ दिन तक ठीक रखा गया उसके पश्चात् अनावेदक और उसके परिवारवालों द्वारा भी आवेदिका के साथ विवाद करते हुए आवेदिका को घर से 11/7/19 को निकाल दिया गया,जिससे आवेदिका अपने तीनों बच्चों के साथ अपने माता-पिता के घर जगदलपुर आकर रहने लगी और घटना के बारे में बोधघाट थाने में दिनांक 24/7/19 को रिपोर्ट दर्ज करायी। अनावेदक द्वाराभरण-पोषण हेतु ध्यान न दिये जाने पर आवेदिका ने 8/8/19को अनावेदक के विरूद्ध रूपये 15 हज़ार रूपये भरण पोषण दिलाये जाने हेतु प्रकरण प्रस्तुत किया गया था। उक्त प्रकरणमें न्यायालय के पीठासीन अधिकारी एवं सुलहकर्ता सदस्यों द्वारा समझाईस देकर उनके मध्य विवाद को समाप्त कराया गया। न्यायालय द्वारा दी गई समझाईस के बाद उभयपक्ष के मध्य सुलह होने और विवाद का आपसी निपटारा हो जाने से और आवेदिकागणों को अपने साथ अपने घर लेकर जाने हेतु राजी हो जाने से प्रकरण समाप्त कर उन्हें भविष्य में सुखमय पारिवारिक जीवन व्यतीत करने की शुभकामनाएं भी दी गई।
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