दलहनी फसलों के क्षेत्र में वृद्धि 3503 हेक्टेयर में हो रही खेती
बस्तर जिले में चना उड़द एवं मूंग की दलहन फसल की प्रमुखता से खेती
छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) बस्तर दर्पण । भारत विश्व में दलहन का सबसे बड़ाए उत्पादक व उपभोक्ता है। यहां की अधिकांश जनसंख्या को प्रोटीन की पूर्ति दलहन से ही होती है। छत्तीसगढ़ में किसानों को हर तरह से मजबूत बनाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही हैं। यही वजह है कि धान की फसल के साथ ही किसानों को दलहन की फसल के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है।
विगत कई वर्षो से परंपरागत धान की वर्षा धारित खेती करते आ रहे किसानों को कृषि विभाग के मैदान अधिकारियों.कर्मचारियों द्वारा सतत् संपर्क से दलहन फसल और विभागीय योजनाओं सूक्ष्म सिंचाई योजनान्तर्गत स्प्रिंकलर प्रदान सौर सुजला योजनान्तर्गत सोलर पंप प्रदान का लाभ लेने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में विकासखंड बकावंड के ग्राम चितालूर निवासी 50 वर्षीय कृषक सोनाधर कश्यप को विभागीय प्रशिक्षण के माध्यम से दलहनी फसलों की खेती के लिए प्रेरित हुए। सोनाधर द्वारा वर्ष 2020 में कृषि विभाग के आत्मा एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत मसूरए चनाए उड़द प्रदर्शन दिया या। समय.समय पर कृषक को कीट-व्याधी नियंत्रण एवं उर्वरक अनुशंसा दी गयी। जिसके अनुसार कृषक द्वारा फसलोत्पादन लिया गया जिससे सोनाधर को मसूर के 0.73 हेक्टयर क्षेत्र रकबा में 18 हजार 615 रूपए का आयए चना 0.6 हेक्टयर रकबा क्षेत्र में 35 हजार 700 रूपए का आय व उड़द के 0.5 हेक्टयर रकबा क्षेत्र में 24 हजार रूपए का आयए इस प्रकार दलहनी फसल उत्पादन से एक वर्ष में कुल राशि 78 हजार 315 का आय प्राप्त हुआ। कृषक सोनाधर कश्यप द्वारा प्राप्त अच्छा उत्पादन देखकर ग्राम के अन्य कृषक भी दलहन उत्पादन हेतु प्रोत्साहित हो रहे है।
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