मर कर भी अमर होना है तो करें नेत्रदान, इसलिए मैं आज अपने नेत्रों के दान की घोषणा करता हूँ - रेखचंद जैन

मर कर भी अमर होना है तो करें नेत्रदान, इसलिए मैं आज अपने नेत्रों के दान की घोषणा करता हूँ - रेखचंद जैन

लोगों को नेत्रदान के लिये प्रेरित करने हेतु संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने नेत्रदान करने की घोषणा

अंधत्व निवारण के लिए कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पुरस्कृत कर किया उन्हें प्रोत्साहित

छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । विधायक जगदलपुर एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने आज महारानी अस्पताल में दिनांक 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक चलने वाले नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ किया इस अवसर नेत्रदान की घोषणा भी की और अंधत्व निवारण के लिए कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरस्कृत किया।



इस अवसर पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की जीते जी रक्त दान और मरने के बाद नेत्रदान,मर कर भी अमर होना है तो नेत्रदान करना चाहिए उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को इस 36वें नेत्रदान पखवाड़े में नेत्रदान करने की अपील की तथा कहा की भारत में लगभग दो लाख लोगों को नेत्रदान की आवश्यकता है पर केवल 25-30 हजार नेत्रदान ही हो पाता है। 



उन्होंने संभाग मुख्यालय जगदलपुर में नेत्र बैंक खोलने के लिए प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव से चर्चा करने का आश्वासन दिया।



इस अवसर पर विधायक जगदलपुर एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन के साथ विधि विभाग के जिलाध्यक्ष अवधेश झा, वरिष्ठ नेता जलंधर नाग, वरिष्ठ पत्रकार विकास दुग्गड डॉ. आर. बी. पी. गुप्ता, डॉ. टी. सी. आडवाणी, डॉ. सरिता थामस , डॉ. अक्षय परासर, छत्तीसगढ़ स्वास्थ कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अजय परिहार एवं दिव्या पाण्डेय सहित स्वास्थ विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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