सुकमा के बीहड़ों में गुमनाम हजार साल प्राचीन मूर्ति निकली भगवान विश्वकर्मा की पत्रकार ने खोज को दिलाई पहचान
छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । सुकमा जिले में हजार साल पुरानी विश्वकर्मा की मूर्ति मिली हैं। सुकमा के सुदूर अंचल और नक्सल प्रभावित इलाकों में कई मूर्तियां गुमनाम बन कर रह गई थी उन्हीं में से एक छत्तीसगढ़ की पहली 1000 साल प्राचीन भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति के तौर पर एक मूर्ति की पहचान की गई है।
इस पहचान की प्रमाणिकता बस्तर के सुप्रसिद्ध लेखक और साहित्यकार राजीव रंजन प्रसाद ने दी है साथ ही बस्तर से भगवान विश्वकर्मा की मूर्तियों की मौजूदगी को नया और महत्वपूर्ण बताया है। आपको बता दें कि बीते दिनों सुकमा के स्थानीय पत्रकार अमन भदोरिया को चिंतलनार से अंदर के इलाकों में प्राचीन मूर्तियों के होने की खबर मिली थी जिसके बाद पत्रकार अमन भदौरिया दुर्गम रास्तों से होकर उन मूर्तियों तक पहुंचे थे और तस्वीरों को देश-दुनिया तक पहुंचाया था साहित्यकार राजीव रंजन ने विश्वकर्मा की इस मूर्ति को दुर्लभ बताया है क्योंकि समूचे छत्तीसगढ़ में भगवान विश्वकर्मा की कोई भी प्राचीन मूर्तियां आज तक नहीं मिली और यह समूचे भारत में भी चुनिंदा प्राचीन मूर्तियां ही देखी जाती है। BASTAR LISTENER ने अपने YOUTUBE चैनल पर इन मूर्तियों की वीडियो पोस्ट की है जिसमे इस मूर्ति के बारे में विश्लेषित किया गया है।
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