एक्सपोर्टर्स कॉन्क्लेव में निर्यात के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर दिया गया जोर

एक्सपोर्टर्स कॉन्क्लेव में निर्यात के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर दिया गया जोर

छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) बस्तर दर्पण ।  बस्तर में वनोपज के साथ ही कृषि एवं उद्यानिकी आधारित वस्तुओं की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता को देखते हुए यहां के उद्यमियों को एक निर्यातक की भूमिका निभाने के साथ ही इसके लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर जोर दिया गया। आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आज जगदलपुर स्थित वीर सावरकर कम्युनिटी हॉल में एक दिवसीय एक्सपोर्टर कॉनक्लेव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नारायणपुर विधायक एवं हस्तशिल्प बोर्ड के अध्यक्ष चन्दन कश्यप मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। विशेष अतिथि के रुप में महापौर श्रीमती सफीरा साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, एमआईसी सदस्य यशवर्द्धन राव, संभागायुक्त जी.आर. चुरेन्द्र, पुलिस महानिरीक्षक पी. सुन्दरराज, अपर कलेक्टर अरविन्द एक्का, बस्तर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के अध्यक्ष किशोर पारख सहित बस्तर जिले के निर्यातक व उद्योगपति-व्यापारीगण उपस्थित थे।




इस अवसर पर हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप ने कहा कि बस्तर के उद्यमियों की ऊंची उड़ान निश्चित तौर पर बस्तर के सुनहरे भविष्य में सहायक होगी। उन्होंने कहा कि लोगों को यहां के स्थानीय उत्पादों में एक विशिष्टिता है, जिसकी मांग निश्चित तौर पर है। चाहे वह वनोत्पाद हो, चाहे कृषि उत्पाद हो या यहां की विशिष्टि कलाकृतियां। इन उत्पादों के निर्यात के साथ इसकी मांग बढ़ाकर बस्तर में रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा सकते हैं। उन्होंने यहां की बेलमेटल, रॉक आयरन, तुम्बा शिल्प, बांस शिल्प, मृदा शिल्प आदि कलाकृतियों को बेमिसाल बताते हुए कहा कि इसके व्यापार को बढ़ाकर शिल्पियों के लाभ को भी बढ़ाया जा सकता है। 



उन्होंने बस्तर के उत्पादों को विश्व स्तर पर पहुंचाने के लिए यहां कुटीर उद्योगों की स्थापना पर जोर दिया। संभागायुक्त जी.आर. चुरेन्द्र ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य उद्योगपतियों को प्रोत्साहित करना है, जिससे यहां के उत्पादों को विदेशों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों की मांग बढ़ने से निश्चित तौर पर रॉ मटेरियल इकट्ठा करने वाले संग्राहकों को भी लाभ होगा। इनका मूल्य संवर्द्धन करते हुए इनके निर्यात से पूरे राज्य की आमदनी में वृद्धि होगी। 



उन्होंने कहा कि यहां भूमि की कमी नहीं है। बड़े पैमाने पर उपलब्ध भूमि में सामुदायिक तौर पर भी कृषि एवं उद्यानिकी कार्य करके उत्पादों को प्राप्त किया जा सकता है। पुुलिस महानिरीक्षक पी. सुंदरराज ने कहा कि बस्तर और शांति की राह पर तेजी से चल पड़ा है। यहां सुरक्षा को लेकर भी अब किसी प्रकार की समस्या नहीं है। बस्तर सड़क नेटवर्क के साथ ही हवाई मार्ग से भी जुड़ चुका है और दल्लीराजहरा से जगदलपुर तक रेलवे नेटवर्क से भी जल्द ही जुड़ जाएगा। यहां के अंदरुनी इलाकों तक में मोबाईल नेटवर्क उपलब्ध है। व्यापार-व्यवसाय की वृद्धि में आज इन सुविधाओं का सबसे अधिक महत्व है। उन्होंने कहा कि बस्तर के जैविक उत्पादों की खासी मांग है। 



इस अवसर पर महापौर श्रीमती सफीरा साहू ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक डी.एल. पुसाम, जिला कौशल विकास प्राधिकरण के सहायक संचालक शरद चन्द्र गौण, लीड बैंक प्रबंधक, एन.एम.डी.सी. नगरनार के प्रतिनिधि उपस्थित थे। महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र जगदलपुर द्वारा आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालकर निर्यातकों को औद्योगिक नीति 2019-24 के अन्तर्गत प्रदान किये जाने वाले विभागीय अनुदान की जानकारी दी गई। 



इस एक्सपोर्टर कॉनक्लेव में छ.ग. हस्तशिल्प विकास निगम, बांस कला केन्द्र, रेशम विभाग, उद्यानिकी विभाग, हथकरघा विभाग द्वारा अपने विभाग से सम्बन्धित, उत्पादों का तथा महिला एवं बाल विकास विभाग तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, जिला पंचायत द्वारा अपने विभाग के अंतर्गत संचालित स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों का प्रदर्शन स्टॉल के माध्यम से किया गया तथा निर्यातक इकाई मेसर्स रजा राईस इण्डस्ट्रीज मसगांव द्वारा परबॉईल्ड राईस व मेसर्स विमल स्टोन एसोसिएट्स अ.श.औ.सं. फ्रेजरपुर जगदलपुर द्वारा ग्रेनाईट ब्लॉक का प्रदर्शन किया गया।

Post a Comment

0 Comments