विशेष योजनांतर्गत प्रशिक्षित आदिवासी नर्सो की मांग को आम आदमी पार्टी का समर्थन

विशेष योजनांतर्गत प्रशिक्षित आदिवासी नर्सो की मांग को आम आदमी पार्टी का समर्थन

आदिवासी को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने वाली कांग्रेस और बीजेपी सरकार आदिवासी बच्चियों के भविष्य के साथ कर रही खिलवाड़- तरुणा साबे बेदरकर

छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) देवेन्द्र शर्मा । अनुसूचित जनजाति (महिला) जी एन एम (विशेष योजनांतर्गत प्रशिक्षित) संघ की एक सूत्रीय मांग अनुबंध के अनुसार ग्रामीण श्रेत्र में नियुक्ति दी जाए को आम आदमी पार्टी बस्तर जिला अध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर और उसकी टीम ने धरना स्थल में जाकर दिया समर्थन। तरुणा ने बताया  की विशेष योजना अंतर्गत बस्तर और सरगुजा जिले के अनुसूचित जनजाति अभियर्थियों को जनरल नर्सिंग प्रशिक्षण हेतु 16/3/2015 को संचालनालय स्वास्थय सेवा के द्वारा विज्ञापन निकाला गया था।जिसमे बस्तर और सरगुजा जिले के 100 अनुसूचित जनजाति महिला अभियार्थी का इस जनरल प्रशिक्षण हेतु चयन किया गया था।अनुसूचित जनजाति हेतु यह विशेष जनरल प्रशिक्षण था जिसकी अवधि 3 वर्ष की थी।विशेष योजना के अंर्तगत अनुसूचित जनजाति के अभियार्थी के लिए यह प्रशिक्षण पूर्णतः निशुल्क थी। विशेष योजनांतर्गत दिए गए प्रशिक्षण में इन अभियार्थी की जॉब नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्रो में करने हेतु अनिवार्यता रखी गई थी।लेकिन 2 वर्ष पूरे होने के पश्चात भी बीजेपी और कांग्रेस की सरकार और मंत्री इन आदिवासी बच्चियों को नियुक्ति देने से कतरा रही है।



अपने हक को लेकर ये आदिवासी बालिकाएं पूर्व भाजपा सरकार व वर्तमान सरकार के मंत्रियों व सीएम तक गुहार लगा चुके हैं।
कोरोना काल मे इन अनुसूचित जनजाति के अभियार्थी  यो ने अपनी सेवाएं अस्पतालों में विशेष भर्ती के अंतर्गत 1 साल एक 1
महीने के तहत भी सेवाएं दी है।
इन आदिवासी महिला अभ्यर्थीयों का 2 वर्ष पश्चात भी नियुक्ति नही किया जाना शासन के आदिवासी महिलाओं के प्रति द्वेषपूर्ण रवैया को दर्शाता है।




तरुणा साबे बेदरकर ने बताया कि आज बस्तर के दुरस्त अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं किस तरह से दम तोड़ दी है सभी भली भांति जानते हैं ।और बस्तर के ऐसे जगहों पर स्वास्थ्य सुविधाएं सही करने के उद्देश्य से योरोपियन मिशन द्वारा सरकार के साथ अनुबन्द कर आदिवासी बच्चियों को विशेष प्रशिक्षण देकर ग्रामीण इलाकों में नियुक्ति हेतु प्रशिक्षित किया गया। लेकिन सत्ता के लालची बीजेपी के सरकार ने अनुदान की राशि को भी दबाया। और आंदोलन के बाद बच्चियों को अनुदान की राशि दी गई।
आज बेटी पढ़ाओ का नाता दोनों सरकार देती आई है पर जब वक्त आता है तो बेटियों को सहारा देने के बजाय दोनों सरकारें बेटियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर भी गुरेज नही करती है।
आम आदमी पार्टी ने इनको मांगो को समर्थन देने के साथ राज्यपाल महोदय के नाम ज्ञापन दिया है और मांग की है कि जल्द से जल्द इन आदिवासी बच्चियों की नियुक्ति प्रकिया चालू करें।अन्यथा पार्टी सड़क की आंदोलन करने बाध्य होगी।
इस दौरान जिला अध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर के साथ विधानसभा अध्यक्ष शुभम सिंह,पूर्व अध्यक्ष नवनीत सराठे ,ख़िरपति भारती, रूपनारायण नाग,धीरज जैन,गिरधर आदि कार्यकर्ता सामिल रहे।

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