नारायणपुर: जिले में चलाया जा रहा है सघन बधियाकरण कार्यक्रम

नारायणपुर: जिले में चलाया जा रहा है सघन बधियाकरण कार्यक्रम

छत्तीसगढ़ ( नारायणपुर ) ओम प्रकाश सिंह । उन्नत पशुपालन किसानों की सामाजिक एवं आर्थिक समृद्धि का एक सशक्त माध्यम है। उन्नत नस्ल के पशु दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ कृषि कार्यों में भी किसान के लिए बहुउपयोगी संसाधन हैं। नस्ल सुधार कार्य की सफलता के लिए देशी निकृष्ट सांडों का बधियाकरण अत्यंत आवश्यक है, जिसके लिए संचालक पशु चिकित्सा सेवायें नया रायपुर के निर्देशन में नारायणपुर जिले में 15 अक्टूबर 2021 से सघन बधियाकरण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। 



इस कार्यक्रम में 30 गांवों का चयन किया गया है, जिसमें 1818 निकृष्ट सांडों के बधियाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में गठित 10 बधियाकरण दल के द्वारा अब तक ग्राम केरलापाल, बम्हनी, दण्डवन, छिनारी तारागांव, आतरगांव, महिमागवाडी, पल्ली, कन्हारगांव, मलिंगनार, कुलानार, नयानार, बेनूर मातला, गोर्रा, हितुलवाड़ कातुलबेड़ा एवं बोरपाल में 323 गाैंवंशी एवं 20 भैंसवंशी पशुओं सहित कुल 343 पशुओं का बधियाकरण किया गया है। पशुपालकों में यह आम भ्रांति है कि पशु के वयस्क होने पर उसे बधियाकरण कराया जाये, परंतु बधियाकरण की सबसे उपयुक्त आयु छः माह के उम्र में होती है। इस उम्र में बधियाकरण करने से पशु में हिंसक प्रवृत्ति का नाश होता है एवं शारीरिक विकास कृषि कार्य के अनुरूप होता है।

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