गांधी एवं शास्त्री जयंती का आयोजन

गांधी एवं शास्त्री जयंती का आयोजन

छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । जगदलपुर बस्तर में स्थित लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय में 2 अक्टूबर 2021 को गांधी एवं शास्त्री जयंती का आयोजन साहित्यिक सभागार में किया गय। इस आयोजन में सर्वप्रथम मंचासीन अतिथियों ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का प्रारंभ किया। लाला जगदलपुरी  जिला ग्रंथालय के लाइब्रेरी के युवा सदस्यों जो मासिक सदस्य के रूप में दर्ज हैं उन्होंने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया युवोदय की टीम के अलावा शहर के साहित्यकार भी उपस्थित थे।




सबसे पहले ग्रंथालय परिसर में सभी लोगों ने मिलजुल कर 1 घंटे तक सफाई की। स्वच्छता अभियान में सहायक कलेक्टर बस्तर सुश्री सुरुचि सिंह जिला शिक्षा अधिकारी जिला बस्तर श्रीमती भारती प्रधान, के साथ प्रमुख रूप से वी के  डोंगरे, शोएब अंसारी, शशिकांत सिंह गौतम विधु शेखर झा, हुसैन खान,यशायाह वली, नलिन शुक्ला, के साथ-साथ ग्रंथालय के कर्मचारी विद्यार्थी गण युवोदय के टीम के सदस्यों ने मिलकर परिसर और आसपास सफाई की।




मंचासीन प्रमुख वक्ताओं में से सहायक कलेक्टर बस्तर सुश्री सुरुचि सिंह युवोदय के सभी कार्यकर्ताओं के समर्पण भाव की सराहना की साथ ही यह भी कहा कि महात्मा गांधी की सोच को युवोदय के लोग क्रियान्वित कर रहे हैं लाइब्रेरी में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को उन्होंने कहा कि धैर्य के साथ अपना कार्य करना चाहिए गांधीजी में धैर्य था उन्होंने अपनी अहिंसा के साथ आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी जेल में रहते हुए भी पढ़ाई करते थे हमें इस बात को ध्यान रखना चाहिए और पढ़ाई को निरंतर रखनी चाहिए।




प्रमुख वक्ता के रूप में डॉक्टर योगेंद्र मोतीवाला सहायक प्राध्यापक दंतेश्वरी महिला महाविद्यालय विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा की जब मैं विद्यार्थी था तब से आज तक सदस्य हूं यह लाइब्रेरी शहर की पहचान है। उन्होंने लाइब्रेरी के विद्यार्थी सदस्यों के उद्बोधन की भी समीक्षा की पीयूष, आलोक, शुभम और हेमा तिवारी के उद्बोधन की सराहना की। मुख्य अतिथि की आसंदी से पद्मश्री धर्मपाल सैनी ने अपने अनुभवों को साझा किया उन्होंने गांधी जी और शास्त्री जी के जीवन की कठिनाइयों को भी बताया। विद्यार्थियों के संबोधन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के उद्बोधन को सुनकर मैं मन से गदगद हूं इन्होंने लाला जगदलपुरी ग्रन्थालय की उपयोगिता को सार्थक कर दिया युवोदय के लोग बहुत कठिन कार्य कर रहे हैं यह अपने कार्य से एक मिसाल पेश कर रहे हैं गांधीजी वास्तव में अहिंसा के पुजारी थे वह खुद कष्ट उठाते थे और दूसरों को कष्ट मत दो यह उनकी सोच थी।




कार्यक्रम की प्रमुख आयोजक जिला शिक्षा अधिकारी बस्तर श्रीमती भारती प्रधान ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। उन्होंने गांधी के कुटीर उद्योग व्यावसायिक शिक्षा स्वयं सफाई करना स्वच्छता इन सब बातों पर विस्तार से अपनी बात रखी। इन दिनों उग्रवाद आतंकवाद के कारण मानव ही मानव का दुश्मन हो जाए तो संसार का क्या होगा ।यह हमें सोचना चाहिए। हमें उत्तरदाई नागरिक के रूप में क्या कार्य करना चाहिए इसे युवोदय के लोगों से सीख सकते हैं युवोदय के लोग वास्तव में आज के गांधी हैं।




मंचीय कार्यक्रम को लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय के साहित्यिक कोऑर्डिनेटर विधु शेखर झा ने आकर्षक तरीके से संचालित किया।
इस कड़ी में ग्रन्थालय के विभिन्न प्रतियोगियों की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों ने भी संबोधन किया पीयूष मथुरानी आलोक सिंह शुभम बाजपेई और कुमारी हेमा तिवारी ने बहुत ही आकर्षक और ओजपूर्ण तरीके से अपनी बात रखी जिसकी सराहना उपस्थित सभी लोगों ने की। लाइब्रेरी के साहित्यिक सभागार में यह आठवां आयोजन बहुत ही आकर्षक, भव्य,उपयोगी और सुंदर तरीके से संपन्न किया गया।

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