जगदलपुर : स्कूल बस संचालकों को सरकार के सहारे की जरूरत...संतोष बाफना

जगदलपुर : स्कूल बस संचालकों को सरकार के सहारे की जरूरत...संतोष बाफना

स्कूल बसों का वाहन, परमिट व रिनुअल टैक्स माफ हो...बाफना

छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । स्कूल बसों का टैक्स माफ करने भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक संतोष बाफना ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर बस संचालकों को सरकारी राहत देने का आग्रह किया है। दरअसल, पहले लॉकडाउन से ही सभी स्कूल बंद होने की वजह से स्कूली संस्थानों की बस सेवाएं पूरी तरह से बंद रही हैं। और अब तक कोरोना महामारी आपदा के कारण आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त तो रहा ही है लेकिन लॉकडाउन की लम्बी अवधि के कारण स्कूली संस्थानों के बस संचालकों की कमर टूट गई है।





पूर्व विधायक संतोष बाफना ने स्कूल बस संचालकों की स्थिति से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अवगत कराते हुए लिखा है कि सभी स्कूल बंद होने के कारण बस संचालकों को अपने वाहनों का परिवहन विभाग का टैक्स भी कर्ज लेकर जमा कराना पड़ रहा है। इस वजह से बस संचालकों पर टैक्स, फायनेंस, इंश्योरेंस, वाहन मेंटनेंस, वाहन चालक व हेल्पर का वेतन इत्यादि का कर्ज भी उनपर चढ़ चुका है। प्रदेशभर की स्कूली बसें पूर्ण रूप से प्रभावित होकर अब पतन की ओर अग्रसर हैं। स्कूल पूरी तरह से बंद होने के कारण सभी बस संचालक टैक्स भरने की स्थिति में नहीं है। इस बस व्यवसाय में ज्यादातर छोटे बस संचालक हैं कर्ज के कारण पहले लॉकडाउन के बाद से आज भी उनकी बसें खड़ी हुई हैं।

पूर्व विधायक बाफना ने अभी हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार के फैसले का हवाला देेते हुए अपने पत्र में कहा है कि, मध्यप्रदेश में सार्वजनिक परिवहन के कारोबार को सरकार का सहारा मिल गया है। जिसमें स्कूली बसों के अलावा अन्य सभी यात्री बस संचालकों को आदरणीय शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व वाली सरकार ने गत वर्ष लॉकडाउन की पाबंदियों से प्रभावित हुए अन्य बस संचालकों को बड़ी राहत देते हुए 100 करोड़ रूपये के टैक्स छूट को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले के बाद से ही स्कूली बस संचालकों को बहुत बड़ी राहत मिली है।

पत्र के अंत में बाफना ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि, पहले लॉकडाउन के बाद से कोरोना संकट में स्कूली बसों के पहिए अब तक थमे हुए हैं, लेकिन उन सभी टैक्स बकाया हो गया है। और संचालन किए बगैर टैक्स की भरपाई करना संस्थानों के लिए संभव नहीं है। इसलिए मेरा सुझाव है कि, जब तक प्रदेशभर में स्कूली संस्थान पूर्व की भांति संचालित नहीं होते तब तक सभी स्कूली संस्थानों की बसों का वाहन, परमिट एवं रिनुअल टैक्स पूर्णतः माफ करने पर संवेदनशीलता से विचार करें। क्योंकि बिना सरकारी राहत के निकट भविष्य में स्कूली बसों का संचालन पूर्ण रूप से संभव नहीं होगा।

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