ग्राम पंचायत- ढोढरेपाल वि.खं-दरभा में काजू फसल प्रबंधन, पौध संरक्षण एवं प्रसंस्करण पर, तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

ग्राम पंचायत- ढोढरेपाल वि.खं-दरभा में काजू फसल प्रबंधन, पौध संरक्षण एवं प्रसंस्करण पर, तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । अखिल भारतीय समन्वित काजू अनुसन्धान परियोजना, " शहीद गुंडाधूर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र जगदलपुर ", सी एस एस एम आई डी एच योजना अंतर्गत काजू एवं कोको विकास निदेशालय, कोचीन केरल के संयुक्त तत्वाधान में तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण, दिनांक 09 से 11 अक्टूबर, 2021 तक, विषय : काजू फसल प्रबंधन, पौध संरक्षण एवं प्रसंस्करण पर सफल आयोजन किया गया। 

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती जानकी राव जनपद अध्याक्ष
दरभा रही, विशिष्ट अतिथि ग्राम - डिलमिली के सरपंच दुर्जन कश्यप एवं ढोढरेपाल की सरपंच श्रीमती शार्दुल थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिष्ठाता डॉ आर. एस. नेताम ने की तथा कृषकों को संबोधित करते हुये काजू की उन्नत तकनीक को उन्नतशील किस्मों के साथ अपना ने की बात कही एवं पूर्व में प्रदायित काजू प्रसंस्करण इकाई को कृषकों के सहयोग से पुनः प्रारंभ करने की सलाह कृषकों को दिया। 



विकास रामटेके, वैज्ञानिक काजू परियोजना प्रभारी तथा प्रशिक्षण आयोजक ने काजू उत्पादन बढ़ाने की नवीन उन्नत तकनीक के सम्बन्ध में कृषकों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी, तथा उन्नत किस्मों विशेष कर इंदिरा काजू -1 एवं व्ही -4 की ग्राफ्टेड पौधों का रोपण पडत भूमि में करने की सलाह दी. डॉ एच. के. पात्र सहायक प्राध्यापक ने काजू के व्यावसायिक महत्व को विस्तारपूर्वक बताया।



 डॉ यशपाल निराला कीट वैज्ञानिक काजू अनुसन्धान परियोजना ने काजू के प्रमुख हानिकारक कीट सी एस आर बी एवं टी एम बी कीटों का प्रबंधन कैसे करें विषय पर अपनी बातें कृषकों को प्रदर्शन कर बताया, डॉ आशीष केरकेट्टा ने छोटे स्तर पर काजू प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के सम्बन्ध में जानकारी दी। 



कृषि विज्ञान केंद्र से उपस्थित विषय वस्तु विशेषज्ञ सुशील कश्यप ने काजू सेवफल का मूल्य संवर्धन विषय पर अपनी जानकारी कृषकों को दी, अभिलाष शुक्ला उद्यान विस्तार अधिकारी ने काजू पेडों की कटाई छंटाई कैसे करें पर अपना विचार कृषकों के बीच रखा।



 प्रशिक्षण के दूसरे दिन कृषकों को काजू बागानों में पोषक तत्व प्रबंधन, कटाई- छंटाई पर प्रदर्शन कर डॉ विकास रामटेके एवं डॉ यशपाल निराला द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के अंतिम तीसरे दिन डॉ एन. सी. मंडावी कीट वैज्ञानिक ने उन्नत काजू फसल में कीट प्रबंधन की रासायनिक विधियों की जानकारी विस्तारपूर्वक दी, पौध रोग वैज्ञानिक पी. एस. नेताम ने काजू बागान में लगने वाले प्रमुख रोग एवं उसके प्रबंधन तकनीकों को बताया। 



प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिवस में उपस्थित कृषक मांझी ने उन्नत काजू उत्पादन तकनीक को गाँव में अपनाने की अपील करते हुये पुराने अनुभवों को कृषकों के बीच रखा। बेन्जाम ने काजू को मूल्यवान फसल बताया और कृपकों से निश्चित रूप से इस तकनीक को अपनाने पर जोर दिया।




डिलमिली के सरपंच श्री कश्यप ने गाँव में जितने भी काबिल काश्त की निजी भूमि जो की वर्तमान में खाली पड़ी हुई हैं इन सभी स्थानों पर ग्राफ्टेड काजू रोपण करने के लिये कृषकों को प्रोत्साहित किया।
इस कार्यक्रम में ग्राम के वार्ड पंच श्रीमती लक्ष्मी, प्रगति शील कृषक अर्जुन नाग पूर्व सरपंच ग्राम की महिला स्व-सहायता समूह की
सदस्य सहित बड़ी संख्या में महिलायें व कृषकगण उपस्थित रहे।

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