ग्राम पंचायत- ढोढरेपाल वि.खं-दरभा में काजू फसल प्रबंधन, पौध संरक्षण एवं प्रसंस्करण पर, तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
विकास रामटेके, वैज्ञानिक काजू परियोजना प्रभारी तथा प्रशिक्षण आयोजक ने काजू उत्पादन बढ़ाने की नवीन उन्नत तकनीक के सम्बन्ध में कृषकों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी, तथा उन्नत किस्मों विशेष कर इंदिरा काजू -1 एवं व्ही -4 की ग्राफ्टेड पौधों का रोपण पडत भूमि में करने की सलाह दी. डॉ एच. के. पात्र सहायक प्राध्यापक ने काजू के व्यावसायिक महत्व को विस्तारपूर्वक बताया।
डॉ यशपाल निराला कीट वैज्ञानिक काजू अनुसन्धान परियोजना ने काजू के प्रमुख हानिकारक कीट सी एस आर बी एवं टी एम बी कीटों का प्रबंधन कैसे करें विषय पर अपनी बातें कृषकों को प्रदर्शन कर बताया, डॉ आशीष केरकेट्टा ने छोटे स्तर पर काजू प्रसंस्करण इकाई की स्थापना के सम्बन्ध में जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केंद्र से उपस्थित विषय वस्तु विशेषज्ञ सुशील कश्यप ने काजू सेवफल का मूल्य संवर्धन विषय पर अपनी जानकारी कृषकों को दी, अभिलाष शुक्ला उद्यान विस्तार अधिकारी ने काजू पेडों की कटाई छंटाई कैसे करें पर अपना विचार कृषकों के बीच रखा।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन कृषकों को काजू बागानों में पोषक तत्व प्रबंधन, कटाई- छंटाई पर प्रदर्शन कर डॉ विकास रामटेके एवं डॉ यशपाल निराला द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के अंतिम तीसरे दिन डॉ एन. सी. मंडावी कीट वैज्ञानिक ने उन्नत काजू फसल में कीट प्रबंधन की रासायनिक विधियों की जानकारी विस्तारपूर्वक दी, पौध रोग वैज्ञानिक पी. एस. नेताम ने काजू बागान में लगने वाले प्रमुख रोग एवं उसके प्रबंधन तकनीकों को बताया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिवस में उपस्थित कृषक मांझी ने उन्नत काजू उत्पादन तकनीक को गाँव में अपनाने की अपील करते हुये पुराने अनुभवों को कृषकों के बीच रखा। बेन्जाम ने काजू को मूल्यवान फसल बताया और कृपकों से निश्चित रूप से इस तकनीक को अपनाने पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में ग्राम के वार्ड पंच श्रीमती लक्ष्मी, प्रगति शील कृषक अर्जुन नाग पूर्व सरपंच ग्राम की महिला स्व-सहायता समूह की
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