विश्व शिक्षाविद् बिरादरी ने एसडीजी 5 लैंगिक समानता पर एशियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।

विश्व शिक्षाविद् बिरादरी ने एसडीजी 5 लैंगिक समानता पर एशियन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।

संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 5 लैंगिक समानता के लिए मेरी आवाज मेरा भविष्य पर जागरुकता अभियान शुरू किया गया।

 

दुनिया भर में 6 महाद्वीपों से भारत समेत 15 देशों के 4617 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

छत्तीसगढ़ ( दंतेवाड़ा ) ओम प्रकाश सिंह । संयुक्त राष्ट्र के सभी 17 सतत विकास लक्ष्यों को साकार करने तथा विश्व कल्याण हेतु विश्व शिक्षाविद् बिरादरी (ग्लोबल एडुकेटर्स फर्टेर्निटी) विभिन्न कार्यक्रम कर रही है। इसी कड़ी में अंतर्राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस 2021 के अवसर पर विश्व शिक्षाविद् बिरादरी ने ऑनलाइन माध्यम से लैंगिक समानता बनाए रखने हेतु मेरी आवाज मेरा भविष्य पर जागरुकता कार्यक्रम किया। 














ग्लोबल एडुकेटर्स फर्टेर्निटी के संस्थापक व अध्यक्ष रचना भीमरजका ने कहा कि दुनिया भर में 6 महाद्वीपों से भारत समेत 15 देशों के 4617 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिसमें एशिया से भारत, मलेशिया, बांग्लादेश, पलेस्टाइन, ताइवान, अफ्रीका महाद्वीप से बेनिन, उगांडा, नाइजीरिया, घाना, मॉरीशस, उत्तर अमेरिका से कनाडा, दक्षिण अमेरिका महाद्वीप से ब्राजील, कोलोंबिया, यूरोप से रशिया और ऑस्ट्रेलिया देशों के बच्चें, शिक्षक, समाजसेवी अपने भागेदारी दिए। यह जागरुकता कार्यक्रम को एशियन बुक ऑफ रिकार्ड्स द्वारा अंतर्राष्ट्रीय रिकार्ड की सूची में शामिल किया और प्रमाण पत्र जारी किया गया।एशियन बुक ऑफ रिकार्ड्स के चीफ एडिटर डॉ सुनील दादा पटेल ने पुष्टि किया कि ग्लोबल एडुकेटर्स फर्टेर्निटी संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्ता और समाजिक कार्यक्रम के प्रमाणिक मापक के तहत ये रिकॉर्ड दर्ज किया। ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ पाणिग्रही ने कहा कि 21वी सदी विकासशील समय और आने वाले भविष्य में महिला भी पुरूष के समान बरा बर अधिकार की सांझा करती है। ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के निर्देशक, विज्ञान व प्रदौगिकी विभाग भारत सरकार के अंर्तगत भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था के अजीवन सदस्य तथा आस्था विद्या मंदिर जावंगा दंतेवाड़ा के शिक्षक अमुजुरी बिश्वनाथ ने कहा कि प्रत्येक बच्चे को अपने भविष्य की देख रेख करने का अधिकार है, इसलिए लैंगिक असमानता को उजागर करने के लिए सभी को सशक्त बनाना पूरी दुनियाँ के लोगों की ज़िम्मेदारी है। सभी लोग समानता के पथ पर चलकर अग्रसर होने की प्रयास करें। इस अनूठी गतिविधि में प्रो डॉ अजय सहाय, डॉ कुलदीप शर्मा, अमित कुमार और डॉ कुसुम बिष्ट द्वारा लैंगिक समानता हेतु देश के अनेक विद्यालयों में जागरुकता संदेश दिया और बालिकाओं को हौसला बढ़ाया। ग्लोबल एडुकेटर्स फर्टेर्निटी संस्था ने यूनिसेफ, युनेस्को, यूएनडीपी, यूएनएससी, यूएनएचआरसी के साथ मिलकर अनेक कार्यक्रम कर रही है। जुनून ऐसी चीज़ है जो आपसे वो करवा लेती है जिसे करना सबके बस का नहीं। बेटा हो या बेटी, दोनो को समान प्यार और अधिकार देना चाहिए।

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