लाला जगदलपुरी ग्रंथालय बदल रही बस्तर की तसवीर:आईजी, सुन्दरराज पी.

लाला जगदलपुरी ग्रंथालय बदल रही बस्तर की तसवीर:आईजी, सुन्दरराज पी.

छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) बस्तर दर्पण ।  लाला जगदलपुरी के जन्म समारोह के अवसर पर आयोजिततीन दिवसीय साहित्य महोत्सव के तीसरे दिन आयोजित कवि सम्मेलन के शुभारंभ के अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. ने कहा कि 24 घंटे पढ़ाई की सुविधा प्रदान करने वाला यह संस्थान बस्तर की तसवीर बदल रहा है। सुन्दरराज ने कहा कि बस्तर को आमतौर पर नक्सली हिंसाओं के लिए ही जाना जाता रहा है, मगर यहां के युवा प्रशासनिक सेवाओं के माध्यम से बस्तर की सेवा करने के लिए दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं। इस संस्थान में कई कामकाजी युवा भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करते हुए देखे जाते हैं। ऐसे कामकाजी युवाओं के लिए यह संस्थान निश्चित तौर पर वरदान है, क्योंकि वे अपने कामकाज के साथ फुर्सत के क्षणों में परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे हैं। 





यह संस्थान साहित्यप्रेमियों के लिए भी एक अनुपम उपहार है, जहां हर वर्ग की रुचि के अनुसार साहित्य उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर की कला संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के कार्य बादल एकेडमी जैसी संस्थानों की स्थापना से तेज हुए हैं, वहीं उद्यमी युवाओं को भी थिंक बी के माध्यम से सम्बल मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लाला जगदलपुरी से प्रेरणा लेकर युवा बस्तर का नाम रोशन करेंगे।
इस आयोजन के विशिष्ट अतिथि के रूप में बस्तर वनमंडल की वनमण्डलाधिकारी सुश्री स्टायलो मंडावी, कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान की संचालक सुश्री विजया रात्रे एवं पद्मश्री धर्मपाल सैनी जी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती प्रधान ने किया। अपने उद्बोधन में सुश्री मंडावी ने कहा कि साहित्य समाज का आईना होता है। साहित्यिक आयोजन विचारों के आदान प्रदान के सशक्त माध्यम होते हैं। सुश्री रात्रे ने कहा कि छात्र जीवन मे मुझे कविताएं पढ़ने का शौक रहा है। कविताओं का प्रभाव मेरे जीवन में सदैव रहा है।

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