जगदलपुरः डिमरापाल अस्पताल बना लापरवाही और अव्यवस्था का अड्डा -तरुणा साबे बेदरकर

जगदलपुरः डिमरापाल अस्पताल बना लापरवाही और अव्यवस्था का अड्डा -तरुणा साबे बेदरकर

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की सतर्कता से मिली मेडिकल कॉलेज से गुम हुई मरीज़

छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । आज सुबह आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया अध्यक्ष धीरज जैन को जानकारी लगी कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल से एक महिला मरीज़ अपने बिस्तर से ग़ायब हो गई है। दरअसल मरीज़ के परिजन उसे तलाश कर रहे थे व प्रबंधन को इस बात की जानकारी भी नही थी, ना ही कमर्चारियों द्वारा इस संबन्ध में किसी प्रकार की गंभीरता दिखाई जा रही थी।



जानकारी हो कि उपचार हेतु आई महिला उम्रदराज़ है व अपने पैरों के बल चल पाने में भी असमर्थ है बावजूद वह खिसकते हुए मेडीकल कॉलेज़ से बाहर तक निकल गई थी इस बीच किसी कर्मचारी या अन्य किसी ने इस बात को ध्यान नही दिया। सुबह मरीज़ के परिजनों द्वारा खोजबीन करने पर नही मिली और इसकी जानकारी उन्होंने कर्मचारियों को दी पर उन्होंने गंभीरता से नही लिया। मामले की जानकारी आम आदमी पार्टी के सोसल मीडिया अध्यक्ष धीरज जैन को मिली जिसपर तत्काल जिलाध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर के निर्देश पर जगदलपुर विधानसभा अध्यक्ष शुभम सिंह अपने टीम के साथ वहां पहुंचे व खोजबीन करके महिला को परिजनों के सुपुर्द किया। साथ ही कर्मचारियों लापरवाही पूर्ण रवैय्ये को लेकर उन्होंने वहां अपनी नाराज़गी भी जाहिर किया।



आम आदमी पार्टी के विधानसभा अध्यक्ष शुभम सिंह अपने टीम के साथ अगर समय पर नही पहुंचते या सोसल मीडिया अध्यक्ष धीरज जैन संदेश देने में देरी करते या जिलाध्यक्ष तरुणा साबे द्वारा सक्रियता नही दिखाई जाती तब पता नही वह महिला खान गुम हो जाती चूंकि प्रबंधन को इसकी भनक तक नही थी।

आम आदमी पार्टी की जिलाध्यक्ष तरुणा साबे बेदरकर ने इस लापरवाही के बाद अपनी जिम्मेदारी निभाई और प्रेस को जारी बयान में कहा कि भाजपा - कांग्रेस दोनों राष्ट्रीय दलों द्वारा मेडिकल कॉलेज में नामकरण के लिए जंग हमेशा छिड़ती है। भाजपा ने अपने शासनकाल में मेडिकल कॉलेज का नाम भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद स्व. बलिराम कश्यप के नाम पर रखा तो सत्ता में आते ही कांग्रेस ने मेडिकल कॉलेज के अस्पताल का नाम अपने वरिष्ठ नेता व सांसद स्व0 महेंद्र कर्मा के नाम पर रख लिया।

लेकिन ना ही दोनों दलों को अपने नेताओं के नाम जुड़ने के बावजूद वहां की अव्यवस्थाओं पर है ना ही उन परिवार के लोगों को जिनके नाम की राजनैतिक रोटी अब तक वे खा रहे हैं। अस्पताल अधीक्षक को तत्काल ऐसी लापरवाही के लिए बर्ख़ास्त करना चाहिए व जिन कर्मचारियों की वहां ड्यूटी तय की गई थी उन लर भी कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।

जिला प्रशासन के मुखिया रजत बंसल की क्या जिम्मेदारी यहां बनती है?

उनहे स्वयं इसका जवाब जनता को देना चाहिए। जब अस्पताल से मरीज़ ही बिना जानकारी गायब हो जाते हैं।

मेडिकल कॉलेज / अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था व कर्मचारियों की जिम्मेदारी कौन तय करेगा.?

उन्होंने कहा कि कलेक्टर को ऐसे विषय पर कम से कम शर्मिंदगी तो व्यक्त करनी हो चाहिए।

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