"लोन वर्राटू " घर वापस आईये अभियान से प्रभावित होकर 1 ईनामी माओवादी ने उप पुलिस महानिरीक्षक (परि) सीआरपीएफ 231 बटालियन कमाण्डेन्ट सुरेन्द्र सिंह एवं पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा के समक्ष किया आत्मसमर्पण किया

"लोन वर्राटू " घर वापस आईये अभियान से प्रभावित होकर 1 ईनामी माओवादी ने उप पुलिस महानिरीक्षक (परि) सीआरपीएफ 231 बटालियन कमाण्डेन्ट सुरेन्द्र सिंह एवं पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा के समक्ष किया आत्मसमर्पण किया

छत्तीसगढ़ ( दक्षिण बस्तर दन्तेवाड़ा ) ओम प्रकाश सिंह ।  जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत् जिला दंतेवाडा के विभिन्न ग्रामों के व्यक्ति जो प्रतिबंधित नक्सली संगठन में सक्रिय है उन्हें आत्मसमर्पण कर सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने के लिए थाना/कैम्पों एवं ग्राम पंचायतों में संबधित क्षेत्र के सक्रिय माओवादियों के नाम चस्पा कर लोन वर्राटू अभियान ( घर वापस आईये ) चलाया जा रहा है। 



पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा सिद्धार्थ तिवारी (मा.पु.से.) के द्वारा नक्सली संगठन में सक्रिय माओवादियों से आत्मसमर्पण कर सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने के लिए लगातार आह्वान कर अपील किये जाने पर आज दिनांक 07.01.2022 को मलांगेर एरिया कमेटी अन्तर्गत पालनार पंचायत डीएकेएमएस अध्यक्ष, मासा सोड़ी पिता जट्टीराम सोड़ी उम्र लगभग 30 वर्ष निवासी कोयलान पारा फुलपाड़ थाना कुआकोण्डा जिला दन्तेवाड़ा ने माओवादी संगठन के खोखली विचारधारा से तंग आकर लोन वर्राटू ( घर वापस आईये अभियान ) एवं छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर समाज के मुख्यधारा से जुड़कर विकास में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त करते हुए।



" उप पुलिस महानिरीक्षक (परि)केरिपुबल, विनय कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा, सिद्धार्थ तिवारी (मा.पु.से.), सुरेन्द्र सिंह कमाण्डेट 231 बटालियन केरिपुबल,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र जायसवाल (रा.पु.से.), नागेन्द्र सिंह उप कमाण्डेट 231 केरिपुबल दन्तेवाड़ा एवं उप पुलिस अधीक्षक सुश्री आशा रानी (रा.पु.से.) के समक आत्मसमर्पण किया। "




लोन वर्राटू अभियान के तहत् अब तक 124 ईनामी माओवादी सहित कुल 491 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।

आत्मसमर्पित माओवादी मासा सोड़ी निम्नलिखित घटनाओं में शामिल था :-

1. वर्ष 2012 में नक्सली बंद के दौरान सुकमा-दन्तेवाड़ा मुख्य मार्ग को ग्राम भूसारास करियार घाटी के पास
लगभग 25-30 अलग-अलग स्थानों पर रोड़ खोदकर मार्ग अवरोध करने की घटना में शामिल था।
2. वर्ष 2013 में नक्सली बंद के दौरान ग्राम फुलपाड़ में स्थित बालक आश्रम को तोड़फोड़ करने की घटना
में शामिल था।
3. वर्ष 2015 में मेरे नेतृत्व में लगभग 12 मिलिशिया सदस्यों के साथ मिलकर गीदम निवासी सुनार नाम नहीं मालूम को पालनार साप्ताहिक बाजार में जान से मारने की नियत से चाकू एवं डण्डों से हमला कर घायल करने की घटना में शामिल था।
4. वर्ष 2016 में दन्तेवाड़ा से सुकमा जाने वाले मुख्यमार्ग पर ग्राम मैलावाड़ा के पास लगभग 40-50 कि0 ग्रा0 आईईडी लगाकर सीआरपीएफ वाहन को विस्फोट करने की घटना में शामिल था।
5. वर्ष 2017 में ग्राम बुरकापाल के जंगल में गस्त सचिंग पर निकले पुलिस पार्टी पर एम्बुश लगाकर फायरिंग करने की घटना में शामिल था। जिसमें 2 नक्सली मारे गये। पुलिस के 12 जवान शहीद हुए जिनके हथियार लूटने में हम लोग सफल हुये।

उक्त ईनामी माओवादी को आत्मसमर्पण करने में 231 वीं वाहिनी सीआरपीएफ का विशेष योगदान रहा हैं। 

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