शहीद गुण्डाधूर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र

शहीद गुण्डाधूर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र

(इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय,कुम्हरावंड, जगदलपुर-( बस्तर ) छत्तीसगढ़

Ph. (0)-07782-229360 (R) 229343

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छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । बंगाल की कड़ी से गर्म हवा के साथ नमी का आना लगातार जारी है एवं साथ ही उत्तर अंदरूनी कर्नाटक तथा उत्तर अंदरूनी ओडिसा तक बने द्रोणक के कारण 15 जनवरी तक गरज चमक के साथ वर्षा की संभावना है। पिछले कुछ दिनों में गरज चमक के साथ हुई वर्षा एवं कुछ जगहों में हुई ओला वृष्टि से किसानों के फसलों को बहुत नुकसान पंहुचा है। 



बीते 48 घंटों में शहीद गुण्डाधूर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसान केंद्र, कुम्हरावंड में स्थित कृषि मौसम वेधशाला में 22.4 मि.मि. वर्षा रिकॉर्ड की गई अथवा अधिकतम 24.5-25.2°C एवं न्यूनतम तापमान 16.7-17.0°C रिकॉर्ड की गई। वर्षा के चलते वायु में 97-61% आद्रता बानी हुई है। वर्षा तथा आद्रता में वृद्धि से फसलों में रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है तथा लगातार वर्षा से मिटटी में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जो फसलों के लिए नुक्सानदेयक है तथा वर्षा के पश्चात रबी में लगाए गए दलहनी फसल मुरझा जाते है। इसके साथ-साथ नमी की वृद्धि से भंडारित अनाजों में कीटों के प्रकोप की भी संभावना होती है।
शहीद गुण्डाधूर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसान केंद्र, कुम्हरावंड, कृषि मौसम विभाग में कार्याग्रत वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मनीष कुमार एवं वरिष्ठ अनुसंधान सहायक अनुराग सनाइया बीते मौसम तथा आने वाले मौसम को देखते हुए किसानों को सलाह दी है की -
1. बस्तर और उसके आसपास के जिले में बारिश और ओलावृष्टि के पूर्वानुमान को देखते हुए, किसानों को सलाह दी जाती है कि वे खेत में उचित जल निकासी की व्यवस्था करें एवं ओलावृष्टि होने की स्थिति में शेड नेट का उपयोग करें।
2. पिछले कुछ दिनों में गरज के साथ हुई बारिश को देखते हुए तथा आने वाले दिनों में भी वर्षा की सम्भवना को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे गिरे हुए फलों या सब्जियों को खेत हटा दें ताकि खड़ी फसल में फफूंद रोग के प्रसार को कम
किया जा सके और गरज के कारण पौधों को गिरने से रोकने के लिए बांस या लकड़ी का खंभा लगाकर फसलों को सहारा दें।
3. अनाज में नमी बढ़ने के कारण भंडारित अनाजों में कीटों के प्रकोप की संभावना है, अतः किसानों को सलाह दी जाती है कि अनाजों को कीटों के प्रकोप से बचने हेतु एल्युमिनियम फास्फाइड (3 गोली/टन अनाज) के साथ अनाजों पर छिड़काव करें।
4. जलभराव की स्थिति या वर्षा के बाद मिट्टी की निरंतर संतृप्त स्थिति के कारण, फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी दिखाई देती है। अतः किसान भाई सूक्ष्म पोषक तत्वों का तुरंत छिड़काव करें।
5. किसानों ने सलाह दी जाती है की बारिश के बाद दलहनों में मुरझाने को नियंत्रित करने हेतु वैलिडामाइसिन @ 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
6. बढ़ती हुई आर्द्रता को ध्यान में रखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है की वे सफेद रोली रोग के खिलाफ सरसों के फसलों की निगरानी करें। यदि संक्रमण अधिक हो तो मेटलैक्सिल 8% + मैनकोजेब 64% @ 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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