बस्तर पुलिस की ‘‘मनवा नवॉं नार’’ स्टॉल बना आकर्षण का केन्द्र।

बस्तर पुलिस की ‘‘मनवा नवॉं नार’’ स्टॉल बना आकर्षण का केन्द्र।

छत्तीसगढ़ ( रायपुर )ओम प्रकाश सिंह । बस्तर क्षेत्र के विकास एवं सुरक्षा के संदर्भ में शासन के कार्य योजनाओं की विषय वस्तु पर साइंस कॉलेज, रायपुर में दिनांक 3 फरवरी से 7 फरवरी 2022 तक आयोजित की जा रही प्रदर्शनी पंडाल में बस्तर पुलिस की ‘‘मनवा नवॉं नार’’ स्टॉल बना आकर्षण का केन्द्र।



उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग अंतर्गत स्थानीय पुलिस बल तथा केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के द्वारा विगत 3 वर्षाे में 36 से अधिक सुरक्षा बेस कैम्प (Security Base Camp) स्थापित किया जाकर अन्दरूनी क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ विकास कार्यो के लिये अनुकूल वातावरण निर्मित किये जाने हेतु प्रयासरत् है। इस प्रकार स्थापित किये गये बेस कैम्पों के सहयोग से स्थानीय नागरिकों को प्राप्त हो रहे मूलभूत सुविधा के कारण शासन/प्रशासन के प्रति सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है।



प्रत्येक सुरक्षा बेस कैम्प को एक समग्रित विकास केन्द्र (Integrated Development Centre) के रूप में तब्दील करने हेतु ‘‘मनवा नवॉं नार’’ कार्य योजना तैयार किया जाना प्रस्तावित है। स्थानीय आदिवासी गोंडी/हल्बी भाषा में ‘मनवा नवॉं नार’ का अर्थ है ‘हमारा नया गांव’




उक्त कार्य योजना के तहत जिला अंतर्गत संचालित शासन के विभिन्न कल्याणकारी एवं विकास कार्यो का Convergence की जा कर ग्रामीणों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराये जाने के साथ-साथ स्व-रोजगार (Self Employment) के लिये प्रत्सोहित कर उनकी आमदनी बढ़ाकर उनके जीवन स्तर को उन्नत किया जा सकेगा।



शासन की मंशानुसार प्रत्येक सुरक्षा कैम्प के आसपास के ग्रामों को ‘‘मनवा नवॉं नार’’ कार्य योजना अंतर्गत अधिक से अधिक स्थानीय निवासियों को लाभान्वित किये जाने हेतु बस्तर संभाग के समस्त पुलिस अधीक्षकों द्वारा संबंधित जिला कलेक्टर/केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारीगण/ सर्व संबंधित विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।





बस्तर संभाग के सुरक्षा कैम्पों (ग्रामों) को समग्रित विकास कार्य हेतु चयनित कर उक्त स्थानों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सार्वजनिक प्रणाली (PDS) बिजली, बैंक, आंगनबाड़ी केन्द्र एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध कराई जाकर इन्हें समग्रित विकास केन्द्र के रूप में उन्नयन करते हुये क्षेत्रवासियों में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। विगत कई वर्षों से माओवादियों द्वारा स्थानीय आदिवासी युवक/युवतियों को जल, जंगल, जमीन के मुद्दे पर दिकभ्रमित जानकारी देकर उन्हें शासन-प्रशासन के विरूद्ध भड़काने के लिए कोशिश की गई, किन्तु छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल एवं जिला पुलिस बल में स्थानीय युवक/युवतियों को भर्ती में अधिक से अधिक अवसर दिये जाने से विगत वर्षों में माओवादी संगठनों की भर्ती में उल्लेखनीय कमी आयी है।



नक्सल समस्या के समाधान की दिशा में शासन द्वारा लिया गया मजबूत निर्णय के फलस्वरूप बस्तर संभाग के अंतर्गत माओवादी संगठन की गतिविधि दक्षिण बीजापुर, दक्षिण सुकमा, इन्द्रावती नेशनल पार्क का इलाका, अबूझमाड़ एवं कोयलीबेड़ा क्षेत्र के चंद वर्ग कि.मी. तक सीमित हो रही है।



बस्तर संभाग के सुरक्षा कैम्पों (ग्रामों) को समग्रित विकास कार्य हेतु चयनित कर उक्त स्थानों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सार्वजनिक प्रणाली (PDS) बिजली, बैंक, आंगनबाड़ी केन्द्र एवं अन्य सुविधायें उपलब्ध कराई जाकर इन्हें समग्रित विकास केन्द्र के रूप में उन्नयन करते हुये क्षेत्रवासियों में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ाने का कार्य किया जावेगा।



वर्तमान की सरकार द्वारा नक्सल उन्मूलन की दिशा में किये जा रहे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम आगामी दिनों में परिलक्षित होगा। हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि अतिशीघ्र प्रदेश में नक्सल गतिविधि के ऊपर अंकुश लगाते हुये एक सुरक्षित वातातरण निर्मित करने में हम सफल होंगे। 



मनवा नवॉं नार’ कार्य योजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।



पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. द्वारा बताया गया ‘मनवा नवॉं नार’ कार्य योजना के संदर्भ में रायपुर साइंस कॉलेज में आयोजित प्रदर्शनी स्टॉल में भारी संख्या में छात्र-छात्राऐं, युवा, महिलाऐं एवं अन्य दर्शक द्वारा बस्तर क्षेत्र में हो रही सकारात्मक परिवर्तन को जानने एवं समझने के लिये उत्साह से जानकारी प्राप्त की जा रही है साथ-साथ स्टॉल में स्थापित की गई सेल्फी कार्नर में बस्तर पुलिस जवान की कटआउट चित्र के साथ फोटो ली जाकर बस्तर क्षेत्र की सुरक्षा, शांति एवं विकास के लिये पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यो की सराहना की गई।

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