माओवादियों द्वारा लगाये गये प्राण घाती अम्बुश में शहीद हव०/जीडी शशिकांत को दी गई श्रद्धांजलि
छत्तीसगढ़ ( जावंगा,गीदम-दन्तेवाड़ा ) ओम प्रकाश सिंह। 231 बटालियन जावंगा गीदम, दंतेवाड़ा (छ०ग०)विदित है कि 231 बटालियन की तैनाती दिनांक 05/10/2015 को छत्तीसगढ़ के अतिसंवेदनशील ईलाकें जिला-दंतेवाड़ा/सुकमा में की गई थी वाहिनी को सड़क निर्माण कार्य व परिचालनिक ड्यूटियों का जिम्मा सौंपा गया था। तब से लेकर अभी तक वाहिनी के द्वारा माओवादियों के गढ़ माना जाने वाले क्षेत्र अरनपुर/जगरगुण्ड़ा के क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य करना व माओवादियों के खिलाफ चलायें जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे है।
दिनांक 18/03/2019 को समय लगभग 1720 बजे ड्यूटी पार्टी कमलपोस्ट से कोण्ड़ापारा की ओर जा रही थी तभी रास्तें में सुरक्षाबल की टुकड़ी पर माओवादियों ने आई०ई०डी० ब्लास्ट कर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस आक्रमक कार्यवाई का जवाब देते हुए साहसी और निड़र हव०/जीडी० शशिकांत लगातार माओवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते रहे और उन्होंने माओवादियों द्वारा लगाये गये अम्बुश को ध्वस्त कर दिया इस आक्रमक जवाबी कार्यवाही में हव०/जीडी शशिकांत बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापित करने हेतु कर्तव्य पथ पर चलते हुये देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
आज दिनांक 18/03/2022 को 231 बटालियन मुख्यालय जावंगा गीदम दंतेवाड़ा में सुरेन्द्र सिंह कमाण्डेंट, मुनीश कुमार द्वितीय कमान अधिकारी (परिचालन), मृत्युंजय कुमार उप कमाण्ड़ेंट, विजय किशोर रेड्डी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी और अधीनस्थ अधिकारी एवं जवानों ने 2 मिनट का मौन रखकर शहीद हव०/जीडी शशिकांत को श्रद्धांजलि दी और उन्हें पुष्प अर्पित किए ।
231 बटालियन सुरेन्द्र सिंह ने शहीद शशिकांत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दिनांक 18/03/2019 को माओवादियों द्वारा लगाये गये प्राण घातक अम्बुश की पुरजोर निदां करते हुए इसे अमानवीय एवं कायरतापूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जो राष्ट्र की एकता, अखण्ड़ता और उसके सामाजिक ढांचे को नुकशान पहुंचाने का कार्य करता है वह राष्ट्र द्रोही होता है और जो अपने प्राणों की आहूति देकर भी देश की रक्षा करे वह रक्षक होता है। जाति, धर्म से ऊपर उठ कर हमारा देश आता है और जो भी हमारे राष्ट्र को नुकशान पहुंचाता है वह राष्ट्रद्रोही तथा जो राष्ट्र के लिए कार्य करता है वह राष्ट्रभक्त है। भारत माता के इस सच्चे सपूत को खोकर हम अर्न्तमन से आहत हैं। आक्रोश भी है लेकिन इसके साथ ही यह विश्वास भी है कि हम पीछे हटने वाले नहीं है और हर स्थिति का डट कर मुकाबला करने में सक्षम है।
“ कहते है शहीद कभी मरते नहीं वो चाहें आज हमारे बीच न हो पर हमारे दिलों में उनके नाम की ज्योति हमेशा जलती रहेगी ”
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