बस्तर परिवहन संघ की गुण्डागर्दी से त्रस्त होकर परिवार समेत भूख हड़ताल पर बैठने का जिला प्रशासन से किया निवेदन -सदस्य, राजेश चंदेल।

बस्तर परिवहन संघ की गुण्डागर्दी से त्रस्त होकर परिवार समेत भूख हड़ताल पर बैठने का जिला प्रशासन से किया निवेदन -सदस्य, राजेश चंदेल





एसपी व कलेक्टर से भूख हड़ताल पर बैठने अनुमति मांगी

छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । बस्तर परिवहन संघ के सदस्य राजेश चंदेल ने अन्न-जल त्याग कर परिवार के साथ बस्तर परिवहन संघ कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठने की अनुमति एसपी व कलेक्टर से मांगी हैं।



बस्तर परिवहन संघ के सदस्य राजेश चंदेल " का कहना है कि संघ द्वारा बिना किसी सूचना के तीन माह पूर्व मेरी ट्रक को बाहर कर दिया गया हैं साथ ही 180 गाड़ी और भी हैं जिन्हें ब्लैक लिस्ट संघ के वर्तमान पदाधिकारियों के द्वारा किया गया है। बस्तर परिवहन संघ के सदस्य राजेश चंदेल ने बताया, कि बीपीएस से गाड़ी बाहर किये जाने के बाद से मेरे पास दूसरा किसी भी प्रकार का आय साधन नहीं है मेरे परिवार के सामने " भूखे मरने " की स्थिति आ चुकी है दो वक्त का भोजन पकाने तक का राशन नहीं है। ऐसी स्थिति में " बस्तर परिवहन संघ के वर्तमान पदाधिकारियों की गुण्डागर्दी व दादागिरी के खिलाफ अपनी बात रखने का एक ही रास्ता दिखा, भूख हड़ताल पर बैठने का जिला प्रशासन से मांग की हैं।"



बस्तर परिवहन संघ के सदस्य राजेश चंदेल ने बताया कि मैं बीपीएस का नियमित सदस्य हूँ और मैं गीदम रोड़ परपा नाका का निवासी हूँ। वाहन क्रमांक CG 17 KR 7005 को बस्तर परिवहन संघ से स्वयं चलाकर अपना व परिवारका पालन-पोषण करता हूँ। विगत कई वर्ष से स्वयं वाहन चला रहा हूँ। संघ से मेरी गाड़ी बाहर किये जाने के बाद से मेरे आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं और मैं मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त हूँ।

बस्तर परिवहन संघ के वर्तमान पदाधिकारियों के द्वारा 3 माह पूर्व बिना कोई सूचना दिए बगैर मेरी गाड़ी समेत 180 गाड़ियों को बाहर कर दिया गया हैं।

संघ के वर्तमान पदाधिकारियों ने गुण्डागर्दी व तानाशाही का रवैया अपनाया हुए हैं।

राजेश चंदेल ने बताया कि संघ के बायलाॅज के अनुसार संघ का उद्देश्य रोजगार देना हैं। अगर कोई व्यक्ति बस्तर का निवासी हैं और गाड़ी का व्यवसाय करना चाहता है तो वह संघ की सदस्यता लेकर अपनी गाड़ी संघ के माध्यम से चलाकर अपना जीवन यापन कर सकता हैं।

30 मार्च से परिवार के साथ अन्न-जल त्याग कर भूख हड़ताल पर बैठूंगा

राजेश चंदेल ने बताया कि उनकी गाड़ी बैंक से फायनेंस हैं हर महीने 67,500/- रूपये किश्त जमा करना पड़ता हैं। संघ से मेरी गाड़ी बाहर किये जाने से किश्त जमा करना मुश्किल हो गया हैं। तथा परिवार में पत्नी व 4 बच्चे हैं जिनका पालन-पोषण की जिम्मेदारी मेरे कन्धे पर हैं। घर में कमाने वाला मेरे अलावा और कोई दूसरा सदस्य नहीं हैं इसलिए मैंने यह निर्णय लिया, भूख हड़ताल पर बैठने से पहले मैं जिला प्रशासन के अधिकारियों को लिखित में जानकारी देकर भूख हड़ताल पर बैठने की अनुमति मांगी हैं। 





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