"कृषि वैज्ञानिक पहुंचे बस्तर जिले के अंतिम छोर मारीकोडेर"

"कृषि वैज्ञानिक पहुंचे बस्तर जिले के अंतिम छोर मारीकोडेर"

छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । एक ऐसा गांव जो बारसूर रोड पर बस्तर जिला का सबसे अंतिम गांव के रूप में स्थित है, जो आज भी विकास की बाट जो रहा है यहां पर शहीद गुंडाधूर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, जगदलपुर के द्वारा एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण और सरसों दिवस कार्यक्रम दिनांक 07-03-2022 को सम्पन्न हुआ, यह प्रशिक्षण भाकृअनुप - सरसों अनुसंधान निदेशालय, भरतपुर राजस्थान और शहीद गुंडाधूर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र, जगदलपुर के संयुक्त तत्वाधान में ग्राम मारीकोडर विकासखंड लोहंडीगुड़ा में आदिवासी उपयोजना अंतर्गत सरसों तोरिया की अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के तहत आयोजन किया गया! 



इस कार्यक्रम में  मारीकोडेर के आठ पारा के  लगभग 95-100 कृषक शामिल हुये! शहीद गुंडाधूर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों ने गाँव के कृषकों के साथ अपनी जानकारी साझा करते हुये कृषि से जीवन स्तर सुधारने और ग्राम के विकास के तरीके बताए! पारम्परिक बीजों को संरक्षण करते हुये खेती-किसानी को उन्नत करने के तरीके बताये गए! इस परियोजना के प्रभारी डॉ आर. आर. भंवर ने कृषको को आदिवासी उप योजना और अखिल भारतीय सरसों तोरिया परियोजना के बारे में  कृषको को विस्तृत जानकारी प्रदान की ! 



 

सरसों की उन्नत खेती, रोग निदान, कीट व्याधियों और मिट्टी परीक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी कृषि वैज्ञानिक डॉ जे. एल. सलाम ,  डॉ नेमीचंद मंडावी, पी. के. सलाम के द्वारा कृषकों को  प्रदान किया गया प्रदान किया गया! ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी कमलेश पंत और ग्रामीण तकनीकी सहायक हरीश नेताम ने कृषि विभाग के योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुये सामूहिक खेती की ओर आगे बढ़ने पर जोर दिया! इस कार्यक्रम में सरपंच श्रीमति फूलमति मंडावी ने अपनी गोंडी बोली में अपनी बात रखते हुये इस प्रकार के कृषि आधारित कार्यक्रम को जोर देने की बात कही! 



ग्राम के पटेल मंगल राम मंडावी ने भी गोंडी में अपनी बात रखते हुये कार्यकम के सार को कृषकों को सरलता से समझाने का काम किया! इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से ग्राम के पुजारी महादेव मंडावी, कृषि मित्र बैदर कश्यप, रोजगार सहायक आतिराम मंडावी, जयराम मंडावी, पाइको, बुधू सहित  बड़ी संख्या में महिला और पुरुष कृषक शामिल हुये! 



इस कार्यक्रम आदिवासी उपयोजना के तहत किसानों को कृषि में उपयोगी स्प्रेयर, फावड़ा, गैंती, कुदाली और कीटनाशक का भी वितरण किया गया!अंत में सभी कृषको के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गयी थी!

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