जन सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्तों ने दी सूचना के अधिकार अधिनियम के उद्देश्यों तथा अधिनियम के बारिकियों के संबंध में जानकारी

छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) बस्तर दर्पण ।  सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज कलेक्टोरेट जगदलपुर के प्रेरणा कक्ष में मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत एवं सूचना आयुक्तों ने सूचना के अधिकार अधिनियम के उद्देश्यों तथा अधिनियम के बारिकियों के साथ-साथ जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के कार्यों एवं दायित्वों के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारियां दी। इस कार्यशाला में सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल, धनवेन्द्र जयसवाल एवं मनोज त्रिवेदी सहित कलेक्टर रजत बंसल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहित व्यास एवं राज्य सूचना आयोग के संयुक्त संचालक धनंजय राठौर सहित जिले के जनसूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारीगण उपस्थित थे।



    इस अवसर पर मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत ने सूचना के अधिकार अधिनियम के उद्देश्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक शासन में सरकार और सरकारी मशीनरी जनता के प्रति जवाबदेह हो तथा सरकारी मशीनरी के क्रियान्वयन में पारदर्शिता हो सके तथा जिम्मेदारी सूनिश्चित करने के लिए सूचना का अधिनियम लागू की गई है। इस अधिनियम के माध्यम से ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है जिसके अंतर्गत कोई भी नागरिक लोक प्राधिकारी के कार्यकलापो के संबंध में सूचना प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने लोक प्राधिकारी की परिभाषा देते हुए बताया कि इसमें न केवल प्रशासनिक तंत्र के संबंध में कोई भी नागरिक जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसके साथ ही उन सभी निकायों के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है जो लोक प्राधिकारी से नियंत्रित होत है या 02 लाख या उससे अधिक वित्तीय सहायता प्राप्त करते हैं। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम में यह व्यवस्था भी की गई है यदि लोक सूचना अधिकारी द्वारा आवेदक को समय-सीमा पर उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो ऐसे अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा गठित सूचना अयोग द्वारा दंड़ित भी किया जा सकता हैं। इस अवसर पर राउत ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण हेतु किए गए कार्यवाही के संबंध में भी जानकारी ली।





     मुख्य सूचना आयुक्त ने जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को इस अधिनियम के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आवेदक के द्वारा जानकारी मांगे जाने पर न्यायालयीन प्रकरणों की भी जानकारी देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत उस दस्तावेज में शामिल ऐसी जानकारियां जो देना आवश्यक नहीं है उसे विलोपित किया जा सकता है। राउत ने कहा कि आवेदक के द्वारा जानकारी मांगे जाने पर कार्यालय में उपलब्ध 20 साल तक के पूराना दस्तावेजों को भी आवेदक को उपलब्ध कराना आवश्यक है। 



सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल ने कहा कि आवेदक को आवेदन पत्र में उल्लेखित तिथि तक की ही जानकारी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने निर्धारित समय अवधि तक जानकारी प्रदान नहीं करने पर संबधित अधिकारी के विरूद्ध वसूली की कार्रवाई किये जाने की भी जानकारी दी। अग्रवाल ने प्रथम अपीलीय अधिकारियों को प्राप्त आवेदनों का निराकरण करते समय अपना नाम और पद का उल्लेख अनिवार्य रूप से करने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर सूचना आयुक्त धनवेन्द्र जयसवाल एवं मनोज त्रिवेदी ने भी जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को उनके कार्यों एवं दायित्वों के संबंधों में महत्वपूर्ण जानकारियां दी। कार्यशाला में संयुक्त संचालक धनंजय राठौर ने अधिनियमों के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कलेक्टर रजत बंसल ने मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्तों के कार्यशाला में अपनी बहुमूल्य उपस्थिति प्रदान करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।





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