गिरदालपारा के किसानों में आए बदलाव की बयार देख कमिश्नर धावड़े ने जताई खुशी
छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) बस्तर दर्पण । जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर पर मलगेर नदी पर बने गिरदालपारा परियोजना का लाभ ले रहे किसानों में आए बदलाव की बयार देखकर कमिश्नर श्याम धावड़े ने खुशी जताई। गुरुवार को सुकमा जिले के प्रवास पर पहुंचे कमिश्नर ने गिरदालपारा परियोजना का अवलोकन किया और स्थानीय किसानों के साथ बातचीत की। इस दौरान कलेक्टर विनीत नंदनवार भी मौजूद थे। बातचीत के दौरान इस परियोजना से खुश किसानों ने बताया कि उन्हें कभी भी इस बात की आस नही थी कि वे अपनी भूमि पर दोहरी फसल लेकर अतिरिक्त आय का लाभ कमा पाएंगे। पहले सिंचाई सुविधा सुदृढ़ नही थी जिसके कारण वे सीमित क्षेत्र मात्र में अपनी फसल लगा पाते थे।
बरसात में भी फसल अच्छी नही होती थी, किंतु इस लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम की बदौलत अब अधिक रकबे में सिंचाई कर टमाटर, मिर्च आदि की फसल से लाभ कमा रहे हैं। किसानों ने कहा कि इस परियोजना से उनके जीवन में बदलाव की बयार आई है। जिन कृषकों ने कभी सोचा नहीं था की से धान के अलावा भी अन्य फसल से लाभ ले पायेंगे, आज कलेक्टर सहित जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग के प्रयासों से हम ग्रामीणों को कृषि में रुझान बढ़ा है और अपने खेतों में मूंग, मक्का, टमाटर, बैंगन, मिर्च आदि की अच्छी पैदावार ले रहे हैं।
किसानों ने बताया कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी के वे अपने खेत पर कृषि कार्य कर पाएंगे। क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था नहीं होने के कारण घर चलाने के लिए पड़ोसी राज्यों में जाकर रोजी-मजदूरी, ड्राईवरी का काम करते थे, जिसमें नाम मात्र आय ही अर्जित होती थी, जिससे परिवार चलाना मुश्किल था। बरसात के सहारे धान की फसल लेते थे, जो घर परिवार मात्र को ही पूरता था। गिरदालपारा परियोजना से हम कृषकों को सुविधा मिली और लगभग हर दूसरे दिन अधिकारियों ने आकर गांव के सभी किसानों को खेती के लिए प्रोत्साहित किया। इसी का परिणाम है कि गांव के सभी किसान इस परिययोजना का लाभ लेने को आतुर हुए और लगभग 80 एकड़ में खेती कर रहे हैं। सिंचाई सुविधा सुदृढ़ हो जाने से अब हम धान की बेहतर पैदावार के साथ ही अन्य फसल, साग सब्जियों से भी लाभ कमा पाएंगे।
कृषकों को सिंचाई सुविधा में विकास और विस्तार मिला है, प्रशासन के नवाचारी पहल से गिरदालपारा लिफ्ट इरिगेशन परियोजना इस का सशक्त उदाहरण है, जहां बिना किसी ईंधन के उपयोग मात्र पानी की गतिज उर्जा से ही क्षेत्र के कृषकों के खेत तक सिंचाई व्यवस्था सुनिश्चित हुई है। जिससे कृषकों के जीवन के खुशहाली साफ नजर आती है। कृषकों ने इस परियोजना के लिए मुख्यमंत्री, उद्योग मंत्री, कलेक्टर सहित सभी संबंधित विभागों को सहृदय धन्यवाद दिया है।
*" बिना ईंधन 24 घंटे पानी की उपलब्धता "*
मलंगेर नदी पर बने इस परियोजना की खासियत यह है टर्बाइन, जिसके मदद से पानी को पम्प करके नदी की सतह से 22 मीटर ऊंचे स्थान पर उठाया जाता हैं, उसमें किसी भी प्रकार के ईंधन जैसे पेट्रोल, डीजल, मिट्टी तेल या बिजली का उपयोग नहीं किया जाता। लगभग 1.5 किलोमीटर दूर 25×25 मीटर टंकी, जिसकी गहराई 1.20 मीटर की है में पानी स्टोर किया जाता है और यहां से छोटी नहरों की सहायता से पूरे 80 एकड़ भूमि को सिंचित किया जाता है।
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