विश्व हिन्दू परिषद् मातृ शक्ति का प्रांतीय प्रशिक्षण वर्ग संपन्न
छत्तीसगढ़ ( जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । विश्व हिन्दू परिषद् मातृ शक्ति का प्रांतीय प्रशिक्षण वर्ग 2 मई से 4 मई 2022 तक बस्तर जिले के जगदलपुर स्तिथ शौन्डिक भवन परिसर में था, जो कि सफलापूर्वक संपन्न हुआ। जिसमें छत्तीसगढ़ प्रांत से 143 मातृशक्तियो ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।कार्यक्रम का प्रारंभ मां भारती श्री राम दरबार के छायाचित्र में पूजा अर्चना क्षेत्रीय संयोजिका श्रीमती सुनीता गर्ग दीदी, प्रांत उपाध्यक्ष रामचरण कोर्राम प्रांत मंत्री विभूति पांडे, प्रांतसंगठन मंत्री जितेन्द्र वर्मा, प्रांत संयोजिका श्रीमती सरिता यादव के द्वारा किया गया।
सत्र प्रारंभ में मुख्य वक्ता श्रीमती सुनीता गर्ग के द्वारा अध्यात्म ही मातृत्व विषय पर प्रबोधन दिया गया। साय कालीन सत्र में समता खेलों एवं सत्संग का आयोजन किया गया तत्पश्चात रात्रि कालीन सत्र में मनोरंजन सत्र पश्चात दीप निर्माण किया गया।
प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस में प्रातः जागरण योग शिक्षा व्यायाम प्राणायाम के साथ प्रारंभ हुआ प्रथम सत्र में वर्ग गीत का अभ्यास कराया गया । द्वितीय सत्र में दुर्ग से डॉ मानसी गुलाटी जी के द्वारा स्त्री विमर्श विषय पर प्रबोधन दिया जिसमें उन्होंने मातृशक्ति के भ्रूण अवस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था तक आनेवाली परिवर्तनों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया, बच्चों में संस्कार का निर्माण भ्रूण अवस्था से दिया जाना चाहिए जिसमें उन्होंने महाभारत के अभिमन्यु के चक्रव्यूह में प्रवेश की नीति को लेकर बताया। प्रत्येक सफल पुरुष के पीछे उनकी माता का आशीर्वाद होता है, चाहे रामजी हो या शिवाजी उनकी माता भी श्रेष्ठ थी। प्रत्येक माता का दायित्व होता है कि वे अपने बच्चों को संस्कारवान बनाए।
द्वितीय सत्र में कुटुंब प्रबोधन विषय पर कुवर राजबहादुर सिंह राणा के अपने विचार प्रकट किए जो बहुतों की प्रेरणा दायी थी हमारा संस्कार, आचार -विचार मानवता के ओतप्रोत है हम वसुदेव कुटुम्बकम पर विश्वास करने वाले है। सायंकालीन सत्र में खेल एवम् सत्संग का आयोजन किया गया। तृतीय दिवस प्रथम सत्र आध्यात्म ही मातृत्व विषय पर श्रीमती प्रेमलता बिसेन प्रांत उपाध्यक्ष विहिप के द्वारा उद्बोधन दिया गया। द्वितीय सत्र चर्चा सत्र संगठन एवम् कार्यकर्ता निर्माण विषय पर श्रीमती सरिता यादव प्रांत संयोजिका मातृशक्ति के द्वारा प्रशिक्षणार्थियों के साथ चर्चा किया गया।
प्रशिक्षण का उद्देश्य छत्तीसगढ़ प्रांत में स्थित मातृशक्तियो में प्रबल कार्यकर्ता निर्माण, संस्कार, आध्यात्म, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता का निर्माण करना जिससे परिवार एवं समाज मे धार्मिकता एवं राष्ट्रीयता की भावनाएं प्रसारित हो सके।
मातृशक्ति पर समाज के उत्थान का दायित्व:सरिता यादव
प्रशिक्षण में आने वाली बहनों का उनके द्वारा किये गए प्रशिक्षण में कुशलता से भाग लेने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया।
मातृशक्ति प्रांत अध्यक्ष श्रीमती सरिता यादव ने बताया कि व्यक्ति निर्माण से लेकर विश्व निर्माण तक महिलाओं के महत्व और भूमिका को हम सभी अच्छी तरह से जानते हैं। परिवार समाज की सबसे महत्वपूर्ण इकाई है। परिवार संयुक्त हो या एकाकी उसकी आन्तरिक रीति – नीति, सामाजिक व्यवहार और उसकी जीवन पद्धति का स्वरुप उस परिवार की प्रमुख महिला के संस्कारों से ही प्रतिबिम्बित और निर्मित होता है।
परिवार के छोटे से बड़े तक को संस्कारों से परिष्कृत करने का प्रत्यक्ष और परोक्ष दायित्व परिवार की प्रमुख नारी शक्ति पर आ पड़ता है। इतिहास इस सत्य का सबसे बड़ा साक्षी है कि विश्व के महान से महान चरित्रवान व्यक्तियों के चरित्र को गढ़ने बनाने में उस परिवार की माताओं का सबसे बड़ा हाथ रहा है। चाहे वह महाराजा शिवाजी रहें हों या लाल बहादुर शास्त्री और चाहे वह लाला लाजपत राय रहें हों या ईश्वरचन्द्र वि द्यासागर – उन सबके चरित्रों को उनकी माताओं के चरित्रों की द्रढ़ता, निष्ठा, संकल्प और लक्ष्य-सिद्धि के संस्कारों ने ही महान उपलब्धियों की ओर प्रेरित किया था।मातृशक्ति सेवा की जीवंत प्रतिमा है उसके ममत्व का कभी अंत नहीं होता उसके पास सबके कल्याण की कामना है वह किसी का अहित नहीं सोचती। स्वयं उसका व्यक्तिगत स्वार्थ परिवार में नगण्य हो जाता है और अपने व्यक्तिगत सुख और स्वार्थ की भावना को त्याग कर जो पूरे परिवार के मंगल और हित के लिए नि:स्वार्थ भाव से समर्पित है उस माता का चरित्र “सर्वजनहिताय” एक आदर्श चरित्र है। मातृशक्ति का भारतीय संस्कृति में सर्वोच्च महत्व है। जीवन का प्रवाह, हमारी प्राणशक्ति का स्रोत मातृशक्ति ही है। ब्रह्मांड के हर तत्व में निहित व हर तत्व की सृजनकर्ता मातृशक्ति ही है। इसलिए हिंदू धर्म के अनुसार मातृशक्ति को सच्चिदानंदमय ब्रह्मस्वरूप भी कहा गया है।
प्रांत संयोजिका मातृशक्ति श्रीमती सरिता यादव ने कहा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद् के सभी आयाम,शौडिंक समाज व सभी समाज के कार्यकर्ता पदाधिकारियों का सहृदय आभार प्रकट करती हूं जिन्होने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस कार्यक्रम को सफल बनाने सहयोग किया। यह भी कहा यह प्रशिक्षण अब समस्त विभाग व जिलों में होगा ताकि मातृशक्ति और भी सशक्त व राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।
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