गीदम विकास खंड स्तर लैंगिक समानता एवं जीवन कौशल प्रशिक्षण 2022 प्रथम चरण का हुआ आयोजन।
• प्रथम चरण 23 से 25 जून तक माध्यमिक विद्यालययों के 160 शिक्षक व शिक्षिका प्राप्त किए प्रशिक्षण।
• दूसरे चरण प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 से 29 जून तक होगा आयोजन।
छत्तीसगढ़ ( गीदम/दंतेवाड़ा ) ओम प्रकाश सिंह । लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ रायपुर एवं यूनिसेफ के कैपेसिटी बिल्डिंग एवं बॉडी कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट के अंतर्गत जिला परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा विभाग जिला दंतेवाड़ा के आदेश पर जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कर्मा एवं जिला मिशन समन्वयक श्यामलाल सोरी के मार्गदर्शन में गीदम विकास खंड स्तर लैंगिक समानता एवं जीवन कौशल प्रशिक्षण 2022 प्रथम चरण का आयोजित किया गया।
यह प्रशिक्षण 23 से 25 जून तक गीदम विकास खंड के एजुकेशन सिटी जावंगा स्थित शासकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ। जिसमें माध्यमिक विद्यालययों कक्षा 6वी से 8वी के 160 शिक्षक एवं शिक्षिका प्रशिक्षण प्राप्त किए। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान दंतेवाड़ा के प्राचार्य शैलेश सिंह, प्राध्यापक संतोष मिश्रा एवं संदीप सामल के विशेष देखरेख सहयोग से मास्टर ट्रेनर्स गीदम संकुल समन्वयक जितेंद्र चौहान, जावंगा संकुल समन्वयक शीला कड़ियाम, सुरेश गुप्ता एवं मीता भारद्वाज ने प्रशिक्षण दिए।
मास्टर ट्रेनर्स ने बताया कि स्त्री एवं पुरुष में भेद भाव नहीं होनी चाहिए एवं लैंगिक समानता का बढ़ावा देना है। आज कल के बच्चों ने बाहरी गुणों को अपना रहे हैं, जिसे जीवन कौशल के माध्यम से बदलना होगा। आंतरिक गुणों को अपना कर सभी को समान भाव से व्यवहार करना है। लिंग को ध्यान में ना रखके अवसरों और संसाधनों तक समान पहुंच की स्थिति के रूप में परिभाषित किया जाना है और आर्थिक भागीदारी सहित; बिना किसी पक्षपात के सभी विभिन्न आवश्यकताओं, आकांक्षाओं और व्यवहारों का मूल्यांकन करना है।
अनुकूली तथा सकारात्मक व्यवहार के योग्यताएँ हैं, जो व्यक्तियों को दैनिक जीवन की माँगों और चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए सक्षम बनाती हैं। ये जीवन कौशल सभी बच्चें, शिक्षकों अपनाना है तथा उनमें सुधार भी किया जा सकता है। विज्ञान व प्रदौगिकी विभाग भारत सरकार के भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था विशेषज्ञ अमुजुरी विश्वनाथ के विशेष सहयोग इस प्रशिक्षण में रहा। दूसरे चरण प्रशिक्षण कार्यक्रम 27 से 29 जून तक आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में ज्ञान तथा प्रशिक्षण प्राप्त कर शिक्षक व शिक्षिका अपने विद्यालयों में इसके मूल धाराओं को अनुसरण करेंगे।
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