नवभारत साक्षरता कार्यक्रम को क्रियान्व्यय करने हेतु जिला स्तरीय बैठक गीदम में हुआ आयोजन

नवभारत साक्षरता कार्यक्रम को क्रियान्व्यय करने हेतु जिला स्तरीय बैठक गीदम में हुआ आयोजन



राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद के प्रोफेसर उषा शर्मा एवं राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक प्रशांत कुमार पांडेय ने दंतेवाड़ा जिला प्रवास पर रहे ।



छत्तीसगढ़ ( गीदम/दंतेवाड़ा ) ओम प्रकाश सिंह । शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और वयस्क शिक्षा के सभी पहलुओं को कवर करने के लिए वित्त वर्ष 2022-2027 की अवधि के लिए न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम (नव भारत साक्षरता कार्यक्रम) को मंजूरी दिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रौढ़ शिक्षा और आजीवन सीखने की सिफारिशें शामिल किया गया। नवभारत साक्षरता कार्यक्रम को क्रियान्व्यय हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद के शिक्षा विभाग एवं सीएनसीएल के प्रभारी प्रोफेसर उषा शर्मा छत्तीसगढ़ प्रवास पर शनिवार को दंतेवाड़ा जिला पोहुंचे। उनके साथ छत्तीसगढ़ राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक एवं एससीएल के नोडल अधिकारी प्रशांत कुमार पांडेय जी भी प्रवास पर रहे। 18 जून को गीदम विकास खंड अंतर्गत एजुकेशन सिटी जावंगा के ऑडिटोरियम में शिक्षा क्षेत्र के अधिकारियों, शिक्षकों, पालकों एवं स्वयं सेवी का जिला स्तर बैठक आयोजित किया गया। 



प्रोफेसर उषा शर्मा ने अपनी विचार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में बस्तर व दंतेवाड़ा के क्षेत्र में अशिक्षित लोगों के जिंदगी में संघर्ष एवं समस्याएं हैं, जिन्हे साक्षरता से समाधान किया जासकता है। समस्याओं का समाधान के लिए चुनौतियों का स्वीकार कर सभी में आत्मविश्वास के साथ साथ अच्छा वातावरण बनाने की जरूरत है। प्रशांत कुमार पांडेय ने "जय साक्षरता" का नारा लगाते हुए "पढला जाबो पढ़ला जाबो रे" गीत सभी उपस्थित लोगों के साथ स्वर मिलाए एवं उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पूरे देश में दूसरे राज्यों में शिक्षा के लिए बहुत ही कम काम किए जब की केवल छत्तीसगढ़ राज्य ने जमीनी स्तर पर मोहल्ला कक्षा, लाउड स्पीकर कक्षा, गांव में कक्षा के माध्यम से लोगों व बच्चों को शिक्षित किए।



 जिला मिशन समन्वयक श्यामलाल शोरी, गीदम विकास खंड शिक्षा अधिकारी शेख़ रफीक एवं डाइट प्राचार्य शैलेश सिंह ने दंतेवाड़ा जिले में साक्षरता एवं शिक्षा गुणवत्ता के बारे में जानकारी दी। साक्षरता के प्रतिशत के आंकड़ा बढ़ोतरी के लिए शासन के विभागीय संस्थाओं के साथ साथ सभी स्वयं सेवी शिक्षक, समाजिक संस्था आगे आना चाहिए। कार्यक्रम का मंच संचालन जितेंद्र चौहान ने ऊर्जा भरी अंदाज से संचालित किया। 



इस बैठक में कटेकल्याण विकास खंड शिक्षा अधिकारी राममिलन रावटे, दंतेवाड़ा विकास खंड शिक्षा अधिकारी डीसी ध्रुव, कुवाकोंडा विकास खंड शिक्षा अधिकारी वीना गौतम, आरजीएसएम सहायक परियोजना समन्व्याय राजेंद्र पांडेय, सर्व सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी, सर्व विकास खंड स्रोत समन्वयक, सर्व संकुल समन्वयक, स्वयं सेवी शिक्षक, डाइट प्राध्यापक संतोष मिश्रा, ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के डायरेक्टर अमुजूरी विश्वनाथ, पिरामिल फाउंडेशन के सदस्य शालिका पवार, दीपक साहा, उपस्थित थे।






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