सोनोग्राफी द्वारा पिग टेल पाइप प्रक्रिया अस्पताल के लिए एक मील का पत्थर- डाॅ मनीष मेश्राम।
छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । जगदलपुर के महारानी अस्पताल में दिनांक 09/06/2022 को भर्ती हुए एक बकावंड निवासी 20 वर्षीय नवयुवक की सोनोग्राफी डॉ मनीष मेश्राम रेडियोलोजिस्ट द्वारा की गई एवं उनके द्वारा तुरंत ही पता लगा लिया की मरीज के यकृत (Liver) में लगभग 250ml तक का मवाद है। तत्पश्चात सर्जन डॉ दिव्या एवं रेडियोलोजिस्ट डॉ मनीष मेश्राम की मदद से सोनोग्राफी के ही द्वारा केवल एक पतली पाइप मात्र से मवाद को यकृत से बाहर निकालने की महत्वपूर्ण प्रक्रिया का निष्पादन किया गया एवं अगले ही दिन पुनः सोनोग्राफी करने पर पता चला की केवल 18 ml ही मवाद रह गया है अर्थात मरीज लगभग ठीक हो गया।
क्या होती है इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी ???
डॉ मेश्राम ने बताया की इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी वर्तमान समय में चिकित्सा विभाग की अत्यधिक उन्नत, विशेष कुशलता एवं गुणवत्ता युक्त शाखा है। इसमें सीटी स्कैन एवं सोनोग्राफी की सहायता से शरीर की विभिन्न बीमारियों का इलाज केवल एक पतली पाइप ही की सहायता से कर दिया जाता है। इसमें सीटी स्कैन द्वारा दिमाग, पेट, हाथ या पैरों के रक्त की नसों की विभिन्न बीमारियों तथा सोनोग्राफी द्वारा पेट के विभिन्न बीमारियों का इलाज किया जाता है जिसकी चर्चा आगे की गई है।
सोनोग्राफी द्वारा पिग टेल पाइप के फायदे
सोनोग्राफी बहुत ही सहजता से उपलब्ध हो जाती है एवम इसके खर्चे भी बहुत कम होते है। पिग टेल से मवाद निकलने हेतु लोकल एनेस्थेसिया दिया जाता है जिसमे एनेस्थीसिया विशेषज्ञ की ज़रूरत नही पड़ती। इसमें मरीज को बेहोश नही किया जाता। मरीज़ सचेत अवस्था में ही रहते है और उन्हें ज्यादा किसी दर्द का अहसास भी नहीं होता। पिग टेल पाइप की प्रक्रिया बहुत ही कम समय में पूरी हो जाती है।
ज्ञात जानकारीनुसार छत्तीसगढ़ की सरकारी चिकित्सा संस्थाओं में से डॉ अंबेडकर भीमराव अंबेडकर अस्पताल रायपुर, AIIMS रायपुर एवं CIMS बिलासपुर जैसी बड़ी बड़ी अस्पतालों में सोनोग्राफी द्वारा पिग टेल पाइप प्रक्रिया सामान्य तौर से की जाती है। महारानी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ संजय प्रसाद ने बताया की सोनोग्राफी द्वारा पिग टेल पाइप प्रक्रिया अस्पताल के लिए एक मील का पत्थर है। संभवतः छत्तीसगढ़ के जिला चिकित्सालय स्तर पर रेडियोलॉजी विभाग में पिग टेल पाइप द्वारा मवाद निकालने की प्रक्रिया सर्वप्रथम महारानी अस्पताल जगदलपुर में की गई है। सरकारी संस्थाओं से अलग निजी संस्थाओं में यह प्रक्रिया बहुत ही महंगी होती है । यह बहुत ही उन्नत तकनीकी प्रक्रिया है जो की अब बस्तरवासियो को सहजता से कम से कम खर्चे में महारानी अस्पताल में उपलब्ध हो जाएगी।
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