विहिप मातृशक्ति के प्रांतीय आहवान पर छ.ग. के सभी जिलो के अनुरूप बस्तर में भी हुए दुर्गा चालीसा पाठ
छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ होकर नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की आराधना हो गई। चैत्र नवरात्रि के समय में हम सब सनातनियो को दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए और पूजा के अंत में मां दुर्गा की आरती नियमित तौर पर करनी चाहिए।
दुर्गा चालीसा में मां दुर्गा के पराक्रम, साहस और स्वरुप का गुणगान किया गया है। मातृ शक्ति संयोजिका श्रीमती सरिता यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ के समस्त जिले में दुर्गाष्टमी एवं महानवमी के पावन पर्व पर माताओं-बहनों के बीच जागरूकता का सन्देश दिया गया, दुर्गावाहिनी व मातृ शक्ति से जुड़ी बहनों ने अनेक स्थानों पर दुर्गा चालीसा का पाठ किया।
विश्व हिंदू परिषद की मातृ शाखा दुर्गावाहिनी और मातृशक्ति की स्थापना दुर्गाअष्टमी के दिन ही हुई थी। इस कारण बड़ी संख्या में दुर्गावाहिनी की कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव जाकर घर-घर से महिलाओं को एकत्रित करके विश्व हिंदू परिषद मातृशक्ति-दुर्गा वाहिनी जिला बस्तर के नेतृत्व में सम्पुर्ण हिन्दू समाज को एकता के सूत्र मे बांधते हुए जगदलपुर नगर समेत ग्रामीण प्रखण्ड मे पहुंच दुर्गा चालीसा पाठ, कन्या पूजन, महाआरती किया गया।
विजयदशमी के अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के दुर्गावाहिनी ने शस्त्र पूजा की। इस अवसर पर विधिवत शस्त्र पूजन विजय दशमी मे करने प्रेरित किया। शस्त्र पूजन का अर्थ होता है शक्ति की आराधना करना, नवरात्र के दिनों में शस्त्र पूजन कर शक्ति की आराधना की जाती है। प्रतिदिन समय निकालकर आत्मरक्षा के लिए मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी की बहनों को शस्त्र चलाने का अभ्यास करना चाहिए।
जिस तरह से लव जिहाद नारकोटिक्स जिहाद, सम्पति जिहाद की घटनाएं बढ़ रही है, उसके लिए जरूरी है हर हिंदू बहनों को शस्त्र चलाना आना चाहिए। मातृशक्ति के जागृति का परिणाम ही विगत वर्ष राम नवमी मे जगदलपुर नगर मे प्रथम बार विशाल स्कुटी रैली निकाली गई, और ग्रामीण क्षेत्र मे साढ़गुड़ जैसे जगह मे विगत दिनों 4 गौ हत्यारे पकड़े गये, जिसमे गौ हत्यारों का विरोध निडरता पूर्वक कियाl दुर्गावाहिनी और मातृशक्ति की कार्यकर्ताओं ने महिलाओं को नशामुक्ति, संगठित रहकर बच्चों में संस्कार जगाने, धर्मांतरण रोकने, महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया।
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