दन्तेवाड़ा : गीदम में 4 दिवसीय एफएलएन प्रशिक्षण का हुआ भव्य समापन

 


दन्तेवाड़ा : गीदम में 4 दिवसीय एफएलएन प्रशिक्षण का हुआ भव्य समापन



3 से 9 वर्ष आयु के बच्चों की शिक्षा में भाषा और गणित कौशल का निर्माण करने एफएलएन की आवश्यकता है।

छत्तीसगढ़ ( गीदम/दंतेवाड़ा ) ओम प्रकाश सिंह । शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय गीदम में संकुल स्तरीय फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी (एफएलएम) प्रशिक्षण का आयोजन 11 से 14 जनवरी तक किया गया। गीदम संकुल, हाउरनार संकुल एवं जावंगा संकुल संयुक्त रूप से प्रशिक्षण में सम्मिलित है।




गीदम विकास खंड के सहायक खंड शिक्षा अधिकारी सुश्री भवानी पुनेम ने प्रशिक्षण के दौरान निरीक्षण किया एवं पाठ्यक्रम एवं उपचारात्मक शिक्षण में संख्यात्मक ज्ञान व कौशल की जरूरत के बारे में बताया। 4 दिवसीय एफएलएन प्रशिक्षण में तीनों ही संकुल के प्राथमिक स्तर के सभी संस्थाओं के सभी शिक्षक शिक्षिका प्रशिक्षण प्राप्त किया।




प्रशिक्षण के समापन समारोह में भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था विज्ञान व प्रदौगिकी विभाग भारत सरकार के विशेषज्ञ अमुजुरी विश्वनाथ ने शामिल हुए एवं उन्होंने बताया कि मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी - एफएलएम) में गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा कार्यक्रम के तहत हिस्सा लेने वाले बच्चे सामाजिक, शैक्षिक और बौद्धिक क्षेत्रों में काफी लाभ प्रदर्शित करने, जो ईसीसीई कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेने वालों से अलग हैं। 3 से 9 वर्ष आयु के बच्चों की शिक्षा में भाषा और गणित कौशल का निर्माण करने और दिशा निर्देश प्रदान करने के लिए यह प्रशिक्षण का मूल उद्देश है।




अलग अलग दिन में मास्टर ट्रेनर्स अनिता वेक, महादेव सिंह ठाकुर, पुष्पलता सिंह, मंजू देवांगन, मानसिंह ठाकुर ने सभी शिक्षकों को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान के विषय में प्रशिक्षण दिया, जिसमें बच्चें किस तरह से बुनियादी शिक्षा व संख्यात्मक ज्ञान हासिल कर सकते हैं उसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दिया गया। अध्यापन में गतिविधि व खेल खेल में समझ विकसित करें, इस विषय पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रशिक्षण के दौरान कारली संकुल समन्वयक प्रदीप कुमार गर्ग, हाउरनार संकुल समन्वयक जितेंद्र चौहान, जावंगा संकुल समन्वयक नितिन विश्वकर्मा एवं गीदम संकुल समन्वयक योगेश सोनी जरूरत चीजें उपलब्ध कराया तथा कार्यक्रम को आयोजित करने में अपना योगदान दिया।





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