कोरिया : राष्ट्रीय पर्व 74 वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ स्व. डॉ. रामचन्द्र सिंहदेव कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कोरिया में मनाया गया।

कोरिया : राष्ट्रीय पर्व 74 वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ स्व. डॉ. रामचन्द्र सिंहदेव कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कोरिया में मनाया गया।






छत्तीसगढ़ ( कोरिया ) ओम प्रकाश सिंह । 74 वां राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ स्व. डॉ. रामचन्द्र सिंहदेव कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, कोरिया में मनाया गया। इस कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे अधिष्ठाता महोदय, डॉ. डी. के. गुप्ता सहित महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण डॉ. निर्मोध प्रभा, डॉ. एन. के. मिश्रा, डॉ एस. के. सिंह, डॉ. एस. के. घृतलहरे, डॉ. संदीप नवरंग, डॉ. जान्हवी, अंकुर गुप्ता, इत्यादि प्राध्यापकगण सहित कर्मचारीगण के.पी.पांडे सेक्शन ऑफिसर, कौशल कुमार, प्रयोगशाला तकनीशियन, विजय प्रकाश सलीब कुजूर, श्रीमती पूनम सिंह, प्रभात गुप्ता, कृष्ण कुमार साहू, विष्णु कुमार, सुदामा राजवाड़े, राहुल, सूरज, श्रीमती उर्मिला बड़ा, राजेश्वरी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे



 

मंच संचालन छात्र सुनील गुर्जर एवं छात्रा आस्था मिश्रा द्वारा किया गया। कार्यक्रम का आरंभ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. भीमराव अंबेडकर के छायाचित्र के समक्ष पुष्पर्पित एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। ध्वजारोहण कार्यक्रम अधिष्ठाता महोदय के करकमलों द्वारा सम्पन्न हुआ। तत्पश्चात राष्ट्रगान एवं राजकीय गीत का गायन किया गया। मंच संचालन करते हुये छात्रों द्वारा बताया गया कि पूर्ण स्वराज्य की मांग सर्वप्रथम 31 दिसम्बर 1929 को लाहौर अधिवेशन के दौरान किया गया। स्वतंत्रता पूर्व महत्वपूर्ण घटनाओं जैसे साइमन कमीशन का विरोध, लाला लाजपतराय की शहादत से लेकर जतिन्द्र नाथ दास, भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त की शहादत ने लोगों के दिलों में ज्वाला जलाने का काम किया जिससे सम्पूर्ण राष्ट्र में पूर्ण स्वराज्य की मांग उठाने लगी। अधिष्ठाता महोदय द्वारा बताया गया कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा का गठन किया गया जिसमें प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे। 



प्रारूप समिति द्वारा 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान 02 वर्ष, 11 माह, 18 दिनों में बनाकर तैयार कर दिया गया। जिसे 26 जनवरी 1950 से सम्पूर्ण राष्ट्र में लागू किया गया। जिसे आज हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। डॉ.निर्मोध प्रभा द्वारा बताया गया कि आज का दिन देश के वीर सपूतों द्वारा दिए गए बलिदानों को याद करने का दिन है उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने का दिन है। डॉ. एन. के. मिश्रा द्वारा बताया गया कि हमारा राष्ट्र अनेकता में एकता का जीवंत उदाहरण है, हम सबको संकल्पित होकर नवराष्ट्र निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान देना चाहिए। साथ ही छात्र जीवन मे समय की महत्ता को समझाया गया। 


डॉ. एस. के. सिंह द्वारा अपने उदबोधन में बताये कि हम सभी सर्वप्रथम भारतीय है इसीलिए देश के प्रति देश के अपने कर्तव्यों का सर्वप्रथम निर्वहन करना चाहिए। भारतीय संविधान जो हमे अपने अधिकारों के बारे में बताता है उन्हें हमे पढ़ना चाहिये जानना चाहिये। महाविद्यालय के सभी स्टॉफ द्वारा स्वतंत्रता संग्राम से लेकर संविधान निर्माण पर प्रकाश डालते हुये अपने विचार प्रकट किये। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग प्रस्तुति दिया गया जो इस कार्यक्रम का आकर्षण का केन्द्र रहा। 



राष्ट्रीय उत्सव के इस अवसर पर राष्ट्रीय युवा दिवस के दिन आयोजित भाषण प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागी आकाश तिवारी, अनिल वर्मा एवं जयप्रकाश केशी क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्रों को अधिष्ठाता महोदय के करकमलों द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संदीप नवरंग द्वारा किया गया। कार्यक्रम के पश्चात बसंत पंचमी के पावन अवसर पर माँ सरस्वती ज्ञानदायनी के छायाचित्र के समक्ष दीपप्रज्वलित, माल्यार्पण एवं पुष्पअर्पित कर वीणावादिनी की स्तुति किया गया





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