जगदलपुर : पहाड़ी मैना की तरह सो पीस बनकर ना रह जाये, लामनी पार्क पक्षी विहार योजना।
कैदियों की तरह पक्षियों को पिंजरे में कैद कर रखना वन विभाग की कौन-सी योजना।
खुले आसमान में विचरण करने वाले परिंदो को पिंजरे में कैद कर रखना ना पक्षी विशेषज्ञ डाक्टर की व्यवस्था ना ही उचित देखभाल।
छत्तीसगढ़ ( बस्तर-जगदलपुर ) ओम प्रकाश सिंह । 26 जनवरी 2023 को 74 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों लामनी पार्क में पक्षी विहार योजना का लोकार्पण किया गया।
दिनांक 19 जनवरी 2023 को प्रकाशित खबर के अनुसार डीएफओ डी. पी. साहू द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी में डी. पी. साहू ने बताया, कि 28 प्रजाति के 1000 से ज्यादा रंग-बिरंगी विदेश पक्षी लामनी पार्क में लोग देख सकेंगे। इसके बाद पुनः साहू के द्वारा बताया गया कि 450 प्रजातियों के पक्षियों को लामनी पार्क में रखा जाएगा, जिनकी संख्या 4000 से ज्यादा होगी बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी भी शामिल हैं।
" पक्षी विशेषज्ञ डाक्टर नही होने से पक्षियों का देखभाल सही नहीं हो पा रहा हैं। "
पहाड़ी मैना की संख्या घट कर दो रह गई
वन विभाग की योजना पूरी तरह से फेल हो जाने के बाद भी पहाड़ी मैना प्रजनन में कोई वंश वृद्धि देखने को नहीं मिला। वन विभाग की योजना सिर्फ और सिर्फ कागजों और समाचार पत्रों में पढ़ने, सुनने और देखने को मिलता हैं जमीनी हकीकत तो कुछ और ही हैं जो तस्वीर बयान करती हैं।
वन विभाग के पास पक्षियों की देखरेख व उचित उपचार की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हैं
पहाड़ी मैना प्रजनन योजना कितनी कारगर साबित हुई यह जग-जाहिर हैं। वन विद्यालय के अंदर बने पिंजरे में पहाड़ी मैना संरक्षण के लिए वनों से लाये गये पहाड़ी मैना सिर्फ सो पीस बनकर रह गयें आज दिनांक तक वंश वृद्धि नहीं दिखाई दिया।
यह योजना वन विभाग क्यों नहीं बंद कर रहा हैं यह भी सवाल उठाना लाजिम हैं❓
सवाल यह भी महत्वपूर्ण है क्या पक्षियों के रखरखाव उपचार के लिए पक्षी विशेषज्ञ डाक्टर की व्यवस्था तक नहीं की गई है। ऐसे में लामनी पार्क में बने पक्षी विहार योजना कितनी कारगर साबित होगी ये तो आने वाले समय में बतायेगा।
0 Comments