सुकमा : माओवादी संगठन की हरकतों एवं प्रेस विज्ञप्ति में नजर आ रही है उनकी अंतिम सांस की छटपटाहट एवं खात्मा का प्रमाण-आईजी, सुन्दरराज पी.।

सुकमा : माओवादी संगठन की हरकतों एवं प्रेस विज्ञप्ति में नजर आ रही है उनकी अंतिम सांस की छटपटाहट एवं खात्मा का प्रमाण-आईजी, सुन्दरराज पी.



 

प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी संगठन द्वारा गुमराह तथा असत्य तथ्यों के सहारे लगातार ''Cut-Copy-Paste'' तरीके से जारी किया जा रहा प्रेस विज्ञप्ति।

माओवादियों द्वारा अपने खोये हुये जनाधार एवं अधीनस्थ माओवादी कैडर के गिरे हुये मनोबल को संभालने हेतु लगातार झूठ का सहारा लिया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ ( जगरगुण्डा-कुन्देड़-सुकमा ) ओम प्रकाश सिंह ।  माओवादियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में दिनांक 25 फरवरी, 2023 को जिला सुकमा के जगरगुण्डा-कुन्देड़ मुठभेड़ में डीआरजी सुकमा के 6 जवानों के शहीद तथा 12 जवानों के घायल होने के संबंध में सरासर झूठ एवं अनैतिक तरीके से दुष्प्रचार किया जा रहा है। लेकिन वास्तविक घटना यह है कि उपरोक्त मुठभेड़ में डीआरजी सुकमा, कोबरा एवं सीआरपीएफ द्वारा माआोवादियों के छुपकर हमला करने जैसे कायराना हरकत को मुंहतोड़ जवाब देते हुये अनेक नक्सल कैडर को क्षति पहुंचाकर जंगल का आड़ लेकर भागने हेतु मजबूर किया। इस युद्ध में डीआरजी सुकमा के 3 कमाण्डोज़ (1) सउनि. रामूराम नाग (2) आरक्षक कुंजाम जोगा एवं (3) आरक्षक वंजाम भीमा वीरता का सर्वोच्च परिचय देते हुये साहस एवं वीरतापूर्वक लड़ते हुये शहीद हुये। अन्य किसी जवान को किसी भी प्रकार की कोई क्षति अथवा नुकसान नहीं हुआ।



पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. द्वारा यह बताया गया कि युद्ध में होने वाले क्षति को छुपाना, झूठ का सहारा लेने जैसे घिनौना हरकत माओवादी संगठन की पहचान है न कि बस्तर पुलिस की। दक्षिण सब जोनल ब्यूरो माओवादी संगठन द्वारा दिनांक 25 फरवरी, 2023 के घटना के संबंध में 1 फरवरी, 2023 की तिथि अंकित की गई जो इस बात का प्रमाण है कि हाल-फिलहाल में माओवादियों द्वारा ''Cut-Copy-Paste'' तरीके से ही तथ्य विहीन एवं असत्य बातों के माध्यम से सिर्फ गुमराह एवं दुष्प्रचार किया जा रहा है। विगत कुछ दिनों में माओवादी कैडर्स द्वारा जिस तरीके से निहत्थे जनता एवं वाहन, मोबाईल टॉवर जैसे Soft Target को निशाना बनाते हुये अपनी वीरता एवं साहस का परिचय दिया जाकर हमला किया जा रहा है, जिससे माओवादियों की बौखलाहट एवं घबराहट स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।



● गैरकानूनी एवं प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी संगठन द्वारा इस प्रकार निहत्थे लोग एवं अन्य Soft Target को निशाना बनाने के पीछे विगत वर्षो में जिस तरीके से उनके आधार क्षेत्र के रूप में जानने वाले दण्डकारण्य, स्पेशल जोनल कमेटी क्षेत्र में पुलिस, सुरक्षा बल एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा जनसमर्थन से प्राप्त की गई निर्णायक बढ़त प्रमुख कारण है। माओवादियों द्वारा विगत 22 वर्षो में 1724 से अधिक निर्दाेष ग्रामीणों एवं आदिवासियों को कायराना तरीके से हत्या करते हुये सिर्फ आतंक, भय के बल पर जनता का शोषण करते हुये, डरा धमकाकर लेवी वसूल कर अपना पेट पाल रहे हैं। आज की तारीख में माओवादियों के पास न कोई नैतिकता है और ना ही कोई जनक्रांतिकारी सिद्धांत का मुद्दा बचा है। 



पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज  सुन्दरराज पी. द्वारा सीपीआई माओवादी संगठन के महासचिव बसव राजू को चुनौती देते हुये यह कहा है कि यदि हिम्मत है तो जनक्रांति युद्ध के नाम पर हत्या किये गये किसी एक भी निर्दोष आदिवासियों के परिजन के समक्ष पेश होकर उनके एक भी सवाल का ईमानदारी एवं नैतिकता से जवाब दें। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा यह भी बताया गया कि माओवादियों के अधीनस्थ कैडर द्वारा सिर्फ अपने नेताओं को गुमराह करने तथा Target को पूरा करने मनमाने ढंग से घटनायें घटित करते हुये उसके माध्यम से मात्र सनसनी फैलाने का काम किया जा रहा है। माओवादियों की यह हरकत उनकी ताकत नहीं बल्कि कमजोरी की निशानी है, इन हरकतों से नक्सल संगठन का खात्मा अतिशीघ्र होगा।





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