छत्तीसगढ़ : दुर्ग सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) (छत्तीसगढ़ संशोधन) अधिनियम, 2021.

छत्तीसगढ़ : दुर्ग सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) (छत्तीसगढ़ संशोधन) अधिनियम, 2021.

छत्तीसगढ़ ( दुर्ग ) ओम प्रकाश सिंह ।  छत्तीसगढ़ राज्य को लागू हुए रूप में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 ( 2003 का सं. 34 ) को और संशोधित करने हेतु अधिनियम।




भारत गणराज्य के बहत्तरवें वर्ष में छत्तीसगढ़ विधान मण्डल द्वारा निम्नलिखित रूप से यह अधिनियमित हो :-
संक्षिप्त नाम और प्रारंभ. 1. (1) यह अधिनियम सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) (छत्तीसगढ़ संशोधन) अधिनियम, 2021 कहलायेगा।
( 2 ) यह राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होगा.

धारा 3 का संशोधन. 2.सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 ( 2003 का सं. 34 ) ( जो इसमें इसके पश्चात् मूल अधिनियम के रूप में निर्दिष्ट है) की धारा 3 के खण्ड (ङ) के पश्चात्, निम्नलिखित अन्तःस्थापित किया जाये, अर्थात्:-
" (डड) "हुक्का बार" से अभिप्रेत है एक ऐसा प्रतिष्ठान, जहां लोग तंबाकू के साथ धूम्रपान करने के लिये एकत्रित होते है और / या किसी सामुदायिक हुक्का या नरगिल (गड़गड़ा) से कोई अन्य स्वाद, जो व्यक्तिगत और / या सामूहिक रूप से, प्रदाय किया जाता है।"

अधिनियम ( 2003 का सं. 34 ) में नवीन धारा 4क एवं 4ख का
अन्तःस्थापन. 3. मूल अधिनियम की धारा 4 के पश्चात् निम्नलिखित जोड़ा जाये, अर्थात्:-
"4क. हुक्का बार पर रोक. इस अधिनियम में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी कोई भी व्यक्ति, स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति की ओर से कोई हुक्का बार नहीं खोलेगा या हुक्का बार नहीं चलाएगा या भोजनालय सहित किसी भी स्थान पर ग्राहकों को हुक्का नहीं देगा।"

स्पष्टीकरणः- शब्द "भोजनालय" से अभिप्रेत है कोई ऐसा स्थान, जहां किसी भी प्रकार का भोजन या जलपान, जो आगंतुकों के लिए उपलब्ध कराया जाता है, और उपयोग के लिए बेचा जाता है।
4ख. हुक्का बार में हुक्के के माध्यम से धूम्रपान पर रोक :- कोई भी व्यक्ति किसी भी सामुदायिक हुक्का बार में हुक्का या नरगिल (गड़गड़ा) के माध्यम से धूम्रपान नहीं करेगा।

4.  मूल अधिनियम की धारा 12 की उप-धारा (1) में.- धारा 12 का
संशोधन. (एक) खण्ड (ख) में,पूर्ण विराम चिन्ह "। " के स्थान पर, अर्धविराम चिन्ह तथा शब्द ": या " प्रतिस्थापित किया जाये।
(दो) खण्ड (ख) के पश्चात्, निम्नलिखिस जोड़ा जाये, अर्थात-
"(ग) जहां कोई हुक्का बार चलाया जा रहा है।"

5. मूल अधिनियम की धारा 13 के पश्चात्, निम्नलिखित जोड़ा जाये,
अर्थात् :- अधिनियम (2003 का सं. 34) में नवीन धारा 13क का अन्तःस्थापन. "13क. हुक्का बार के मामले में जब्त करने की शक्ति- यदि कोई पुलिस अधिकारी / आबकारी अधिकारी, जो राज्य सरकार द्वारा अधिकृत हो, और जो उप-निरीक्षक की श्रेणी से निम्न का न हो, के पास यह विश्वास करने का कारण है कि धारा 4क के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है या उनका उल्लंघन किया जा रहा है, यह हुक्का बार के विषय या साधन के रूप में उपयोग की जाने वाली किसी भी सामग्री या वस्तु को जब्त कर सकेगा।"

अधिनियम (2003 का सं. 34 ) में नवीन धारा 21क एवं 21ख का
अन्त1:स्था2पन्  6. मूल अधिनियम की धारा 21 के पश्चात्, निम्नलिखित जोड़ा जाये, अर्थात्:-
"21क. हुक्का बार चलाने के लिए दण्ड जो कोई, धारा 4क के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, वह ऐसे कारावास, जो कि तीन वर्ष तक का हो सकेगा, किन्तु जो एक वर्ष से कम नहीं होगा और जुर्माना, जो कि पचास हजार रुपये तक का हो सकेगा, किन्तु जो दस हजार रुपये से कम नहीं होगा से दंडनीय होगा।

21ख. हुक्का बार में हुक्का के माध्यम से धूम्रपान के लिए दण्ड.- जो कोई, धारा 4ख के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे ऐसे जुर्माने, जो कि पांच हजार रुपये तक का हो सकेगा, किन्तु जो एक हजार रुपये से कम नहीं होगा से दंडित किया जाएगा।"

अधिनियम (2003) का सं. 34) में नवीन धारा 275 का अन्तःस्थापन. 7. मूल अधिनियम की धारा 27 के पश्चात्, निम्नलिखित जोड़ा जाये, अर्थात:-

"27क. धारा 4क के तहत अपराध का संज्ञेय तथा अजमानतीय होना.- इस अधिनियम में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी धारा 4क के तहत कारित अपराध, संज्ञेय तथा अजमानतीय होगा।"

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