दंतेवाड़ा : बारसूर एवं सिरपुर को यूनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित करने ग्रीन केयर सोसाइटी इंडिया ने की अपील।

दंतेवाड़ा : बारसूर एवं सिरपुर को यूनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित करने ग्रीन केयर सोसाइटी इंडिया ने की अपील।



छत्तीसगढ़ ( दंतेवाड़ा/गीदम ) ओम प्रकाश सिंह ।  विश्व विरासत दिवस के अवसर पर ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया द्वारा एक दिवसीय संगोष्ठी वेबिनार आयोजित किया गया। अपने आसपास के विरासतों, स्मारक तथा प्राचीन स्थलों के सुरक्षा एवं संरक्षण हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। ग्रीन केयर सोसाइटी इंडिया के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही ने दुर्ग के नरेश राजा जगतपाल सिंह के प्रतिमा स्थल से जुड़कर तरीघाट स्थित 2500 वर्ष से भी अधिक पुराना सभ्यता के अवशेष प्राप्त "राजा जगतपाल टीला" को राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक घोषित करने तथा महासमुंद जिला स्थित सिरपुर को विश्व विरासत में शामिल करने यूनेस्को से पुरजोर अपील किया।



दंतेवाड़ा से ग्रीन केयर सोसाइटी इंडिया के डायरेक्टर तथा कार्यक्रम समन्वयक अमुजुरी बिश्वनाथ ने कहा कि दंतेवाड़ा स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर एवं मंदिरों की नगरी बारसूर स्थित बत्तीसा मंदिर, मामा भांजा मंदिर एवं श्री गणेश मंदिर को युनेस्को के विश्व विरासत में शामिल करने का मुद्दा उठाया। छत्तीसगढ़ प्रदेश के इन विरासत स्थलों को यूनेस्को द्वारा विश्व चित्रपट पर मान्यता मिलने पर पर्यटन, यातायात, संचार तथा आर्थिक क्षेत्र में विकास होगा। गीदम से इतिहास व्याख्याता कुणाल सिंह सेनापति एवं राजनीतिशास्त्र व्याख्याता ईश्वरी प्रसाद नायक ने बताया कि दंतेवाड़ा एवं बारसूर को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने पर स्थानीय संस्कृति, कला तथा इतिहास को पूरा विश्व के लोग जानेंगे एवं अंदरूनी क्षेत्र में ओर भी प्राचीन स्थलों की खोज से पहचान प्राप्त होगी। शिशुपाल पर्वत तलहटी सरायपाली से पर्यावरण प्रेमी पंडित टिकेश्वर मिश्रा ने शिशुपाल पर्वत क्षेत्र को विरासत में शामिल करने तथा कोमाखान से इतिहासकार डॉ विजय शर्मा जिन्होंने हाल ही में मोहदी पठार के शैल चित्रों की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इसे राज्य संरक्षित विरासत घोषित करने की मांग की। कार्यक्रम में ग्रीन केयर सोसाइटी इंडिया के वरिष्ठ सदस्य बागबाहरा से विष्णु महानंद, तेंदूकोना से पंडित भागीरथी दुबे, मोहगांव से योगेश बढाई, टेडी नारा गांजर से गोवर्धनलाल बघेल ने जुड़कर अपने आसपास के विरासतों के संरक्षण एवं जन जागरूकता करने का संदेश दिया।

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