छत्तीसगढ़ : क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन दण्डकारण्य प्रवक्ता ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति- रामको हिचामी।
हमारे देश के नाम रोशन करने वाले महिला पहलवानों पर किए दमनकारीघ कार्यवाही का निंदा करो !
छत्तीसगढ़ ( दक्षिण बस्तर ) ओम प्रकाश सिंह । 28 मई 2023 का दिन समूचा देश शर्मसार होने के दिन के रूप में इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ। अपने मेहनत से देश को सम्मान दिलाए हमारे बहनों को देश के राजधानी दिल्ली के सड़कों पर अपमान किया गया इंसाफ की गुहार लगाने वाले हमारे बच्चियों के साथ नइंसाफी हुई. तिरंगे को खाड़ा करके रखने की, झुकने नहीं देने की लडकियों की कोशिश को बल प्रयोग से नकाम कर दिया गया तथाकथित लोकतंत्र का न्यूनतम मूल्यों को भी लांघते हुए किए गए मनुवादी तानाशाही का नंगा नाच को देश देख रहा था. देश में सत्तासीनों का ब्राह्मणवादी, मनुवादी, पुरूषाहंकारी, महिला विरोधी व दमनकारी असली चेहरा खुलकर सामने आई. शांतियुत तरीके से चलने वाले विरोध प्रदर्शन पर बल प्रयोग किया गया. महिला खिलाडियों के धरना शिविर को उखाड़ फेंका गया। आंदोलनकारियों पर ही केस दर्ज किया गया. जबरन घसीटते हुए अरेस्ट कर दिया गया, हास्यास्पद बात यह है कि बलात्कारी बृज भूषण पर केस दर्ज करने के लिए महिनों संघर्ष करना पडा, आखिर सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद ही केस दर्ज हुआ, अभी तक कोई कार्यवाही नहीं होते, कार्यवाही की मांग करने वालों पर ही कार्यवाही होते।
इसे देख कर हम शर्मसार होने की स्थिति आई. हमारा जिम्मदारी क्या है❓ हम क्या करे❓ सोचिए........
नया संसद भवन के बाहर जब यह सब हो रहा था, उस समय बलात्कारी बृजभूषण शरण सिंह नया संसद भवन के उद्घाटन समारोह में गोदी मीडिया के केमेराओं के सामने बेशर्मी से अपने पुरूषाहंकार चेहरे को दर्शा रहा था।
ताकतवर तानाशाही सत्ता के विरोध में डरा धमकियों को हिम्मत के साथ सामना करते हुए हमारे पहलवानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन सराहनीय है।
लोकतंत्र प्रेमियों को इस आंदोलन का सक्रिय समर्थन देना चहिए।
28 मई को हमारी पहलवानों से दिल्ली सडकों पर किये गये व्यवहार को क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन निंदा करती है। तमाम रुकावटों को पार करते हुए इंसाफ मिलने तक अपने आंदोलन को जारी रखने की पहलवानों से व समर्थन देने वालों से केएएमएस आह्वान करती है।
बिल्किस बानो, हाथरस के मनीषा जैसे कई मामले है, अभी तक इंसाफ नहीं मिला है. देश भक्त प्रेमियों, जनवादियो से, महिला संगठनों से हम आह्वान कर रहे है कि इस आंदोलन को और व्यपकता देते हुए सक्रियता के साथ शामिल होवे. महिलाओं के साथ अपमान करने वालों को सबक मिलने तक इसे जारी रखना चाहिए. साथ ही नया संसद भवन उद्घाटन के संदर्भ में देश के राष्ट्रपति आदिवासी महिला के साथ जो अपमान हुआ इसे भी हम निंदा करते है।
आज जो कुछ गलत हो रहा है इसे हिम्मत के साथ देश के समाने रखने की कोशिश वैकल्पिक मीडिया व बाकी साथियों से हो रहा है, यह सराहनीय है।
हम इन्हें क्रांतिकारी अभिवादन पेश करते है, गोदी मीडिया को बेनकाब, और नकाम करने की मकसद के साथ आगे बढे।
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