छत्तीसगढ़ : दुर्ग थाना पुरानी भिलाई में घटित फिरौती के लिए अपहरण उपरांत हत्या के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने किया चंद घंटों में खुलासा।



छत्तीसगढ़ : दुर्ग थाना पुरानी भिलाई में घटित फिरौती के लिए अपहरण उपरांत हत्या के सनसनीखेज मामले का पुलिस ने किया चंद घंटों में खुलासा।



आद्तन अपराधियों द्वारा सुनियोजित ढंग से पैसे की लेने-देन पर घटना को दिया गया अंजाम।

हत्या कर मृतक के शव को बोरी में भरकर मेस्ट्रो वाहन सहित मयुरा कंपनी के पीछे खादान तालाब में दिया फेंक।



पुलिस को गुमराह करने एवं उगाही के लिए महादेव सट्टा का लिया सहारा।

सूचना के 24 घंटे के भीतर पहले आरोपी को एवं 48 घंटों के अंदर तीनों आरोपियों की लिया पुलिस ने हिरासत में।



पुलिस पार्टी के द्वारा लगातार पीछा कर आरोपियों को गिरफ्तार करने में मिली सफलता।



मामले में तीन आद्तन अपराधी गिरफ्तार।

गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से मृतक का मोबाईल फोन व घटना में प्रयुक्त मोबाईल फोन, सिम, ऑरी व वाहन बरामद।

आरोपीगण पूर्व में हत्या, लूट एवं एनडीपीएस के मामलों में थे जेल में निरूद्ध।

एन्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट दुर्ग व थाना पुरानी भिलाई की संयुक्त कार्यवाही।



छत्तीसगढ़ ( दुर्ग-भिलाई ) ओम प्रकाश सिंह । दिनांक 01.06.2023 को प्रार्थी श्रीमती विमला साहू पति ओम प्रकाश साहू निवासी एकता नगर पुरानी भिलाई थाना पुरानी भिलाई जिला दुर्ग में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज करायी कि दिनांक 31.05.2023 की शाम लगभग 07ः30 बजे मेरे पति ओम प्रकाश साहू घर से निकला था, जो देर रात तक घर वापस नहीं आया कि रात्रि 11.45 बजे अज्ञात नम्बर से फोन आया था जिससे बात नहीं हुयी फिर उसके अपने पति के मोबाईल नम्बर पर अपने बेटी के मोबाईल से फोन लगायी तो फोन नहीं लगा तो उन्हें मैसेज किये। 



दिनांक 01.06.2023 को सुबह 10.15 बजे पति के मोबाईल से फोन आया जिसमें अज्ञात व्यक्ति के द्वारा कहा गया कि तुम्हारा पति मेरे सट्टे का 30 लाख रूपये चुना लगया है मैं दो दिन का समय दे रहा हूँ मेरे सट्टे का 30 लाख रूपये मुझे दे दो नहीं तो तुम्हारे पति का डेड बॉडी तुम्हारे घर भेज दूंगा अगर पुलिस के पास गये तो तुम्हारे पति का डेड बॉडी तुम्हारे घर पहुँच जायेगा, तुम्हारा पति मेरे कब्जे में है कि रिपोर्ट पर थाना पुरानी भिलाई में अपराध क्रमांक 176/2023 धारा 365 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।




उपरोक्त अपहरण एवं फिरौती से जुड़ी सनसनीखेज घटना को अत्यन्त गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा (भा.पु.़से.) के द्वारा प्रकरण के आरोपियों की शीघ्र पतासाजी कर गिरफ्तारी करने के संबंध में निर्देश प्राप्त हुए। जिसके परिपालन में नोडल अधिकारी सायबर सेल प्रभात कुमार (भापुसे), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अनंत साहू (रा.पु.से.), नगर पुलिस अधीक्षक (भिलाई नगर) निखिल राखेचा (भापुसे), नगर पुलिस अधीक्षक (छावनी) आशीष कुमार बंछोर (रा.पु.से.), उप पुलिस अधीक्षक (क्राईम) राजीव शर्मा (रा.पु.से.) के मार्गदर्शन में एवं ए.सी.सी.यू प्रभारी निरीक्षक संतोष मिश्रा तथा थाना प्रभारी पुरानी भिलाई निरीक्षक मनीष शर्मा एवं थाना प्रभारी खुर्सीपार निरीक्षक विरेन्द्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम गठित कर टीम को कार्यवाही हेतु लगाया गया




टीम के द्वारा प्रार्थिया से संपर्क कर विस्तृत पूछताछ कर घटना के संबंध में आवश्यक जानकारी जुटाई गयी। तकनीकी आधार पर पतासाजी के प्रयास किये गये जिसके परिणाम स्वरूप कुछ संदेहियों के मोबाईल नम्बर प्राप्त हुए। उक्त मोबाईल नम्बरों का सूक्ष्मता से विश्लेषण करने पर मुख्य संदेही आशीष तिवारी की घटना में संलिप्तता परिलक्षित हुयी जिससे मुख्य संदेही के संबंध में और भी आवश्यक जानकारी एकत्रित कर टीम को पतासाजी हेतु लगाया गया।

 

टीम द्वारा मुख्य संदेही आशीष तिवारी निवासी घांसीदास नगर जामुल को घेरा बंदी कर पकड़कर पूछताछ किया गया, जो कि प्रारंभिक पूछताछ पर कई घंटों तक गुमराह करता रहा किन्तु तकनीकी आधार पर तथ्यात्मक पूछताछ करने पर डकैती के प्रकरण में सेन्ट्रल जेल दुर्ग में निरूद्ध रहने के दौरान एकता नगर भिलाई 03 निवासी ओम प्रकाश साहू से जेल से ही जान पहचान होना, ओम प्रकाश साहू के जमानत पर छुट जाने के बाद उसके द्वारा पिता सूर्य प्रताप तिवारी से मेरे जमानत के लिए 30 हजार रूपये लिया था और जमानत भी नहीं कराया था। 



जेल में रहने के दौरान और जेल से बाहर आने के बाद भी ओम प्रकाश के द्वारा जमानत कराने के लिये दिये गये पैसे एवं अन्य कुछ लेन देन के लगभग 1.50 लाख रूपये लौटाने से मना किया गया जिससे आशीष तिवारी क्षुब्ध था। अपने पैसों के साथ साथ आशीष की फिरौती के भी बहुत पैसे ओम प्रकाश से निकलवाना चाहता था। जिससे वह अपने साथी रजनीश पाण्डेय एवं अनुज तिवारी निवासी खुर्सीपार के साथ मिलकर ओम प्रकाश साहू की फिरौती के लिए अपहरण की योजना बनायी।



 

योजना के मुताबिक दिनांक 13.05.2023 को एक बीएसएनएल का सीम अपने के साथी के माध्यम से खरीदकर एकटिवेट किया और दिनांक 31.05.2023 की शाम 05ः30 बजे उसी नम्बर से ओम प्रकाश साहू को फोन कर उमंदा शराब भट्टी के पास मिलने बुलाया जहाँ पर अपने उपरोक्त दोनों साथियों के साथ रजनीश की मोटर सायकल में उमंदा शराब भट्टी गया। जहाँ पर ओम प्रकाश साहू अपने मेस्ट्रो वाहन से वहाँ पर आया, उसके बाद शराब व चखना लेकर चारों लोगा खदान के पास गये और वहीं पर शराब पीये, उसके बाद थोड़ा नषा हो जाने पर चारों लोग मेरे द्वारा पहले से किराये पर लिये गये उमंदा स्थित मकान में गये जहाँ पर फिर से चारों लोग शराब पीये। अत्यधिक नषा हो जाने पर वहीं सो गये, सुबह 04ः00 बजे तीनों फिर से उठे और आपस में बातचीत कर पूर्व योजना अनुसार गला दबाकर एवं मुंह नाक बंद कर दिया। 



जिससे कुछ ही देर में ओम प्रकाश की मृत्यु हो गयी। हत्या के बाद तीनों शव के वहीं छोड़कर चले गये और दो अलग अलग समय पर परिवार को फिरौती के लिए फोन किया। शाम के समय बाजार से आरी और बोरा लेकर फिर से उमंदा किराये के मकान में गये जहॉ पर ओम प्रकाश का शव बोरे में नहीं आ रहा था जिससे उसके दोनों पैरों को ऑरी से काटकर मोड़ दिये, सिर और पैर को जीआई तार से बांध दिये। उसकी बॉडी को जुट की बोरी में भरकर बोरी का मुंह बांधकर तीनों मिलकर ओम प्रकाश की मेस्ट्रो गाड़ी को घर के अंदर ले जाकर उसकी बॉडी को बोरी सहित गाड़ी के सामने में रखकर बोरी को मेस्ट्रों गाडी में नायलोन रस्सी से बांधे और ठिकाने लगाने के लिये अनुज तिवारी चलाते हुए लेकर गया मैं पीछे बैठा हुआ था। 



रजनीश पाण्डेय अपनी मोटर सायकल से आगे आगे गया। मयुरा कंपनी के पीछे खादान तालाब में गये और ओम प्रकाश साहू की बॉडी को गाड़ी सहित खादान तालाब में ढकेल दिये और रजनीश की मोटर सायकल से वापस आ गये। मैं पुलिस को गुमराह करने के लिये ओम प्रकाश के घर वालों को महादेव सट्टा का पैसा लेने की बात किया था। आरोपी आशीष तिवारी के पूछताछ के उपरांत प्रकरण के अन्य आरोपी रजनीश पाण्डेय एवं अनुज तिवारी की पतासाजी की गयी जो की घटना के बाद अपने गांव रीवा भागने के संबंध में पता चला। तकनीकी आधार पर पतासाजी करने पर उक्त दोनों आरोपियों की उपस्थिति नागपुर रेल्वे स्टेशन के आसपास होना पता चला।



जिससे नागपुर रेल्वे पुलिस के सहयोग से आरोपी रजनीश पाण्डेय एवं अनुज तिवारी पकड़ने में सफलता प्राप्त हुयी। पूछताछ करने पर उक्त दोनों आरोपियों के द्वारा अपने साथी आशीष तिवारी के साथ मिलकर पैसे के लेने देन के नाम पर हत्या की घटना को अंजाम देना स्वीकार किये। आरोपियों की निषान देही पर मृतक का शव, मेस्ट्रो वाहन, मोबाईल फोन, हत्या की घटना में प्रयुक्त मोबाईल फोन, ऑरी एवं मोटर सायकल बरामद कर जप्त किया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर अग्रिम कार्यवाही थाना पुरानी भिलाई से की जा रही है।




उक्त कार्यवाही में थाना पुरानी भिलाई, खुर्सीपार, जामुल व एन्टी क्राईम व सायबर युनिट दुर्ग के अधिकारी/कर्मचारियों की उल्लेखनीय भूमिका रही



नाम आरोपी -

1. आशीष तिवारी पिता सूर्य प्रताप तिवारी उम्र 34 साल साकिन गुरू घांसीदास नगर जामुल

2. रजनीश पाण्डेय उर्फ अंकू पिता मुन्ना लाल पाण्डेय उम्र 30 साल साकिन बालाजी नगर खुर्सीपार जोन 02 सेक्टर 11 सड़क 52 प्लाट 1/एफ दुर्ग

3. अनुज तिवारी उर्फ लाला पिता सीताषरण तिवारी उम्र 19 साकिन बालाजी नगर खुर्सीपार जोन 02 सेक्टर 11 सड़क 52 प्लाट 1/एफ दुर्ग






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